बड़े मजे की बात है की बाहर से आने वाले यात्री जब हमारे देश या शहर में एयरपोर्ट से बाहर आ जाते है उसके कई दिन बाद उसकी जांच करने का सिलसिला शुरू होता है, फिर पता चलता है कि कुछ यात्री के पते या किसी के फोन नंबर गलत है, अतः घोषणा करना बड़ा आसान हो जाता है कि यह वाला वायरस बाहर से आ गया। जहां चेकिंग सख्त करना थी वहां नहीं करते हुए आम जनता पर सख्ती बरती जा रही है विदेश से आने वाले कई यात्रियों का कहना है कि उनमें से कईयों की कोई जांच-पड़ताल नहीं हुई और प्रशासन यहां आम जनता पर छोटे दुकानदारों पर सख्त से सख्त जाति कर रहे हैं और प्रदेश की सीमाओं पर एक प्रदेश से दूसरी प्रदेश में जाते वक्त गाड़ी नंबर देखकर भाप लेते हैं कि यह दूसरी प्रदेश की गाड़ी है उन्हें रोककर बिना वजह परेशान करके सख्ती दिखा कर पैसे लिए जा रहे हैं। हमने कई डॉक्टरों से वैक्सीनेशन के बारे में पूछा और उसके साइड इफेक्ट के बारे में पूछा और यदि साइड इफेक्ट है तो कितना नुकसान पहुंचा सकते हैं और किन-किन को साइड इफेक्ट ज्यादा हो सकता है, किसी ने भी निश्चित तौर पर नहीं कहा कि वैक्सीनेशन ही इलाज है। यदी सुरक्षा कवच है और यदि यह बात सत्य है तो जहां 100% वैक्सीनेशन का दावा सरकार कर रही है वहां एक-एक दिन में 500 नए मरीज कैसे पैदा रहे हैं। इसका मतलब है कि कही न कही कुछ आंकड़े गलत है। या सुरक्षा जांच में कहीं चूक है।
अशोक मेहता, इंदौर (लेखक, पत्रकार, पर्यावरणविद्)

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