

इन दिनों देश में महंगाई इतनी इतनी बढ़ रही है कि आम आदमी का जीना कितना मुश्किल होता जा रहा है रेती, गीट्टी, सीमेंट, सरिया, सोना चांदी, डायमंड, अनाज, साग सब्जी, प्लाट, मकान, प्रॉपर्टी, पेट्रोल डीजल, बिजली के बिल, स्कूल की फीस, नगर निगम के टैक्स, टैक्सी भाड़ा और यह महंगाई ताबड़तोड़ कभी भी कितनी भी बढ़ जाए कोई इस पर बोलने वाला नहीं, कंट्रोल करने वाला नहीं, पता नहीं सरकार क्यों चुप है। लेकिन विपक्ष का यही काम है कि ऐसे मुद्दों पर उठाए लेकिन बे भी चुप बैठे हैं। जनता पर महगाई का क्या असर होगा आप कुछ सोच नहीं सकते कल्पना नहीं कर सकते कई लोग कर्ज में डूबेगे, दिवाला निकालेंगे, कमजोर आत्महत्या करेंगे, लूटमार चोरी चकारी बढ़ेगी मैंने पहले भी बताया था कि देश मल्टी मिलेनियर के हाथ में जा रहा है यहां पैसे वाला ही झोली भर भर कर पैसा कमएगा और आंकड़े भी यही कहते हैं कि देश में अरबपतियों की संख्या बढ़ गई पर सरकार देखिये करोड़ों मिडिल क्लास गरीबी रेखा की ओर नीचे खिसकते जा रहे। क्या यही देश की खुशहाली का मापदंड है। जुडिशल इंस्टिट्यूट कुछ करें पर कहीं देर ना हो जाए।
अशोक मेहता, इंदौर (लेखक, पत्रकार, पर्यावरणविद्)