कूलर व इनवर्टर की भी व्यवस्था


मोहाली। पंजाब में किसान फिर आंदोलन की राह पर हैं। मंगलवार को उन्होंने चंडीगढ़ की ओर कूच किया लेकिन सीमा पर ही उन्हें रोक लिया गया। अब किसानों ने चंडीगढ़-मोहाली सीमा पर अपना डेरा डाल दिया है। किसानों ने कूलर व इनवर्टर की व्यवस्था भी कर रखी है। माहौल बिल्कुल सिंघु बॉर्डर जैसा बनने लगा है। किसान ट्रैक्टर-ट्रालियों पर रसद और लंगर का सारा सामान लेकर पहुंचे हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि बुधवार तक उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री आवास की ओर कूच करेंगे। फिर चाहे लाठी खानी पड़े या बैरिकेड तोड़ना पड़े। चंडीगढ़ सीमा पर गांवों से ट्रैक्टर-ट्रालियां व अन्य सामान पहुंच गया। खेतों के राजाओं ने सड़क पर गद्दे बिछाकर अपने बिस्तर लगा दिए। साथ ही हवा के लिए पंखे और कूलर लग गए। माहौल मेले जैसा लग रहा है। इतना ही नहीं, दिल्ली संघर्ष में शामिल बुजुर्ग अपनी कहानियां तक सुना रहे हैं।
तीन किलोमीटर में 2000 पुलिस कर्मी थे तैनात!
किसानों के संघर्ष में किसी भी तरह की स्थिति से निपटने के लिए जिला पुलिस ने पुख्ता इंतजाम किए हैं। फेज-आठ गुरुद्वारा श्री अंब साहिब से लेकर वाईपीएस चौक व अन्य सभी प्वाइंटों पर दो हजार से अधिक मुलाजिम तैतान किए गए थे। इसके अलावा सीनियर अफसर खुद सारे धरने पर नजर रख रहे थे। पंजाब की नई सरकार के लिए किसानों का यह पहला धरना था। ऐसे में सरकार की कोशिश यहीं थी किसानों को नाराज न किया जाए।
दिल्ली हिंसा के मुख्य आरोपी लक्खा सिधाना ने तोड़ा बैरिकेड!
किसानों ने जब चंडीगढ़ की तरफ कूच किया तो बैरिकेड तोड़ने वाले किसानों की अगुवाई करने वाला और कोई नहीं बल्कि दिल्ली हिंसा का आरोपी लक्खा सिधाना था। उसकी अगुवाई में बैरिकेड तोड़ा गया। हालांकि बाद में किसान नेताओं ने साफ इशारा किया कि अगले बैरिकेड नहीं तोड़े जाएंगे। साथ ही किसान वहीं पर ही बैठ गए।
किसानों की प्रमुख मांगें!
¤गेहूं की पैदावार कम होने पर 500 रुपये प्रति क्विंटल बोनस।
¤धान की बुवाई के लिए 10 जून से पूरे पंजाब में निर्विघ्न बिजली आपूर्ति।
¤मूंग, मक्का व बासमती की एमएसपी पर खरीद की अधिसूचना जारी हो।
¤बासमती का एमएसपी 4500 रुपये करें।
¤पंचायती जमीनों पर कब्जा किए किसानों को न हटाया जाए।
¤सहकारी बैंकों व अन्य संस्थाओं द्वारा कर्जे पर वारंट और कुर्की बंद हो।
¤किसानों के दो लाख रुपये तक के कर्ज माफ किए जाएं।
महिला किसान भी सड़क पर उतरीं!
महिला किसान यूनियन का एक समूह भी यूनियन अध्यक्ष राजविंदर कौर राजू के नेतृत्व में शामिल हुआ। प्रधान ने कहा केंद्र की किसान विरोधी सरकार की तरह ही मुख्यमंत्री भगवंत मान भी राज्य के किसानों की जायज मांगों की अनदेखी कर रहे हैं, जिस कारण राज्य में किसान आफत में हैं। किसान आत्महत्या तक कर रहे हैं लेकिन आप सरकार के कानों पर जूं नहीं रेंग रही है। इसी आक्रोश के चलते किसानों को यह राह चुननी पड़ी है।
कूलर बचाएगा गर्मी से, खाने की कोई कमी नहीं!
किसान संघर्ष के लिए पूरी तैयारी से आए हैं। पक्का मोर्चा लगाते ही उन्होंने टेंट लगा दिए हैं। इसके अलावा कुछ किसान गर्मी से राहत के लिए अपनी ट्रालियों में कूलर और रोशनी के लिए इनवर्टर लाए हैं। दूसरा दिल्ली संघर्ष के बाद किसान भी काफी मजबूत हो गए हैं। लोकल संस्थाएं उनको सामान आदि मुहैया करवाने में जुट गई हैं। किसानों का कहना है कि वह जंग जीतकर ही वापस जाएंगे।
मोहाली में बनी जाम की स्थिति!
पंजाब सरकार के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन की वजह से मोहाली में मंगलवार को जाम की स्थिति बन गई। लोगों को मिनटों का सफर तय करने में घंटों लग गए। भीषण गर्मी और जाम के चलते कई सड़कों पर वाहन रेंगते रहे। जाम से बचने के लिए बड़ी संख्या में लोगों ने शहर की अंदरूनी सड़कों से निकलने की कोशिश की लेकिन वहां भी उन्हें राहत नहीं मिली। हालांकि ट्रैफिक पुलिस ने यातायात को सुचारु रखने के लिए पुख्ता इंतजाम किए थे लेकिन वह नाकाफी साबित हुए। किसानों के संघर्ष की सूचना के बाद सोमवार रात को पुलिस ने वाईपीएस चौक पर बैरिकेडिंग कर दी और मंगलवार सुबह चंडीगढ़ की तरफ आवाजाही रोक दी। दूसरी तरफ बुड़ैल जेल से आने वाली रोड पर बैरिकेडिंग की गई थी। इस वजह से लोग को काफी परेशानी हुई। वाईपीएस रोड से आने वाले लोग सेक्टर-50 की तरफ से निकल रहे थे या फिर चंडीगढ़ से फेज-तीन ए की रोड का इस्तेमाल कर रहे थे। जाम की वजह से कई परिजनों को बच्चों को स्कूल छोड़ने और लाने में काफी दिक्कत उठानी पड़ी। फेज-दो निवासी दीपक चौधरी ने बताया कि धरने के लिए एक स्थायी जगह तय होनी चाहिए। ताकि लोगों को परेशानी न हो।