_सरकार गिराने से लेकर बचाने तक के रोल में रहे बेबाक; राहुल को कहा था जोकर


जयपुर।कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और चूरू जिले के सरदाशहर से विधायक पंडित भंवरलाल शर्मा का निधन हो गया है। जयपुर के एसएमएस अस्पताल में आज सुबह शर्मा ने अंतिम सांस ली। शनिवार शाम को ही उन्हें एसएमएस अस्पताल भर्ती करवाया गया था।

शर्मा अपने 37 साल के करियर में हमेशा बेबाक बयानबाजी के लिए पहचाने गए। आम आदमी से जुड़ाव और खुलकर अपनी बात कहने के कारण उन्हें कई बार परेशानी का भी सामना करना पड़ा। करीब आठ साल पहले कांग्रेस ने उन्हें राहुल गांधी को जोकर कहने पर निलंबित कर दिया था।

विद्याधर नगर के ब्राह्मण महासभा भवन में भंवरलाल शर्मा की पार्थिव देह अंतिम दर्शनों के लिए रखी गई है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सहित कांग्रेस व भाजपा के नेता भी उनके अंतिम दर्शनों के लिए पहुंचे हैं।
विद्याधर नगर के ब्राह्मण महासभा भवन में भंवरलाल शर्मा की पार्थिव देह अंतिम दर्शनों के लिए रखी गई है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सहित कांग्रेस व भाजपा के नेता भी उनके अंतिम दर्शनों के लिए पहुंचे हैं।
भंवरलाल शर्मा पिछले कई दिनों से बीमार थे। पहले उन्हें गुड़गांव के मेदांता अस्पताल में भी भर्ती करवाया था, वहां से छुट्टी मिल गई थी। उन्हें किडनी सहित कई तरह की बीमारियां थीं। शनिवार को तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर उन्हें एसएमएस अस्पताल में भर्ती करवाया था, जहां आज उन्होंने अंतिम सांस ली।

उनके निधन पर कांग्रेस, बीजेपी के नेताओं सहित कई संगठनों ने शोक जताया है। उनके परिवार में दो बेटे और दो बेटियां हैं। उनके बेटे अनिल शर्मा को सरकार ने पिछले साल राजनीतिक नियुक्ति दी थी।
उनके निधन पर कांग्रेस, बीजेपी के नेताओं सहित कई संगठनों ने शोक जताया है। उनके परिवार में दो बेटे और दो बेटियां हैं। उनके बेटे अनिल शर्मा को सरकार ने पिछले साल राजनीतिक नियुक्ति दी थी।
17 अप्रैल 1945 को सरदाशहर के जैतसीसर गांव में पैदा हुए भंवरलाल शर्मा ने 60 के दशक में सरपंच से राजनीतिक करियर की शुरुआत की। इसके बाद उन्होंने सियासत में पीछे मुड़कर नहीं देखा। शर्मा सरदारशहर से सात बार विधायक रहे। वे 8 वीं से लेकर 12 वीं विधानसभा तक सरदारशहर से पांच बार लगातार जीते। बीच में हार गए थे। ​वे कांग्रेस से पहले जनता पार्टी में रहे थे।

भंवरलाल 1985 में पहली बार विधायक बने थे। इसके बाद 1990 में राजस्थान सरकार में कैबिनेट मंत्री और विधानसभा में उप मुख्य सचेतक जैसे पदों पर भी रहे।

भंवरलाल शर्मा लंबे समय से बीमार थे। इसी साल जून में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी उनके जयपुर स्थित घर पहुंचे थे और स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली थी।
भंवरलाल शर्मा लंबे समय से बीमार थे। इसी साल जून में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी उनके जयपुर स्थित घर पहुंचे थे और स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली थी।
सीएम गहलोत ने जताया दुख

सीएम अशोक गहलोत ने विधायक भंवरलाल शर्मा के निधन पर दुख जताया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि ‘सरदारशहर (चूरू) से कांग्रेस विधायक श्री भंवरलाल शर्मा के निधन पर मेरी गहरी संवेदनाएं। काफी समय से वो अस्वस्थ चल रहे थे, उनके स्वास्थ्य को लेकर मैं उनके परिवारजनों के संपर्क में था, कल रात एसएमएस अस्पताल पहुंचकर चिकित्सकों से जानकारी ली और परिवार से मुलाकात की थी।’

शर्मा के निधन पर राज्यपाल कलराज मिश्र, सीएम अशोक गहलोत, पूर्व सीएम वसुंधरा राजे, पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया, नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया, उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ सहित मंत्रियों और नेताओं ने शोक जताया है।

सरदारशहर के लिए चुनाव आयोग करेगा फैसला

भंवरलाल शर्मा के निधन के बाद सरदारशहर सीट खाली हो गई है। विधानसभा में कांग्रेस के अब 107 विधायक रह गए हैं। सरदारशहर सीट खाली होने पर अब यहां उपचुनाव करवाने पर फैसला चुनाव आयोग करेगा। किसी विधायक के निधन पर छह महीने के भीतर उपचुनाव करवाने का प्रावधान है,

लेकिन अगर विधानसभा का कार्यकाल साल भर से कम बचा हो तो उपचुनाव नहीं करवाए जाते। विधानसभा का कार्यकाल एक साल से ज्यादा है इसलिए यहां उपचुनाव होना तय माना जा रहा है, हालांकि, आखिरी फैसला चुनाव आयोग करेगा।

देसी अंदाज कभी नहीं छोड़ा, घर आए को भूखा नहीं जाने देते थे

भंवरलाल शर्मा राजनीति में हमेशा मजबूत रहे और सत्ता में पकड़ रही लेकिन उन्होंने कभी देसी अंदाज नहीं छोड़ा। सरदारशहर के लोगों में दादा के नाम से मशहूर भंवरलाल शर्मा के दरवाजे जनता के लिए हमेशा खुले रहते थे। घर आए व्यक्ति को कभी भूखे नहीं जाने देते थे, यह शुरू से लेकर आखिर तक निभाया।

जयपुर के एसएमएस अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले सरदारशहर के लोगों का खास ध्यान रखते थे। क्षेत्र के किसी जरूरतमंद के पास दवा के पैसे नहीं होते थे तो वे इसका इंतजाम करते थे।

शर्मा अपने देसी अंदाज और बेबाक बातों के लिए पहचान रखते थे। वे जनता के बीच काफी लोकप्रिय भी थे। जून में मुख्यमंत्री के साथ कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा भी उनसे मिलने गए थे।
शर्मा अपने देसी अंदाज और बेबाक बातों के लिए पहचान रखते थे। वे जनता के बीच काफी लोकप्रिय भी थे। जून में मुख्यमंत्री के साथ कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा भी उनसे मिलने गए थे।
सरकार बचाने से लेकर गिराने तक के रोल में रहे

भंवरलाल शर्मा सियासी जोड़तोड़ के भी माहिर खिलाड़ी थे। सरकार गिराने से लेकर उसे बचाने तक के रोल में रहे और बेबाकी से रहे। कभी भी उन्होंने सियासी सच्चाई को छिपाया नहीं और बेबाकी से उसे स्वीकारा।

1990 में भैरोसिं​ह शेखावत सरकार को समर्थन दिया और जनता दल दिग्विजय कोटे से मंत्री बने। 1996 में वे जनता पार्टी से उपचुनाव जीते। 1996 में उन पर बीजपी विधायकों के साथ मिलकर भैरोसिंह शेखावत सरकार गिराने की साजिश करने के आरोप लगे थे, हालांकि सरकार बच गई थी।

जुलाई 2020 में सचिन पायलट खेमे की बगावत में साथ रहे

जुलाई 2020 में सचिन पायलट खेमे की बगावत के समय भी भंवरलाल शर्मा चर्चित रहे थे। शर्मा पायलट खेमे के विधायकों के साथ बाड़ेबंदी में मानेसर रहे थे।

जब अगस्त 2020 में सुलह हुई तो वे सबसे पहले आकर सीएम अशोक गहलोत से मिले, बाद में वे गहलोत के समर्थन में ही माने जाते रहे।

भंवरलाल शर्मा का मई 2014 में दिया गया बयान काफी सुर्खियों में रहा था। शर्मा ने राहुल गांधी और उनके सलाहकारों को जोकर कहा था। इसके बाद कांग्रेस ने शर्मा को पार्टी से निलंबित कर दिया था।

उन्होंने कहा था कि गांधी परिवार का सदस्य होने के कारण राहुल को इतनी बड़ी ज़िम्मेदारी दे दी गई। वरना उन्हें कोई अनुभव नहीं है। हालांकि, बाद में भंवर लाल शर्मा की कांग्रेस में वापसी हो गई थी।

चार साल में छह विधायकों का निधन

राजस्थान विधानसभा की नई बिल्डिंग बनने के बाद एक संयोग रहा है कि यहां कभी 200 विधायक एक साथ नहीं बैठे। भवंरलाल शर्मा के निधन के बाद अब विधानसभा में 199 विधायक रह गए हैं। मौजूदा 15वीं विधानसभा में चार साल में अब तक छह विधायकों का निधन हो चुका है।

इससे पहले कोरोना काल में मंत्री और सुजानगढ़ से विधायक मास्टर भंवरलाल, सहाड़ा से कांग्रेस विधायक कैलाश त्रिवेदी, वल्लभनगर से कांग्रेस विधायक गजेंद्र सिंह शक्तावत, राजसमंद से बीजेपी विधायक किरण माहेश्वरी और धरियावद से बीजेपी विधायक गौतम लाल मीणा का निधन हो चुका है।

सरकारी सचेतक ने की थी हवन कराने की मांग

पिछले 21 साल से कई बार ऐसी भी चर्चाएं जोर पकड़ती रहीं कि विधानसभा की बिल्डिंग में भूतों का डेरा है। ये चर्चा विधानसभा में बहस का मुद्दा तक बनी।

पिछली भाजपा सरकार में सरकारी सचेतक रहे कालूलाल गुर्जर ने तो सरकार से हवन कराने की मांग की थी। तत्कालीन एमएलए हबीबुर्रहमान ने भी सीटें पूरी न भर पाने की वजह भूतों को ही बताया था।

गहलोत बोले- अडाणी, अंबानी, जय शाह सबका स्वागत करेंगे:राजस्थान सरकार का समर्थन करते हुए राहुल गांधी ने कहा- गलत फायदा नहीं पहुंचाया

पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बीजेपी नेताओं पर पलटवार किया, इसके बाद राहुल गांधी भी गहलोत का समर्थन करते दिखे। गौतम अडाणी को लेकर BJP की बयानबाजी पर निशाना साधते हुए गहलोत ने कहा- गौतम अडाणी हों या कोई भी अडाणी हों, अंबानी हों। अमित शाह के लड़के जय शाह हों या कोई और।