_वास्तविक आय से 544% अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप
_ अवैध वसूली व गलत कामों से करोड़ों की काली कमाई भी

  • आरा : ( अनमोल कुमार ) ।सिपाही की नौकरी कर अकूत संपत्ति अर्जित करने वाले बिहार पुलिस मेंस एसोसिएशन के अध्यक्ष नरेंद्र कुमार धीरज को बर्खास्त कर दिया गया। भोजपुर के सहार थाना क्षेत्र के मुजफ्फरपुर गांव निवासी नरेंद्र के खिलाफ यह कार्रवाई भ्रष्टाचार और आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में की गई है। इन पर वास्तविक आय से करीब 544 फीसदी अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप है।
    लखीसराय एसपी की ओर से इस मामले में पिछले दस मई को जिला आदेश जारी कर दिया गया है। इस मामले में पिछले साल 25 अक्टूबर को ही सस्पेंड किया गया था। एसपी की ओर से जारी जिलादेश में मेंस एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष पर पद का दुरूपयोग कर अपने और परिजनों के नाम पर करोड़ों की संपत्ति अर्जित करने का आरोप लगाया गया है। इसके अलावा अनुशासनहीन और आपराधिक चरित्र वाला बताया गया है।
    भाइयों-भतीजे के यहां छापे में 9.5 करोड़ की संपत्ति
    जिलादेश में नरेंद्र कुमार धीरज के खिलाफ पूर्व में की गयी विभागीय कार्रवाई और दर्ज मामलों का भी उल्लेख किया गया है। बता दें कि पिछले साल आय से अधिक संपत्ति की जानकारी मिलने के बाद आर्थिक अपराध इकाई की ओर से जांच की गयी थी। इसके तहत बीते 21 सितंबर को नरेंद्र और उनके भाइयों और भतीजे के मकान सहित अन्य प्रतिष्ठानों पर ईओयू की ओर से छापेमारी हुई थी। उसमें करीब 9.5 करोड़ की संपत्ति का पता चला था।
    जानकारी के मुताबिक, मिली संपत्ति आय से 544 फीसदी अधिक थी। इसके बाद नरेंद्र कुमार को निलंबित करते हुए विभागीय जांच शुरू की गयी थी। जांच का जिम्मा लखीसराय के एएसपी सैयद इमरान मसूद को दिया गया था। जांच रिपोर्ट के आधार पर सेवा से बर्खास्त कर दिया गया।
    ट्रक से अवैध वसूली के चक्कर में गई नौकरी
    सिपाही नरेंद्र कुमार धीरज अपने परिजनों की ओर से ट्रक चालकों से अवैध वसूली के चक्कर में फंस गये। उसी से सिपाही की नौकरी कर धनकुबेर बने नरेंद्र कुमार धीरज व परिवार की काली कमाई का खुलासा हो गया।
    भाई-भतीजे पुलिस सांठगांठ से अवैध धंधे में लिप्त थे
    उनके भाई और भतीजे पर पुलिस की सांठगांठ से पहले से ही अवैध धंधा करने और ट्रक व्यवसाय से जुड़े लोगों को परेशान करने के आरोप लगते रहे थे, लेकिन जून में सहार थाने की पुलिस की मिलीभगत से ट्रक चालकों से अवैध वसूली में संलिप्तता में उनके भाई के पकड़े गए थे। इसे लेकर उनके और परिवार के खिलाफ आर्थिक अपराध इकाई में शिकायत भी दर्ज करायी गयी थी। उस आधार पर ईओयू ने जब जांच शुरू की तो काली कमाई सामने आ गई। उनके दो भाइयों के खिलाफ धोखे से 72 डिसमिल जमीन अपने नाम करवा लेने का भी आरोप है।