बीकानेर। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के संबंध में एक दिवसीय परियोजना स्तरीय आमुखीकरण कार्यशाला बुधवार को रवीन्द्र रंगमंच में आयोजित की गई। जिला प्रशासन और महिला एवं बाल विकास विभाग के संयुक्त तत्वावधान् में आयोजित कार्यशाला में बीकानेर पंचायत समिति प्रधान राधा देवी ने कहा कि शिक्षा, महिला सशक्तीकरण की दिशा में सबसे अहम कड़ी है।
उच्च शिक्षित नारी ही बेहतर समाज के निर्माण में अपनी सकारात्मक भूमिका निभा सकती है। उन्होंने कहा कि महिलाओं में कुपोषण रोकने और आने वाली पीढ़ी के शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य की दिशा में शुरू की गई इस योजना का लाभ प्रत्येक पात्र को मिले यह सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक स्तर पर प्रयास करने की आवश्यकता है।
नगर विकास न्यास चैयरमैन महावीर रांका ने कहा कि महिलाएं समाज की धुरी हैं और इनके सशक्तीकरण के बिना विकसित और सभ्य समाज की कल्पना साकार नहीं हो सकती। महिलाओं के सशक्तीकरण में सरकार की योजनाओं से आमूलचूल बदलाव लाया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ के नारे के साथ प्रत्येक महिला के शिक्षा व स्वास्थ्य का संकल्प लेना होगा। कार्यशाला में रिसोर्स पर्सन के रूप में स्काउट एवं गाईड की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ विमला मेघवाल ने कहा कि यदि समाज में लिंगभेद को समाप्त करना चाहते हैं, तो स्त्री व पुरूष को साथ मिलकर काम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि बच्चों को संस्कारित करने से पहले अभिभावकों का संस्कारित होना जरूरी है। माता -पिता समान रूप से घर के काम संभालें, जिससे बच्चों में समानता का संदेश जाए और लड़के-लड़की के बीच भेद समाप्त हो। उन्होंने कहा कि बाल विवाह, दहेज प्रथा, घूंघट जैसी कुप्रथाओं को समाप्त करने की शुरूआत स्वयं के घर से करें, तभी सार्थक परिवर्तन लाया जा सकेगा। यूआईटी सविच आर के जायसवाल ने कहा कि महिला और बाल विकास विभाग जिले में खुशियां और मुक्ति 2022 जैसे नवाचारों के माध्यम से महिला सशक्तीकरण की दिशा में अहम प्रयास कर रहा है।
इस योजना का फायदा ज्यादा से ज्यादा पात्र महिलाएं उठा सकें, इसमें यह कार्यशाला अहम साबित होगी। जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अजीत सिंह राजावत ने कहा कि इस कार्यशाला का उद्देश्य योजना की समस्त जानकारी जन जन तक पहुंचाना है, जिससे पात्र को लाभान्वित किया जा सके। अतिरिक्त जिला कलक्टर (शहर) शैलेन्द्र देवड़ा ने कहा कि यह योजना संस्थागत प्रसव एवं बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से मील का पत्थर साबित होगी। महिला व बाल विकास विभाग की उपनिदेशक रचना भाटिया ने अतिथियों का स्वागत किया और योजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी। सभी अतिथियों का पौधा भेंट कर स्वागत किया गया। पावर प्वाईट प्रजेंन्टेशन के माध्यम से योजना की शर्तें, क्लेम फार्म भरने, सत्यापन प्रक्रिया आदि के बारे में जानकारी दी। कन्या भ्रूण हत्या व महिला सशक्तीकरण से जुड़े विभिन्न विषयों पर लघुफिल्मों का प्रदर्शन भी किया गया। कार्यशाला में योजना से जुड़े प्रश्नों पर आधारित प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें विजेता रहीं प्रतिभागियों को पुरस्कृत भी किया गया। बसन विकास परियोजना अधिकारी शक्ति सिंह ने आगन्तुकों का धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यशाला में अतिरिक्त जिला कलक्टर (प्रशासन) यशवंत भाकर, लूनकरनसर के बीसीएमओ डॉ हीरामनाथ सिद्ध सहित सीडीपीओ व महिला पर्यवेक्षक, आंगनबाड़ी कार्यकता, आशा सहयोगिनी सहित बड़ी संख्या में महिलाएं उपस्थित थीं। कार्यशाला का संचालन संजय पुरोहित ने किया।
क्या है प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना- 1 जनवरी 2017 से प्रभावी हुई इस योजना का उद्देश्य गर्भवती व स्तनपान कराने वाली महिलाओं को जीवन स्तर व स्वास्थ्य के लिए आर्थिक सहायता मुहैया करवाने का प्रावधान है। इसके तहत पात्र महिलाओं को तीन चरणों में 5 हजार रूपए की डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर के माध्यम से सहायता दी जाती है।