_अब प्रभारी माकन को हटाने की मुहिम में जुटा गहलोत खेमा, _गहलोत आज दिल्ली जा सकते हैं

जयपुर (ओम एक्सप्रेस)राजस्थान कांग्रेस में चल रही सियासी उठापटक का असर कांग्रेस अध्यक्ष के चुनावों पर भी पड़ा है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नजदीकी तीन नेताओं को विधायक दल की बैठक के बहिष्कार पर नोटिस देने के बाद इस मामले में फिलहाल 10 दिन के लिए टालने का प्रयास माना जा रहा है।

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव को देखते हुए हाईकमान ने एक बार इस विवाद को टालने के लिए जल्दी एक्शन लिया है। अध्यक्ष पद पर हो रहे चुनाव को लेकर आज का दिन काफी अहम माना जा रहा है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का आज दिल्ली दौरे पर आने का कार्यक्रम बन रहा है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक अध्यक्ष पद पर नॉमिनेशन के लिए आज नाम फाइनल होने की संभावना जताई जा रही है। राजस्थान विवाद के बाद अध्यक्ष पद पर नॉमिनेशन के लिए नए सिरे से कई नाम चर्चा में हैं, लेकिन कांग्रेस नेताओं का एक वर्ग अब भी गहलोत का नाम आगे बढ़ा रहा है। हालांकि गहलोत को लेकर अब भी स्थिति साफ नहीं है। विधायक दल की बैठक के बहिष्कार मामले में पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट और नोटिस दोनों में गहलोत पर कोई कमेंट नहीं करने के पीछे विवाद को टालने की एक्सरसाइज और आगे संभावनाएं खुली रखने की रणनीति से जोड़कर देखा जा रहा है।_

_अध्यक्ष पद पर अब तक केवल दो ही नेताओं ने नॉमिनेशन फॉर्म लिए

कांग्रेस अध्यक्ष पद पर 30 सितंबर तक नामांकन भरे जा सकेंगे। अब तक कांग्रेस के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण से केवल शशि थरूर और कोषाध्यक्ष पवन कुमार बंसल ही नॉमिनेशन फॉर्म लेकर गए हैं। पवन बंसल खुद नॉमिनेशन भरने से मना कर चुके हैं। बताया जाता है कि बंसल ने हाईकमान के नेताओं के इशारे पर ही नॉमिनेशन फॉर्म लेकर रखा है, ऐसे में कोई नया नाम सामने आ सकता है।

_गहलोत का नाम फिर चर्चा में

राजस्थान विवाद के बाद दिल्ली में अशोक गहलोत को अध्यक्ष पद की दौड़ से बाहर मान लिया था, लेकिन कल रात से फिर उनका नाम चर्चाओं में आ गया है। कांग्रेस नेताओं का एक वर्ग गहलोत के नाम को फिर आगे बढ़ा रहा है। गहलोत के दिल्ली दौरे के कार्यक्रम को भी उनके अध्यक्ष पद की रेस में आने से जोड़कर देखा जा रहा है, लेकिन इस पर शाम तक ही स्थिति साफ होने की उम्मीद है। गहलोत ने मंगलवार शाम जयपुर में मंत्री-विधायकों से मुलाकात की थी। इस दौरान उन्होंने नॉमिनेशन के लिए कोई बात नहीं की। गहलोत ने सप्ताह भर पहले विधायक दल की बैठक में कहा था कि अगर अध्यक्ष चुनाव लड़ा तो सबको दिल्ली चलना होगा। गहलोत की तरफ से अब तक उनके प्रतिनिधि ने अभी तक नॉमिनेशन फाॅर्म भी नहीं लिया है।

गहलोत खेमे की अब प्रभारी बदलने की मांग, माकन विरोधियों को गहलोत गुट का साथ

राजस्थान विवाद में प्रदेश प्रभारी अजय माकन अब अशोक गहलोत खेमे के निशाने पर हैं। गहलोत गुट को एआईसीसी में माकन विरोधी नेताओं का भी साथ मिल रहा है। इन नेताओं ने अब माकन के खिलाफ मुहिम छेड़ दी है। गहलोत खेमा माकन को हटाने की मांग कर रहा है। विधायक दल की बैठक का बहिष्कार करने के बाद हुए विवाद और माकन की रिपोर्ट पर गहलोत के नजदीकी मंत्री शांति धारीवाल और महेश जोशी ने खुलकर सवाल उठाए थे। धारीवाल ने माकन पर पक्षपात करने के आरोप लगाए। इन आरोपों पर गहलोत ने अब तक कुछ नहीं कहा है। अजय माकन को लेकर गहलोत खेमा कभी भी संतुष्ट नहीं रहा, अब उन्हें बदलने की नए सिरे से मुहिम शुरू की गई है।_

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11 जून 2000…सचिन पायलट की उम्र 22 साल थी, जब जयपुर में हुए एक सड़क हादसे में उन्होंने अपने पिता को खो दिया। यही वो समय था कि जब उन्होंने राजस्थान की राजनीति में एंट्री ली। 2004 में 26 साल की उम्र में लोकसभा चुनाव जीतकर सबसे कम उम्र के सांसद बने। इसी साल राहुल गांधी भी पहली बार सांसद बनकर लोकसभा पहुंचे थे। यहां दोनों में दोस्ती हुई। दोनों को कई मौकों पर एक साथ देखा जाता था।

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भले ही सचिन ने अभी तक बैटिंग शुरू नहीं की हो, लेकिन इस सियासी मैच में सबसे ज्यादा रन उन्हीं की टीम ने स्कोर किए हैं।_

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कांग्रेस में अध्यक्ष और राजस्थान में मुख्यमंत्री का चयन आपस में उलझ गया है। अशोक गहलोत के अध्यक्ष पद के नामांकन के बीच सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाए जाने की संभावनाएं बनने लगीं। ऐसे में गहलोत गुट हाईकमान से ही भिड़ गया।_

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राजस्थान में सवा दो साल पहले आए सियासी संकट का दूसरा पार्ट वापस देखा जा रहा है। इस बार किरदार बदले हुए हैं। अशोक गहलोत खेमे के विधायकों के सचिन पायलट को सीएम बनाए जाने की संभावनाओं पर बगावती तेवर दिखाने से संकट के हालात बने हैं।_

_इन हालात के बाद सवाल उठने लगा है कि क्या…

अब गांधी परिवार अशोक गहलोत को अध्यक्ष के पद पर बैठाएगा?

_आखिर गहलोत गुट को किस बात की चिंता है?

अब सचिन पायलट कैंप का रुख क्या होगा?