संस्था की तरफ से हुए एक विशेष कार्यक्रम में जहां पूर्व केंद्रीय मंत्री सीआर चौधरी पहुंचे तो वहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री और उनकी टीम को कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूनम कुलरिया ने 21 लाख का चेक भेंट कर बालिका शिक्षा और ग्रामीण अंचल से आने वाली प्रतिभाओं के लिए नए रास्ते प्रशस्त कर दिए. 

बीकानेर। देश में प्रधानमंत्री से लेकर मुख्यमंत्री हो या आम आदमी हो बालिकाओं को आगे बढ़ाने की बात करते है. बालिका शिक्षा, उनकी तरक्की के लिए मुहिम चलाई जाती है. ऐसे में बीकानेर के नोखा के रहने वाले भंवर-नरसी-पूनम कुलरिया ने एक बार फिर सामाजिक सरोकार को निभाते हुए बालिका शिक्षा के प्रोत्साहन को लेकर 21 लाख रुपए की मदद नागौर के वीर तेजा महिला शिक्षण एवं शोध संस्थान को देकर बालिका शिक्षा को लेकर बड़ा कदम उठाया है. संस्था की तरफ से हुए एक विशेष कार्यक्रम में जहां पूर्व केंद्रीय मंत्री सीआर चौधरी पहुंचे तो वहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री और उनकी टीम को कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूनम कुलरिया ने 21 लाख का चेक भेंट कर बालिका शिक्षा और ग्रामीण अंचल से आने वाली प्रतिभाओं के लिए नए रास्ते प्रशस्त कर दिए. 
इस कार्यक्रम में छात्राओं ने कई रंगा-रंग कार्यक्रम प्रस्तुत किए तो वहीं मुख्य अतिथि पूर्व केंद्रीय मंत्री सीआर चौधरी और पूनम कुलरिया का एनसीसी कैडेटस ने अलग अंदाज में स्वागत किया. नोखा के मूलवास सिल्वर जैसे छोटे से गांव से निकलकर पुरी दुनिया में नाम करने वाले भंवर-नरसी-पूनम कुलरिया इससे पहले भी समाज और आम लोगों की मदद के लिए अपना हाथ बढ़ा चुके है ।
यहां इस बार वीर तेजा महिला संस्थान के वार्षिक उत्सव के दौरान केंद्रीय मंत्री सीआर चौधरी की संस्थान जो की बालिका शिक्षा और महिलाओं के उत्थान के लिए काम करती है. पूर्व केंद्रीय मंत्री सीआर चौधरी इस संस्था के अध्यक्ष है और लगातार संस्था के माध्यम से काम कर रहे है. इस कार्यक्रम के दौरान सीआर चौधरी ने कहा कि शिक्षा और संस्कारो का हमको ध्यान देना होगा. ऐसे में आज इस कार्यक्रम में शिरकत कर रहे अतिथि ने संस्था से जुड़कर हमारी मदद की है. 

वहीं, इस मौके पर समारोह के मुख्य अतिथि पूनम कुलरिया ने कहा कि ग्रामीण अंचल में प्रतिभाएं छुपी हुई है. वहीं, बालिका शिक्षा पर जोर देते हुए कहा कि अभिभावक इस बात का ध्यान रखे और बालिकाओं को मोटिवेट करें ताकि छुपी हुई प्रतिभाएं सामने आ सकें. बड़े महानगर की बालिकाएं आगे आ सकती तो ग्रामीण अंचल की क्यू नहीं. वहीं, इस मौके पर अपने पिता संत दुलाराम कुलरिया के मार्ग ओर जीवन दर्शन को याद करते हुए कुलरिया ने अपने दोनो बड़े भाइयों का धधन्यवाद किया।