बीकानेर । केन्द्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम राज्यमंत्री श्री गिरिराज सिंह और केन्द्रीय जल संसाधन, नदी विकास, गंगा पुनरोद्धार तथा संसदीय कार्य राज्यमंत्री श्री अर्जुन राम मेघवाल ने शनिवार को विभिन्न कार्यक्रमों में शिरकत की।
श्री सिंह व श्री मेघवाल ने रानी बाजार स्थित ऊनी खादी ग्रामोद्योग संस्थान में खादी और ग्रामोद्योग आयोग की के.आर.डी.पी. योजना के तहत खादी स्टोर का शिलान्यास किया। इस अवसर पर श्री सिंह ने संस्थान में कार्यरत कतिनों से बातचीत की। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार का प्रयास है कि खादी घर-घर में पहुंचे, जिससे महात्मा गांधी का ग्राम स्वराज का सपना साकार हो सके। कतिनों को मेहनत के मुताबिक आय हो। खादी को टेक्सटाइल टेक्नोलॉजी से जोड़ा जाए। उन्होंने कहा कि मंत्रालय द्वारा एंतरप्रेन्योर मिशन पर 5 करोड़ लोगों को रोजगार देने की योजना है। उन्होंने संस्थान से एक गांव को गोद लेकर उसे रोजगार युक्त बनाने का आह्वान किया।
केन्द्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम राज्यमंत्री ने कहा कि मंत्रालय द्वारा ‘सोलर चरखा मिशन’ पर कार्य किया जा रहा है। यह अभिनव योजना देश के 500 क्लस्टरों में प्रारम्भ की जाएगी। उन्होंने कहा कि मंत्रालय की ‘माई’ एवं ‘गाई’ योजना के बारे में बताया तथा कहा कि यह योजना गांवों की अर्थव्यवस्था मंे आमूलचूल बदलाव लाएगी। उन्होंने कहा कि खादी में नवाचारों के माध्यम से कतिनों को सशक्त करने के लिए ‘माई’ और गौ मूत्र आधारित उत्पादों एवं बायो कम्पोस्ट बनाने के लिए ‘गाई’ की शुरुआत की जा रही है। उन्होंने कहा कि मंत्रालय का संकल्प है कि कतिनों से लेकर खादी से जुड़े प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में खुशहाली आए।
केन्द्रीय संसदीय कार्य राज्यमंत्री श्री मेघवाल ने कहा कि बीकानेर, वूलन खादी का हब है। इसमें रोजगार के और अधिक अवसर कैसे पैदा हों, केन्द्र सरकार इस दिशा में कार्य कर रही है। इस अवसर पर स्वतंत्रता सेनानी हीरा लाल हर्ष, डॉ. सत्यप्रकाश आचार्य, सहीराम दुसाद, पार्षद शिव कुमार रंगा, मोहन सुराणा, अरूण जैन, पुनीत ढाल सहित विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधि मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन ज्योति प्रकाश रंगा ने किया।
ऊनी उत्पति केन्द्र का किया अवलोकन
श्री सिंह एवं श्री मेघवाल ने ग्राम स्वराज समिति छापर के रायसर स्थित ऊनी उत्पति केन्द्र का अवलोकन किया। यहां कार्यरत कतिनों से बातचीत की तथा उनकी दैनिक आय के बारे में पूछा। केन्द्र द्वारा बनाए गए ऊनी स्टॉल, जेकार्ड और कोटन वस्त्रों की सराहना की। इंटर्नशिप कर रही पॉलिटेक्निक कॉलेज की छात्राओं से बातचीत की। उन्होंने कहा कि आज जमाना बदल चुका है। उपभोक्ता की मांग के अनुरूप उत्पाद तैयार किए जाएं। केन्द्रीय राज्य मंत्री ने परम्परागत लूम, ग्राम लक्ष्मी लूम का अवलोकन, किया। संस्थान के मंत्री सीताराम गर्ग ने संस्थान की गतिविधियों के बारे में जानकारी दी।
सर्किट हाउस में की अगवानी
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इससे पहले शनिवार प्रातः केन्द्रीय लघु, सूक्ष्म एवं मध्यम उद्यम राज्यमंत्री श्री गिरिराज सिंह के सर्किट हाउस पहुंचने पर डॉ. सत्यप्रकाश आचार्य तथा सहीराम दुसाद ने उनकी अगवानी की। इस अवसर पर स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बीआर छीपा, राजूवास के पूर्व कुलपति प्रो. एके गहलोत, जिला उद्योग केन्द्र के महाप्रबंधक आरके सेठिया सहित विभिन्न बैंकों के अधिकारी मौजूद थे।
एसकेआरयू में कृषि महाविद्यालय के परीक्षा भवन का हुआ उद्घाटन
केन्द्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम राज्यमंत्री श्री गिरिराज सिंह और केन्द्रीय जल संसाधन, नदी विकास, गंगा पुनरोद्धार तथा संसदीय कार्य राज्यमंत्री श्री अर्जुन राम मेघवाल ने शनिवार को स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय में कृषि महाविद्यालय के परीक्षा भवन का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर श्री सिंह ने कहा कि वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी हो तथा रसायनिक खाद का उपयोग कम हो, केन्द्र सरकार इस दिशा में कार्य कर रही है। आज दुनिया के 178 देशों द्वारा 50 हजार हैक्टेयर मिलियन हैक्टेयर में जैविक खेती की गई है। हमारे देश में भी रसायनिक खाद पर निर्भरता कम हो, इसके लिए प्रयास जरूरी हैं। उन्होंने कहा कि आज, कृषि से लोगों का लगाव कम हो रहा है। यह चिंताजनक विषय है। ऐसे में कृषि विश्वविद्यालय जैसे संस्थान पहले करें। कृषि वैज्ञानिक, समाज को कुछ देने का प्रण लें। दुनिया की मांग के अनुसार उत्पाद दिए जाएं। उन्होंने मूल्य संवर्धन के सिद्धांत को अपनाने का आह्वान किया।
श्री सिंह ने कहा कि रासायनिक खेती के कारण हमें गंभीर बीमारियों को सामना करना पड़ रहा है। इसे ध्यान रखते हुए केन्द्र सरकार द्वारा गो मूत्र आधारित बायो कम्पोस्ट बनाया गया है। इसमें 5 से 7 प्रतिशत नाइट्रोजन बैस दिया गया है। श्री सिंह ने गांय को भारतीय अर्थव्यवस्था की धुरी बताया तथा कहा कि आज हमारे देश की जनसंख्या, दुनिया की 18 प्रतिशत है, जबकि जमीन 2.5 तथा पानी 4.2 प्रतिशत है। इसे ध्यान रखते हुए कृषि की नवीनतम तकनीकें अपनानी होंगी।
केन्द्रीय राज्यमंत्री श्री मेघवाल ने कहा कि एसकेआरयू द्वारा कृषि अनुसंधान के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया जा रहा है। यहां पर्याप्त संसाधन हैं तथा मरूस्थलीय क्षेत्र में होने के कारण यह केन्द्रीय विश्वविद्यालय बनाए जाने का सर्वोत्तम हकदार है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी हो, इसमें सोशल एंतरप्रिन्योरशिप की जरूतर भी है। कृषि वैज्ञानिक, किसानों को नई तकनीकों की जानकारी दें। बूंद-बूंद पानी का सदुपयोग करते हुए अधिकाधिक पैदावार ली जाए।
कुलपति प्रो. बीआर छीपा ने कहा कि भारत की कृषि तकनीक का विस्तार पूरी दुनिया में हो, विश्वविद्यालय इस क्षेत्र में कार्यरत है। विश्वविद्यालय द्वारा जैविक खेती, मूल्य संवर्धन तथा नवीनतम तकनीकों को अपनाने पर जोर दिया जा रहा है। उन्होंने विश्वविद्यालय की विभिन्न गतिविधियों के बारे में बताया। गृह विज्ञान महाविद्यालय अधिष्ठाता तथा संकाय अध्यक्ष डॉ. आइपी सिंह ने स्वागत उद्बोधन दिया। उन्होंने बताया कि नवनिर्मित परीक्षा भवन के माध्यम से एक साथ 250 विद्यार्थी परीक्षा दे सकेंगे तथा सेंट्रली मॉनिटरिंग की जा सकेगी।
इससे पहले अतिथियों ने मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की। विश्वविद्यालय का कुलगीत प्रस्तुत किया गया तथा बालिकाओं ने सरस्वती वंदना की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम का संचालन बृजेन्द्र त्रिपाठी ने किया। डॉ. मधु शर्मा ने आभार जताया। इस अवसर पर डॉ. पीएन नेहरा, डॉ. एसके शर्मा, डॉ. इंद्र मोहन वर्मा, डॉ. एसएल गोदारा, डॉ. आरडी जाट, डॉ. एनडी शर्मा, डॉ. एके शर्मा, डॉ. एसएस शेखावत सहित विभिन्न अधिकारी मौजूद थे।
बैठक में की प्रगति समीक्षा
श्री सिंह ने कृषि महाविद्यालय के सभागार में बैंक तथा एसकेआरयू के अधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने सोलर चरखा मिशन के बारे में बताया तथा कहा कि इसमें खादी संस्था, कतिन एवं बैंक के मध्य अनुबंध होगा। इससे कतिन की आय न्यूनतम 6 से 10 हजार रुपये प्रतिमाह हो जाएगी। बैठक के दौरान उन्होंने पीएमइजीपी तथा मुद्रा सहित विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की। एसकेआरयू के निदेशकों, अधिष्ठाताओं एवं अधिकारियों की बैठक के दौरान उन्होंने हरे चारे के लिए सहजना उत्पादन पर बल दिया। उन्होंने कहा कि इससे पशुओं के दूध में प्रोटीन की मात्रा बढ़ती है। उन्होंने बकरी उत्पादन पर जोर दिया तथा कहा कि पशुपालन के माध्यम से किसानों की आय बढ़ाई जा सके। उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र के निदेशक एनवी पाटिल ने बताया कि ऊंटनी के दूध से डायबिटीज का निदान संभव है।
सूक्ष्म ,लघु एवं मध्यम उद्योग के विकास के लिए सकारात्मक प्रयास होंगे : सिंह
केन्द्रीय सूक्ष्म ,लघु एवं मध्यम उद्यम राज्यमंत्री श्री गिरिराज सिंह ने कहा कि केन्द्र सरकार उद्योगों से जुड़ी समस्याओं को समाधान प्राथमिकता से करेंगी।
श्री सिंह शनिवार को रानी बाजार स्थित बीकानेर जिला उद्योग संघ सभागार में आयोजित कार्यक्रम में विभिन्न उद्योग संघों के पदाधिकारियों और उद्यमियों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सूक्ष्म ,लघु एवं मध्यम उद्योगों के प्रति सरकार का नजरिया हमेशा सकारात्मक रहा हैं। सरकार इन उद्योगों के उन्नति के लिए जो भी बन पडेग़ा,वह करेंगी।
इस अवसर पर केन्द्रीय जल संसाधन राज्यमंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने स्थानीय उद्यमियों की समस्याओं के समाधान की बात कही। बीकानेर जिला उद्योग संघ के अध्यक्ष द्वारका प्रसाद पचीसिया ने स्वागत किया और सूक्ष्म ,लघु एवं मध्यम उद्यम के संबंध में मंत्री को जानकारी दी। उन्होंने बीकानेर गेस पाइप लाइन से जोड़ने,राजस्थान में हिमाचल प्रदेश व दिल्ली की तर्ज पर व्यापारी वेलफेयर बोर्ड का गठन करवाने,राजस्थान को सरसों उत्पादन घोषित करने,खाद्य अनुज्ञा-पत्रों की वैधता अवधि पूर्ण होने के 30 दिवस पूर्व ही अनुज्ञा पत्रों का नवीनीकरण पर ली जाने वाली पेनल्टी तथा एक ही लाइसेंस नम्बर जारी करवाने,बीकानेर मंे श्रमिकों के हितार्थ 100 बैड का स्वीकृत ईएसआई कोपरिशन से अनुशंसा कर ईएसआई अस्पताल स्वीकृत करवाने की मांग रखी। दाल मिल एसोसियेशन के जयकिशन अग्रवाल ने दाल उद्योग की समस्या,वूलन ऐसोसियेशन के बृजमोहन ने ऊन की और राजेश चावला ने पीओपी उद्योग और कन्हैया लाल लखानी ने तिरपाल इकाईयों की समस्याओं के समाधान की आवश्यकता जताई।
इस अवसर उद्यमी सुभाष मितल,निर्मल पारख,नरेश मितल,शान्ति लाल बोथरा,श्रीधर शर्मा,डॉ.सत्य प्रकाश आचार्य,सहीराम दुसाद,जिला उद्योग केन्द्र के महाप्रबन्धक आर.के.सेठिया सहित बड़ी संख्या में उद्यमी उपस्थित थे