

प्रस्तुति – अनमोल कुमार
होली भारतीय संस्कृति की पहचान का एक पुनीत पर्व है, भेदभाव मिटाकर पारस्परिक प्रेम व सद्भाव प्रकट करने का एक अवसर है। अपने दुर्गुणों तथा कुसंस्कारों की आहुति देने का एक यज्ञ है तथा परस्पर छुपे हुए प्रभुत्व को, आनंद को, सहजता को, निरहंकारिता और सरल सहजता के सुख को उभारने का उत्सव है। यह रंगोत्सव हमारे पूर्वजों की दूरदर्शिता है, जो अनेक विषमताओं के बीच भी समाज में एकत्व का संचार करता है। होली के रंग-बिरंगे रंगों की बौछार जहां मन में एक सुखद अनुभूति प्रकट कराती है वहीं यदि सावधानी, संयम तथा विवेक न रखा जाये तो ये ही रंग दुखद भी हो जाते हैं। अतः इस पर्व पर कुछ सावधानियाँ रखना भी अत्यंत आवश्यक है
। प्राचीन समय में लोग पलाश के फूलों से बने रंग अथवा अबीर-गुलाल, कुमकुम-हल्दी से होली खेलते थे। किन्तु वर्तमान समय में रासायनिक तत्त्वों से बने रंगोंका उपयोग किया जाता है। ये रंग त्वचा पर चक्तों के रूप में जम जाते हैं। अतः ऐसे रंगों से बचना चाहिये। यदि किसी ने आप पर ऐसा रंग लगा दिया हो तो तुरन्त ही बेसन, आटा, दूध, हल्दी व तेल के मिश्रण से बना उबटन रंगे हुए अंगों पर लगाकर रंग को धो डालना चाहिये। यदि उबटन करने से पूर्व उस स्थान को निंबू से रगड़कर साफ कर लिया जाए तो रंग छूटने में और अधिक सुगमता आ जाती है।
रंग खेलने से पहले अपने शरीर को नारियल अथवा सरसों के तेल से अच्छी प्रकार मल लेना चाहिए ताकि तेलयुक्त त्वचा पर रंग का दुष्प्रभाव न पड़े और साबुन लगाने मात्र से ही शरीर पर से रंग छूट जाये। रंग आंखों में या मुँह में न जाये इसकी विशेष सावधानी रखनी चाहिए। इससे आँखों तथा फेफड़ों को नुकसान हो सकता है।
जो लोग कीचड़ व पशुओं के मलमूत्र से होली खेलते हैं, वे स्वयं तो अपवित्र बनते ही हैं दूसरों को भी अपवित्र करने का पाप करते हैं। अतः ऐसे दुष्ट कार्य करने वालों से दूर ही रहें तो अच्छा है।
वर्त्तमान में होली के दिन शराब अथवा भंग पीने की कुप्रथा है। नशे से चूर व्यक्ति विवेकहीन होकर घटिया से घटिया कुकृत्य कर बैठते हैं। अतः नशीले पदार्थ से तथा नशा करने वाले व्यक्तियों से सावधान रहना चाहिये। आजकल सर्वत्र उन्न्मुक्तता का दौर चल पड़ा है। पाश्चात्य संस्कृति के अंधानुकरण में भारतीय समाज अपने भले बुरे का विवेक भी खोता चला जा रहा है। जो साधक है, संस्कृति का आदर करने वाले हैं। ईश्वर व गुरु में श्रद्धा रखते हैं ऐसे लोगो में शिष्टता व संयम विशेष रूप से होना चाहिये। पुरुष सिर्फ पुरुषों से तथा स्त्रियाँ सिर्फ स्त्रियों के संग ही होली मनायें। स्त्रियाँ यदि अपने घर में ही होली मनायें तो अच्छा है ताकि दुष्ट प्रवृत्ति के लोगों कि कुदृष्टि से बच सकें।
होली मात्र लकड़ी के ढेर जलाने का त्योहार नहीँ है। यह तो चित्त की दुर्बलताओं को दूर करने का, मन की मलिन वासनाओं को जलाने का पवित्र दिन है। अपने दुर्गुणों, व्यसनों व बुराईओं को जलाने, अच्छाईयाँ ग्रहण करने का और समाज में स्नेह का संदेश फैलाने का पर्व है होली।
आज के दिन से विलासी वासनाओं का त्याग करके परमात्म प्रेम, सदभावना, सहानुभूति, इष्टनिष्ठा, जपनिष्ठा, स्मरणनिष्ठा, सत्संगनिष्ठा, स्वधर्म पालन , करुणा दया आदि दैवी गुणों का अपने जीवन में विकास करना चाहिये। भक्त प्रह्लाद जैसी दृढ़ ईश्वर निष्ठा, प्रभुप्रेम, सहनशीलता, व समता का आह्वान करना चाहिये।


होलिका की राख के इन उपायों से दूर होगी समस्याएं
होलिका दहन के बाद बची हुई राख को काफी पवित्र माना जाता है। होलिका की इस राख से जीवन की कई तरह की समस्याएं दूर हो सकती हैं। टैरो कार्ड रीडर सुनिधी मेहरा नारंग ने होलिका दहन की राख के कुछ उपाय बताए हैं जिससे आपको कई समस्याओं से मुक्ति मिल सकती है। जानें, होलिका की राख के इन उपायों के बारे में।
पहला उपाय : अगर आपके घर में लड़ाई-झगड़े बहुत ज्यादा होते हैं या आप घर से नेगेटिव एनर्जी को दूर करना चाहते हैं तो होलिका की राख को पोटली में बांधकर घर की अलग-अलग जगहों पर रख दें. इससे आपको काफी फायदा मिलेगा. और नेगेटिव एनर्जी दूर हो जाएगी. होलिका की राख को खासकर उन कोनों में रखें जहां पर आपको दिक्कतों का ज्यादा सामना करना पड़ता है।
दूसरा उपाय : अगर आपके घर में किसी व्यक्ति को या बच्चे को नजर बहुत जल्दी लगती है या कोई व्यक्ति हमेशा बाीमार रहता है तो इसके लिए आप सात बार होली का राख को व्यक्ति के सिर से पैरों तक एंटी क्लॉक वाइज घुमाएं. और आखिर में 8वीं बार क्लॉक वाइज घुमाएं. इसके बाद इस राख को घर के बगीचे में या कहीं मिट्टी के अंदर डाल दें।
तीसरा उपाय : होलिका की राख से घर की आर्थिक समस्याओं को भी दूर किया जाता है इसके लिए राख को लाल रंग की पोटली में बांधकर अपनी तिजोरी या अलमारी में रख सकते हैं. साथ ही आप इसे अपने पर्स की छोटी सी पॉकेट में भी रख सकते हैं. इसके अलावा कोई भी कार्य करने से पहले सभी को इस राख का टीका लगाएं, इससे सभी काम अच्छे से पूरे होंगे और आपको शुभ परिणाम मिलेंगे।