बीकानेर । फेस्टिवल के चौथे दिन रविवार को गोवा हिसार कोलकाता, भीलवाड़ा,मणिपुर ओर भोपाल के रंगकर्म के कलाकारों द्वारा विभिन्न प्रान्तों प्रस्तुति से वहा की संस्कृति की झलक देखने को मिली । आयोजन समिति के नवल कुमार व्यास ने बताया कि पांच दिवसीय फेस्टिवल का सोमवार को समापन हो रहा है। सोमवार सुबह हंसा गेस्ट हाउस में बेम्बो एण्ड सोनाफोन मंचन के बाद उथगिरी के पश्चात टीएम हॉल भीनासर में पॉपकॉर्न हगलाई रेलवे ऑडिटोरियम में दोपहर को मेकबेथ टाउन हॉल में शाम को काठ सुखाई ओर ओर रात को रविन्द्र मंच पर मिर्जा साहिब का मंचन होगा।

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रविवार को सुबह हंसा गेस्ट हाउस में गोवा से आई नाटक मण्डली द्वारा में नाटक वाला का मंचन हुवा।विजय कुमार नाइक के निर्देश में हुवे नाटकों के कारण आने वाली परेशानियों को बखूबी दर्शकों को दिखाया गया।उसके बाद हिसार से आई नाटक मण्डली ने भीनासर में स्थित टीएम ऑडिटोरियम में मनीष जोशी हिसार के निर्देश में पतलून का मंचन किया गया। नाटक में अपने जीवन को सवारने के लिए एक ग्रामीण शहर में आने पर मालिक द्वारा बन्धुवा मजदूरी को नॉकरी निकाल दिया जाना, बेहाल जिंदगी का बेखूबी अभिनय देखने को मिला। वही कोलकाता से आए रंगकर्मी दल द्वारा अजहर आलम के निर्देश में नाटक गोंडा का मंचन किया गया।यूजैन आइनेस्को द्वारा लिखित द राईनोसेरोस का हिन्दी मै अनुवाद गैंडा लिटिल थेसिपयन का बहु चर्चित नाटकों में से एक है।

नाटक में एक ऐसे आदमी का संधर्ष दिखाया गया जो अपनी पहचान व प्रमाणिकता एक ऐसी में कायम करने की करता है जहाँ दूसरे लोग सुंदरता के आगे घुटने टेक दिए थे। उसके बाद भीलवाड़ा से आए नाटक दल ने भोपो का भैरुनाथ का मंचन गोपाल आचार्य के निर्देश में किया गया।ग्रामीण महिला के जीवन पर आधारित उसके जीवन मे अनसुने आतरनाद की लोकगाथा का सुंदर प्रस्तुति रही।उसके पश्चात मणिपुर की लैसीरराम रनधोनी देवी के नाट्य निर्देशन में मंचित किया गया। नाटक में मणिपुर की लोक संस्कृति को जीवंत करता इस नाटक में कलाकारों ने संगीत, अभिनय और लाइट से जंगल का संसार रचने में सफल रहा।इसके बाद राजस्थान की कठपुतली कला परम्परा के आधार पर रामायण का मंचन भोपाल के श्री लिटिल बैलेट टूप की ओर से रविन्द्र मंच पर किया गया।भगवान श्रीराम के जीवन पर विभिन्न प्रसंगों वर्णन का मंचन किया गया है। ओम एक्सप्रेस के सहयोगी योगेश पुरोहित के साथ ।

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