

इस स्वतंत्रता दिवस पर भ्रष्टाचार, सत्ता मोह, सरकारी धन का दुरुपयोग, मिलावट खोरी जैसी कई बुराइयों से आजादी की गुहार सभी के दिलों में है। हजारों लाखों शहीदों के बलिदान, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, महात्मा गांधी और असंख्य स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के अथक प्रयासों से अंग्रेजों से तो आजादी मिल गई और स्वतंत्र भारत का पुनर्निर्माण हो गया। समय के साथ राजनीतिक स्थितियां बदल गई कई सत्ताधारीयो की विचारधारा मैं परिवर्तन आया और शासन प्रशासन मे धीरे-धीरे भ्रष्टाचार, झूठ कपट, लालच, स्वार्थीपन, धोखाधड़ी आदि कई बुराई उनके आचरण में प्रवेश कर गई। कई नागरिक भी इससे अछूते नहीं रहे, जहां जिसको जैसा मौका मिला उसने जनता से पैसा लूटना जारी रखा, चाहे कितनी भी विकट आपदा हो लाभ उठाने वाले हैं लालची होने से नहीं चूके और मनमाने पैसे जनता से वसूलते आ रहे।
इस समय पूरा देश तिरंगा उठाकर राष्ट्रप्रेम से उल्लासीत और उत्साहित है। उम्मीद है सभी बुराइयों के जनक के मन में भी राष्ट्रभक्ति जाग जाए और वे राष्ट्र निर्माण में इमानदारी से योगदान दे तभी स्वर्णिम युग के पुनर्स्थापना हो जाएगी।
जय भारत
अशोक मेहता, इंदौर (लेखक, पत्रकार, पर्यावरणविद्)