

जयपुर / श्रीगंगानगर ( ओम दैया )। नई सरसों की फसल आने में कम से कम अभी तीन माह का वक्त है। इस समय सरसों के भाव लगातार ऊंचाई की ओर जा रहे हैं। एक सप्ताह के भीतर ही कम से कम चार सौ रुपये प्रति क्विंटल के भाव बढ़ गये हैं। इसका सीधा असर सरसों के तेल मूल्यों पर पड़ेगा और गृहणियों को 200 रुपये प्रति किलो से महंगा किचन ऑयल खरीदना पड़ सकता है।
पिछले सप्ताह तक सरसों के भाव 72-7300 रुपये के बीच में चल रहे थे। उस समय भी यही लग रहा था कि यह भाव स्थिर रहेेंगे किंतु ऐसा नहीं हो पाया। सरसों के भाव 7700 रुपये को भी पार कर गये हैं। शनिवार को 7726 रुपये प्रति क्विंटल के भाव से फसल की बिक्री हुई। इसी से अनुमान लगाया जा सकता है कि इस जिंस में जो तेजी का रूख नजर आ रहा है, वह आने वाले दिनों में और विराट रूप ले सकता है। नई फसल आने में अभी कम से कम तीन माह का वक्त है। उस समय तक फसल के भाव क्या हो सकते हैं, ऐसा अनुमान लगाया जा सकता है।
दूसरी ओर कपास जो हाल ही में आयी आखिरी जिंस है, के भावों में भी तेजी देखने को मिल रही है, किंतु इसका लाभ किसानो ंको कम और बड़े व्यापारियों ने ज्यादा उठाया है जिन्होंने खेत में खड़ी जिंस का सौदा कर लिया था। वहीं पानी की कमी के कारण इस बार गेहूं की बिजाई गत वर्ष के मुकाबले लगभग आधे क्षेत्र में होने की संभावना जतायी जा रही है क्योंकि इंदिरा गांधी नहर परियोजना में पर्याप्त पानी उपलब्ध नहीं होने का दावा सरकारी स्तर पर किया गया है और किसानों से चना, सरसों की बिजाई अधिक करने के लिए आग्रह किया गया है। ऐसे में अगर गेहूं का सौदा भ खेतों में कर लिया गया तो आने वाले वक्त में गरीब आदमी की थाली से रोटी भी गायब हो सकती है क्योंकि उस स्थिति में गेहूं के दाम तेजी से बढ़ेेंगे।
किसानों को मूंग का समर्थन मूल्य नहीं मिल पा रहा है। शनिवार को भी मूंग को अधिकतम 6315 रुपये में खरीदा गया जबकि एमएसपी 7275 रुपये है। किसानों को भी इसकी जानकारी है कि सरकारी अधिकारी व्यापारियों के दबाव में है और किसानों को नुकसान हो रहा है। इस कारण सोमवार को किसान आंदोलन करते भी नजर आ सकते हैं, जैसा कि रिड़मलसर की एक बैठक में निर्णय लिया गया है। किसानों ने कहा है कि एमएसपी को लेकर वे संघर्ष करेंगे।


दूसरी ओर वर्ष 2018 में किसानों पर दर्ज हुए मुकदमे में किसान सोमवार को सरेंडर कर सकते हैं। किसान नेता गुरबपाल सिंह ने सोशल मीडिया पर एक मैसेज जारी कर आग्रह किया है कि पुराने मुकदमे में जो वांछित हैं, उन सभी को सरेंडर करना होगा। उल्लेखनीय है कि तत्कालीन सीएम को काले झण्डे दिखाने के दौरान किसानों और सरकारी अधिकारियों के बीच झड़प हो गयी थी। उसमें तत्कालीन पुलिस निरीक्षक ओर वर्तमान में डीवाईएसपी नरेन्द्र पूनिया भी घायल हो गये थे जबकि किसान नेता पृथ्वीपालसिंह सहित कई किसान भी घायल हो गये थे। इस मामले में गुरबलपालसिंह ने 17 नामों की सूची जारी की है।
