

विज्ञापनों द्वारा हिन्दू त्योहारों का दुष्प्रचार करनेवालों का हिन्दू आर्थिक बहिष्कार करें – चेतन राजहंस
करण समर्थ : आयएनएन भारत मुंबई
सनातन हिन्दू धर्म के सभी त्योहार, उत्सव और व्रत पर्यावरणपूरक, साथ ही मानवों के लिए हितकारक है; परंतु कुछ वर्षों से साम्यवादी, जिहादी, मिशनरी, फिल्मी कलाकार, सेक्युलर तथा नास्तिक लोग जानबूझकर हिन्दू धर्म को निशाना बनानेवाले अभियान चलाते हैं । जैसे कि ‘पीके’ फिल्म में अभिनेता आमीर खान कहता है कि ‘पत्थर (शिवपिंड) दूध नहीं पीते, उसे गरीबों को दें’; परंतु उन्होंने हमें आजतक यह नहीं बताया कि ‘मरे हुए को ठंड नहीं लगती, तो मजार पर चादर क्यों चढाते है ? इसलिए उन चादरों को गरिबों को दान दें’, ऐसा क्यों नहीं कहता ? होली आई कि यह सब ‘पानी की बचत करो’, दीपावली आई कि ‘वायुप्रदूषण न करें’, ऐसा हमारे प्रत्येक त्योहार के विरुद्ध प्रचार करते है । ‘पेटा’वाले कहते है ‘मकर संक्रात को पतंग न उडाएं; क्योंकि पतंग के कारण पक्षी मरते है’; परंतु पूरे वर्ष मोबाईल का उपयोग करने से सर्वाधिक पक्षी मरते हैं । उस विषय में वे क्यों नहीं कुछ कहते ? हिन्दुओं को संगठित होकर इन हिन्दू धर्मविरोधकों के आरोपों का सामाजिक माध्यमों पर वैचारिक खंडन करना चाहिए । विज्ञापन द्वारा दुष्प्रचार करनेवालों का आर्थिक बहिष्कार करना चाहिए । ऐसा करने पर कोई भी हिन्दू धर्म की ओर टेढी नजर से नहीं देखेगा, ऐसा स्पष्ट प्रतिपादन सनातन संस्था के राष्ट्रीय प्रवक्ता चेतन राजहंसने किया ।


हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से ‘हिन्दु त्योहारों के विषय में दुष्प्रचार तथा उनका वैज्ञानिक महत्त्व’ इस विषय पर आयोजित ‘ऑनलाइन’ विशेष संवाद में वह बोल रहे थे ।
इस संवाद में जयपुर राजस्थान की ‘ज्ञानम् फाऊंडेशन’ के संस्थापक दीपक गोस्वामी ने कहा कि कुछ चलचित्रों द्वारा हिन्दू धर्म को निशाना बनाया जा रहा है । पुजारी को बलात्कारी तथा कुख्यात गुंडे को जय भवानी या हरहर महादेव, कहते हुए दिखाया जाता है । इसलिए पढेलिखें हिन्दू भी संभ्रमित होकर धर्म से दूर जा रहे हैं । इसलिए हिंदुओं को धर्म की उचित शिक्षा देने पर वे ऐसे दुष्प्रचार में नहीं फसंगे । धर्म पर आक्रमण करनेवाले ऐसे चलचित्रों का हिन्दुओं को बहिष्कार करना चाहिए । हमारे हिन्दू धर्म, संस्कृति और त्योहार का ज्ञान विज्ञान पर आधारित होने से पूरे विश्व से पढेलिखें पाश्चात्त्य लोग भी आज उसे स्वीकार कर रहे हैं । यह हिंदुओं के ध्यान में आने पर वे अन्य पंथों की ओर आकृष्ट नहीं होंगे ।
‘लष्कर-ए-हिंद’ के राष्ट्रीय अध्यक्ष ईश्वरप्रसाद खंडेलवाल ने कहा कि, जलीकट्टू, नागपंचमी, जैसे इत्यादि त्योहार-उत्सवों के समय प्राणियों को हानि पहुंचाई जाती है, ऐसे गलत अफवा फैलाने वालों को हिन्दू धर्म का यथार्थ ज्ञान नहीं है । हिन्दू धर्म में केवल देवता नहीं, किन्तु पशु, पक्षी, प्रकृति सहित समूचे पंचतत्वों में से सभी की पूजा की जाती है । ऐसे में हम प्राणियों को कैसे हानि पहुंचा सकते हैं ? हिन्दू धर्म के कारण ही भारत में धर्मनिरपेक्षता और न्यायव्यवस्था बनी हुई है । लेकिन अन्य पंथियों के त्योहार के समय होनेवाली हानियों के विषय में कोई कुछ क्यों नहीं बोलता ? सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के विरुद्ध स्थानिक प्रशासन दीपावली पर पटाखें फोडने पर प्रतिबंध लगा रहे है; परंतु ‘आयपीएल’ क्रिकेट मैच के समय, साथ ही आर्यन खान को छोडने पर फटाके फोडने पर कोई आपत्ति क्यों नहीं उठाता ? केवल हिंदुओं त्योहारो पर ही क्यों आपत्ति उठाई जाती है । यह षडयंत्र सभी नियोजित पद्धति से जारी है, इसलिए हिन्दुओं को अब संगठित होकर इसका विरोध करना चाहिए, ऐसा हिन्दू जनजागृती समिती के राष्ट्रीय प्रवक्ता रमेश शिंदे ने कहा ।
