गंगाशहर। अक्षय तृतीया का महत्व सभी समाज और धर्म ने माना जाता है। जैन धर्म में वर्षीतप साधना करने वालों तथा सम्पूर्ण श्रावक समाज के लिए यह दिवस अत्यन्त महत्वपूर्ण होता है। गंगाशहर स्थित तेरापंथ भवन के प्रांगण में अक्षय तृतीया के अवसर पर वर्षीतप तथा मासखामण करने वाले भाई-बहनों के अभिनन्दन का कार्यक्रम बहुश्रुत मुनिश्री राजकरण जी स्वामी, शासनश्री मुनिश्री मुनिव्रत जी, मुनिश्री शान्ति कुमार जी के सान्निध्य में आयोजित हुआ।
मुनिश्री मुनिव्रत जी ने अपने मंगल पाथेय में कहा कि प्रथम तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव ने असि-मसि-कृषि पद्धति के माध्यम से जीवन यापन के सूत्रों का मार्ग बताया। इसी जीवन को उत्कृष्ट बनाने तथा आत्मकल्याण हेतु धर्म के मार्गों में तप का मार्ग बताया। मुनिश्री शान्तिकुमारजी ने अक्षय तृतीया के इतिहास के बारे में बताते हुए कहा कि इसी दिन दिन आदिनाथ भगवान ऋषभदेव ने अपनी लम्बी तपस्या के पश्चात् इक्षुरस से पारणा किया था। यह परम्परा सम्पूर्ण जैन समाज में निरन्तर चल रही है।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए महापौर नारायण चौपड़ा ने कहा कि जो लोग तप करते है, वे अपने आत्म कल्याण के साथ-साथ दूसरों के कल्याण हेतु प्रेरक बनते है, और धर्म को जीवित रखने में योगभूत बनते है। इस अवसर पर तपस्वियों के परिवार की और से लूणरकण बोथरा, संजय चौरडिय़ा, मधुर बैद, रेणुका गिडिय़ा, हर्षिता बुच्चा, कमल, पारस ने भी अपने विचार व्यक्त किए। तप की अनुमोदना में सभा के अध्यक्ष पी.सी.तातेड़, तेयुप के मनीष बाफना, अणुव्रत समिति के मंत्री करणीदान रांका, महिला मण्डल अध्यक्ष मंजू आंचलिया ने अपने विचार व्यक्त किए।
सभा के मंत्री अमरचन्द सोनी ने बताया कार्यक्रम की शुरूआत मंगल मंत्रोच्चार के साथ हुई। बाद में भंवरलाल डाकलिया ने मंगलाचरण किया। तत्पश्चात मुनिश्री श्रेयांसकुमारजी एवं मुनिश्री विमलविहारीजी ने गीतिका का संगान किया। इस अवसर पर वर्षीतप करने वाले गवरादेवी सेठिया, लूणीदेवी बोथरा, शान्तिदेवी चौपड़ा, अमरादेवी बैद, सूरजदेवी रांका, शान्तिदेवी चौरडिय़ा, कमलादेवी बोथरा, पारसमल बोथरा, किरणदेवी बोथरा, सुमन सेठिया, ममता लोढ़ा, सुनील बैद, पुष्पादेवी बैद, मधु बोथरा, तथा मासखामण करने वाले अखेचन्द बुच्चा का मोमेन्टो तथा साहित्य भेंट कर सम्मान तेरापंथ सभा के डॉ.पी.सी.तातेड़, महापौर नारायण चौपड़ा, राजेन्द्र नाहटा, नवरतन बोथरा, जीवनराज सामसुखा, कानीराम डाकलिया तथा तेरापंथ युवक परिषद् के मनीष बाफना, कन्हैयालाल बोथरा ने किया। कार्यक्रम के पश्चात् इक्षुरस द्वारा पारणे की व्यवस्था महिला मंडल, गंगाशहर ने की। कार्यक्रम का कुशल संचालन सभा मंत्री अमरचन्द सोनी ने किया।