

पूरे देश में राजस्थान 2.6 लाख लम्बित प्रकरणों का निस्तारण कर देशभर में दूसरा स्थान पर : सदस्य सचिव गुप्ता
जयपुर,( दिनेश शर्मा “अधिकारी“)। राष्ट्रीय लोक अदालत तथा बाल विवाह निषेध अभियान के व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए माननीय न्यायाधिपति एम.एम. श्रीवास्तव, कार्यवाहक मुख्य न्यायाधिपति, राजस्थान उच्च न्यायालय, (मुख्य संरक्षक) एवं कार्यकारी अध्यक्ष, राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा माननीय न्यायाधिपति श्रीमान् विजय बिष्नोई, न्यायाधीष, राजस्थान उच्च न्यायालय एवं अध्यक्ष, राजस्थान उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति, जोधपुर व माननीय न्यायाधिपति प्रकाष गुप्ता, न्यायाधीष, राजस्थान उच्च न्यायालय एवं अध्यक्ष, राजस्थान उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति, जयपुर की जरिए वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग उपस्थिति में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, झालावाड़, जालोर, राजसमन्द, धौलपुर व जैसलमेर द्वारा बनाए गए पोस्टर्स एवं वीडियोज का विमोचन राजस्थान उच्च न्यायालय, जयपुर पीठ, जयपुर के काॅन्फ्रेंस हाॅल में किया गया।
राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ,जयपुर उप सचिव-प्रथम स्वाति राव ने बताया कि रजिस्ट्रार जनरल, राजस्थान उच्च न्यायालय, जोधपुर, सदस्य सचिव, राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, रजिस्ट्री व रालसा के अन्य पदाधिकारीगण तथा कर्मचारीगण मौजूद रहें तथा समस्त राजस्थान सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े रहे।
माननीय न्यायाधिपति एम.एम. श्रीवास्तव, कार्यवाहक मुख्य न्यायाधिपति, राजस्थान उच्च न्यायालय, (मुख्य संरक्षक) एवं कार्यकारी अध्यक्ष, राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्रधिकरण, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एवं अन्य हितधारकों के प्रयासों की सराहना व उत्साहवर्धन करते हुए बताया गया कि राष्ट्रीय लोक अदालत का उद्देष्य केवल मुकदमों का फैसला करना ना होकर भाई-भाई, पति-पत्नी, पड़ौसियों तथा पक्षकारान के मध्य उत्पन्न मूल विवाद का निस्तारण किया जाना है, जिससे सभी पक्ष बिना हार-जीत की भावना के सौहार्दपूर्ण माहौल में रह सके। माननीय द्वारा बताया गया कि लोक अदालत के माध्यम से फैसल प्रकरण अंतिम रूप से निस्तारित होते हैं, जिससे लम्बित प्रकरणों की संख्या में कमी आती है। साथ ही मोटर यान दुर्घटना प्रकरणों में परिवार के मुखिया की मृत्यु होने पर लोक अदालत के माध्यम से त्वरित इंष्योरेंष क्लेम दिलवाया जाकर परिजनों को आर्थिक मदद उपलब्ध करवाई जाती है।
न्यायधीश दिनेष कुमार गुप्ता, सदस्य सचिव, ने संबोधन में कहा कि कार्यक्रम के दौरान विमोचित वीडियो व पोस्टर्स के माध्यम से आमजन के मध्य राष्ट्रीय लोक अदालत के लिए जागरूकता फैलेगी तथा लोग बाल विवाह जैसी कुप्रथा के दुष्प्रभावों को जानकर उसके रोकथाम के लिए पे्ररित होंगे। पिछली लोक अदालत मार्च 2022 में रालसा द्वारा 2.6 लाख लम्बित प्रकरणों का निस्तारण कर देषभर में दूसरा स्थान प्राप्त किया गया। रालसा द्वारा पिछली लोक अदालत में लम्बित प्रकरणों को 4.75 प्रतिषत घटाया गया तथा आगामी राष्ट्रीय लोक अदालत में रालसा का लक्ष्य पैंडैंसी को 10 प्रतिषत तक घटाने का है।
कार्यक्रम के अन्त में रालसा की ओर से उप सचिव-प्रथम राव ने माननीय न्यायाधिपतिगण, रजिस्ट्री, राजस्थान उच्च न्यायालय के पदाधिकारीगण, समस्त स्टाॅफ तथा मीडिया कर्मियों को धन्यवाद ज्ञापित किया गया।