कोलकाता (सचिदानंद पारीक.) omexpress news\  बिन्नानी में चल रहे श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ के अद्भुद आयोजन के षष्टम् सोपान में कथा वाचक पं. श्री गोपालजी व्यास ने उपस्थित भक्तों को महारास के आंनद का अनुभव कराया. महाराजश्री ने कहा भगवान श्रीकृष्ण के महारास में शामिल होने का लोभ संवरण देवी -देवता भी नहीं कर पाते. क्योंकि इस महारास मेंं भगवान का असीम प्रेम और आनंद बरसता प्रतीत होता है. प्रसंग आता भी है कि भगवान श्री कृष्ण के महारास के बारे में सुन भगवान शंकर ने भी महारास में शामिल होने की इच्छा माता पार्वती से जताई. भगवान शंकर ने पार्वती मैया से कहा – देवी मैं भी आपके साथ श्रीकृष्ण के महारास में चलूंगा. इस माता बोली- नाथ आप महारास में शामिल नहीं हो सकते क्योंकि श्रीकृष्ण के महारास में सिर्फ स्त्रियां ही शामिल होती है, पुरुष नहीं. लेकिन.. भगवान भोलेनाथ ने भी जिद् पकड़ ली. माता ने लाख समझाया पर शिवजी नहीं माने.

आखिरकार मां पार्वती ने शिव को महारास में ले चलने के लिए एक उपाय ढूंढ़ निकाला. वे बोली -श्री कृष्ण के महारास में सिर्फ गोपियां ही शामिल होती है इसलिए अगर आप महारास में चलना चाहते है तो गोपी बनकर चलें. माता पार्वती की बात मानते हुए भगवान शिव ने साड़ी पहन लीं और जूड़ा लगाकर महारास में शामिल होने के लिए चल पड़े. भगवान शंकर का नाम तभी से गोपेश्वर भी पड़ा. महारास के इस कथा प्रसंग अनुसार एक दिन वो भोले भंडारे , बनकर के बृज नारी गोकुल में आ गये… भजन को सुनाकर पं. श्री गोपालजी व्यास ने उपस्थित सभी भक्तों को भाव विभोर कर दिया. व्यासजी बोले- महारास में शामिल होने वाली गोपियों का तात्पर्य यहां भाव से है. गोपी का अर्थ प्रेम और समर्पण है. वासना का यहां कोई स्थान नहीं. जब हम मन में किसी प्रकार की कामना रख कर भगवान को पाना चाहते है तो वे हमें मिलते नहीं, परन्तु यदि हम उनसे सच्चा प्रेम करने लगते है तो वे हमे सहज मिल जाते है. हम यह भी कह सकते है कि जो निरपेक्ष भाव से भगवान को भजते है या भजन करते है वे प्रेम और भगवान दोनों को पा लेते है. भक्ति का नाम ही समर्पण है. जब हृदय में समर्पण के भाव आ जायेंगे तो भगवान भी इस हृदय में खुद आकर विराजमान हो जायेंगे.

व्यासजी ने कहा कि निष्काम महारास का आनंद कल्पना से भी परे है. इस महारास में भगवान में एकीकार हो जाने का मूल भाव है. महाराजश्री ने कहा – कथायें अमृत समान है .जो इन कथाओं का मनन कर लेता है वो अमृत के समापन भगवान को पा जाता है.कथाओं का श्रवण-मनन हृदय से करने वाले व्यक्ति का चित्त धीरे- धीरे परमात्मा की तरफ मुडऩे लग जाता है. महाराजश्री ने कहा कि इस रास कथा का आनंद तब तक हमारे हृदय तक नहीं पहुँचेगा जब तक हम गोपी भाव से इसे नहीं सुनेंगे. रुकमणि विवाह के प्रसंग का सुंदर वर्णन करते हुए महाराजश्री ने कहा- भगवान को पा जाने वाले विरले होते है.भगवान को पाने के लिए हृदय में सबसे पहले समर्पण और प्रेम का बीज अंकुरित करना होता है. इसलिए ठाकुरजी को अगर पाना है तो मन में उनके प्रति सच्चे प्रेम को सबसे पहले जागृत करो. आज कथा की कथा में मुख्य यजमान संजय अग्रवाल ने व्यासपीठ के पूजन के साथ आरती का सौभाग्य पाया. पं. राजीव किराडू ,राजेश व्यास, राहुल थानवी, सिद्धार्थ किराडू, श्याम ओझा, गोपू किराडू , पंकज थानवी, अरविंद किराडू, नंदकिशोर किराडू, पुरुषोत्तम व्यास व अन्य आयोजन की व्यवस्था में सक्रिय रहे.

श्याम गार्डेन में सजा श्री तोलियासर भैरु रिसड़ा धाम का अनूठा दरबार

हावड़ा. श्री भैरवाष्टमी के शुभ असवर पर श्री तोलियासर भैरु बाबा (रिसड़ा धाम) का चतुर्दश वार्षिकोत्सव बांधाघाट, सलकिया स्कूल रोड स्थित श्याम गार्डेन में धूमधाम से आयोजित हुआ. गुरुजी श्रींचद मारु के सान्निध्य में आयोजित इस 21 घंटे व्यापी आयोजन में कोलकाता-हावड़ा सहित अन्य अंचलों व राज्यों से से भी श्रद्धालु भक्त जनों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करायी. गुरुजी श्रीचंदजी शर्मा द्वारा बाबा भैरुनाथ की विशेष ज्योत आरती व हवन पूजन कार्यक्रम भक्तों के बीच आकर्षण का प्रमुख केंद्र रहा. श्री तोलियासर भैरु बाबा (रिसड़ाधाम) भक्त मंडल के तत्वावधान में यह कार्यक्रम आयोजित हुआ.

मंडल परिवार की ओर से श्रीराम मारु ने बताया कि कार्यक्रम में राज्य के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी, सहकारिता मंत्री अरुप राय, विधायक वैशाली डालमिया, खेल राज्य मंत्री लक्ष्मीरतन शुक्ला, समाजसेवी महेंद्र अग्रवाल सहित अन्य गणमान्य लोगों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करायी. दीप प्रज्जवलन कर्ता के रुप में समाजसेवी प्रकाश दुगड़ (बैजू चौक), पूर्व विधायक दिनेश बजाज ( चेयरमैन डब्ल्यूबीटीआईडीसी), समाजसेवी स्वपन बर्मन, ओमप्रकाश भरतिया (गंगेज गार्डेन), सुरेश अग्रवाल (स्वास्तिका साड़ी), विनोद डागा (दिल्ली), डॉ. लालचंद सिंघी (आईएसएस), कमल कोठारी (विवेक बिहार), मनोज -आशीष कोठारी ने बाबा की विशेष पूजा का सौभाग्य पाया.इनके अलावा चतुर्भुज कुलथिया, हंसराज बैद, हेमंत बैद, कैलाश सोनी(रिसड़ा), कस्तूरीलाल मनीष मुकिम (चंद्रिमा), सुमन-हेमंत, जितेंद्र -अंकित सुराणा ने भी बाबा भैरुनाथ के दरबार में माथा टेक कर गुरुजी श्रींचद मारुजी के सान्निध्य में हवन करने का सौभाग्य हासिल किया. वैभव बागमर(हबालोतरा), मुन्ना सरकार (बीकानेर), देवेंद् बेंगानी, मुन्ना व्यास, नवीन नौलखा, श्रीराम मेहरा, मधुसूदन शर्मा, ललित बोरड़(कोलकाता) ने भाव भरे भजनों से बाबा को रिझाया.

रिसड़ा धाम सेना वाहिनी ने विशेष महाआरती व मंगलाआरती कर पूरे वातावरण को बाबा के भक्ति रंग में रंग दिया. गुलशन शर्मा और उनके साथी कलाकारों के द्वारा प्रस्तुत की गई बाबा की महिमा पर आधारित नृत्य नाटिका को सभी ने बहुत पंसद किचा. जन्मोत्सव के अवसर पर बाबा को भक्तों ने भाव से झूला झूलाया. बाबा को केक व टॉफी के साथ छप्पन प्रकार के व्यंजनों का भोग लगाया गया. किशन गोयल , मनोज पोद्दार सहित अनेकों भक्त आयोजन की सफलता के लिए सक्रिय रहे.बाबा के नयनाभिराम श्रृंगार ने भक्तों को मंत्र मुग्ध किया तो बाबा भैरुनाथ को सवामणि का भोग लगाने के लिए भी भक्तों में होड़ लगी रही.(PB)