मोलिक्युलर स्तर के शोध कार्यो की जरूरत:उपमहानिदेशक प्रो. त्रिपाठी

बीकानेर (ओम एक्सप्रेस )। इण्डियन एसोसिएशन ऑफ वेटरनरी पैथोलॉजिस्ट की “पशुओं, वन्यजीवो एवं पोल्ट्री में उभरती बीमारियों के निदान व नियंत्रण हेतु वेटरनरी पैथोलॉजी में प्रगति” विषय पर आयोजित तीन दिवसीय 38वीं अन्तर्राष्ट्रीय कांग्रेस का रविवार को समापन हो गया। आयोजन सचिव प्रो. हेमन्त दाधीच ने बताया कि इस सम्मेलन में राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के 400 वैज्ञानिकों, विशेषज्ञों एवं विद्यार्थियों ने भाग लिया। सम्मेलन के आठ सत्रों में क्लीनिकल पैथोलॉजी और आधुनिक तकनीको से रोग निदान, ओकोलॉजी एवं ओकोजेनेसिस, प्रयोगशाला पशु, वन्य एवं पालतु पशु पैथोलॉजी, टोक्सीको पैथोलॉजी, फार्म मवेशी एवं एवियन पैथोलॉजी, एकल स्वास्थ्य दृष्टिकोण एवं कोविड वैश्विक महामारी विषयों पर 9 लीड पेपर एवं 148 शोध पत्रों का वाचन एवं 150 पोस्टर प्रस्तुत किये गए। इण्डियन एसोसिएशन ऑफ वेटरनरी पैथोलिस्ट के अध्यक्ष एवं भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् के उपमहानिदेशक (पशु विज्ञान) डॉ. बी..एन. त्रिपाठी ने कहा कि हमें पैथोलॉजी के क्षेत्र में नये शोधो को ग्रेजूएट एवं पोस्ट ग्रेजुएट के पाठ्यक्रमों में जोड़ना चाहिए ताकि विद्यार्थी इन क्षेत्रों में प्रगति से अवगत हो सके। हमें अपने शोध कार्यों की कमियों का मूल्यांकन करके मोलिक्युलर एवं उच्च गुणवत्ता की शोध पर ध्यान देना चाहिए। समापन सत्र की अध्यक्षता करते हुए वेटरनरी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सतीश के. गर्ग ने कहा कि आई.सी.ए.आर., विश्वविद्यालय एवं पशुपालन विभाग को पशु रोग निदान के क्षेत्र में समन्वय से कार्य करना चाहिए ताकि उपलब्ध प्रयोगशालाओं एवं जांच सुविधाओं का पशु रोग निदान में समुचित उपयोग हो सके। प्रो. गर्ग ने कॉन्फ्रेंस की रिपोर्ट एवं सिफारिशो के आधार पर प्रोजेक्टस बनाने की भी सलाह दी ताकि अच्छे शोध कार्यों का सही तरह से उपयोग हो सके। उन्होंने प्रयोगशालाओं के मोलिक्युलर जांच के अनुसार सशक्त बनाने का भी सुझाव दिया।

बेस्ट थिसिस, बेस्ट शोध पत्र एवं बेस्ट पोस्टर अवार्ड प्रदान किए
डॉ. सोनाली मिश्रा, डॉ. अनुजना, डॉ. एन.के. धार्मेसा एवं डॉ. जासमीन कपूर को बेस्ट शोध पत्र अवार्ड प्रदान किया गया। डॉ. श्रुति एस. डॉ. मनोज कुमार एवं डॉ. मोहन प्रिया और डॉ. विकास जयसवाल को विभिन्न सत्रों में बेस्ट पोस्टर प्रस्तुतिकरण अवार्ड से नवाजा गया। डॉ. काव्या एम. एवं डॉ. बसती प्रफुलता नीलकण्ठ के शोध को बेस्ट एम.वी.एस.सी. थिसिस अवार्ड प्रदान किया गया तथा डॉ. सुधारानी चौधरी एवं डॉ. एन.के. धार्मेसा के शोध वर्क को बेस्ट पोस्ट डोक्टरेट थिसिस अवार्ड प्रदान किया गया। डॉ. राहित सिंह एवं डॉ. सलेश कुमार पटेल को युवा वैज्ञानिक पुरस्कार प्रदान किया गया। डॉ. पजानिवेल एन. को बेस्ट वन्य जीव पैथोलॉजिस्ट, डॉ. जी.के. सवाल को बेस्ट पोल्ट्री पैथोलॉजिस्ट, डॉ. देवासिस नियोगी को बेस्ट फार्म एनिमल पैथोलॉजिस्ट और डॉ. त्रिदीब कुमार राजखोआ को बेस्ट टीचर अवार्ड से नवाजा गया। कॉन्फ्रेंस के समापन सत्र में आयोजन सचिव प्रो. हेमन्त दाधीच ने कॉन्फ्रेंस की रिपोर्ट प्रस्तुत की। सेकेट्री जनरल डॉ. के.पी. सिंह ने कॉन्फ्रेंस में विभिन्न पुरस्कार एवं विजेताओं के नामों की घोषणा की। प्रो. मनीषा माथुर ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. मनीषा मेहरा ने किया। इस कॉन्फ्रेंस में विश्वविद्यालय के डीन-डॉयरेक्टस, शिक्षक एवं विद्यार्थी ऑनलाइन जुडे। कुल 6600 लोगो ने इस कॉन्फ्रेंस को देखा और सुना।