बीकानेर। एक दिन सुबह सुबह फोन आया कि बीकानेर पूर्व विधानसभा क्षेत्र से रिद्धि कुमारी , सुरेंद्र सिंह राठौड़, मोहन सुराणा के लिए फलां फलां नंबर दबाएं। मैने तो कोई नंबर नहीं दबाया। ये तीनों लोग भाजपा से है। सिद्धि कुमारी लगातार दो बार से विधायक है। पूछताछ की कोई सर्वे हो रहा है क्या ? पार्टी को तो ऐसा सर्वे करवाने की जरूरत नहीं है। तीनों नामों में से कोन कितना लोकप्रिय है पार्टी संगठन से छिपा नहीं है। नेतृत्व क्षमता, जनता के बीच विश्वनीयता, जनहित के मुद्दों की पहचान और जनता के हित में किसका कितना संघर्ष है ? यही तो नेता का कद होता है। इस सर्वे की रिच क्या है इसका आज तक पता नहीं चला। इस सीट से सिद्धि कुमारी विधायक हैं सुरेंद्र सिंह राठौर और मोहन सुराणा इसी विधानसभा क्षेत्र से राजनीति कर रहे हैं और चुनाव लडने की आकांक्षा भी रखते हैं। सुराणा अर्जुन राम के भरोसे तथा सुरेंद्र सिंह राजेंद्र राठौड़ के भरोसे राजनीति में सक्रियता दिखा रहे हैं। इनके लिए फोन से करवाए सर्वे की रिच अज्ञात है। यही हाल कांग्रेस के इस सीट से टिकट की आस रखने वाले लोगों की है।सचिन पायलट गुट के गजेंद्र सांखला जो प्रदेश कांग्रेस के सचिव भी है मानकर चल रहे हैं कि उनकी दावेदारी पुख्ता है। तीन टर्म से लगातार दावेदार अरविंद मिढ्ढा ने फिर राजस्थान के सह प्रभारी के समक्ष दावेदारी पेश की। वर्षों से शहर कांग्रेस उपाध्यक्ष, भवानी भाई गुट से गहलोत के निकटतम सिपलहार मिढ्ढा इस बार आश्वस्त है। दो पीढ़ियों से कांग्रेस में सक्रिय मेघराज रिद्धि करण सेठिया भी दूसरे टर्म में खुद की दावेदारी को लेकर आश्वस्त है। व्यापारी संगठनों और राजनीति में अपनी पकड़ के चलते सेठिया व्यूह रचना तैयार करने में लगे हैं। दोनों दलों में मिलाकर दावेदार तो दो दर्जन तक हो सकते है, परंतु सब समय के इंतजार में है। राजस्थान विधानसभा चुनाव की बीकानेर पूर्व विधानसभा चुनाव की कांग्रेस और भाजपा नेताओं की अभी से नजर गढ़ी हुई है। दोनों दलों में उम्मीदवारी तो शुरू हो गई है, परंतु अभी तक किसी ने ऐसी राजनीतिक दक्षता नहीं दिखाई है जिससे जनता उनको नेता मान सके।