दिल्ली प्रेस क्लब में ‘देशहित’ समाचार पत्र के संपादक कौडले चेन्नपा ने सेमिनार का आयोजन किया। वरिष्ठ पत्रकार विजय शंकर चतुर्वेदी जी ने सभा की अध्यक्षता की। इसमें पत्रकार वीरभद्र राव, एस नेगी, दिनेश कुमार तिवारी, सुभाष सिंह आदि और कई राज्यों से आए पत्रकारों ने भाग लिया।
इस अवसर पर सेक्टरी जनरल आईएफडब्ल्यू, परमानंद पांडे जी ने कहा कि पत्रकारों ने अपनी ताकत से देश में चौथा स्तंभ में बनाया है। न्यायपालिका, विधायिका, कार्यपालिका में गड़बड़ होने पर लोग, चौथे स्तंभ के पास ही जाते हैं। इसलिए पत्रकारों का उत्तरदायित्व, विश्वसनीयता और भी बढ़ जाती है।
समाचार पत्रों में सही लिखने वालों पत्रकारों को खूब सराहा जाता है। परंतु गलत लिखने पर मजाक भी बनाया जाता है। पत्रकारिता आजादी से पहले मिशन था, अब यह व्यवसाय बन गया है। भारत के गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल ने अपने समय में प्रेस कमीशन बनाने पर विचार किया था। परंतु प्रेस कमिशन बहुत बाद में बना। उन्होंने कहा कि समाचार पत्रों में सर्वजन हिताय की बात होनी चाहिए। कुछ लोग दलाली करके पत्रकारिता के मूल तत्व को समाप्त कर रहे हैं।
वर्किंग जर्नलिस्ट एक्ट के विषय में ,उन्होंने कहा कि 8 से 10 साल में, पत्रकारों के लिए एक वेज बोर्ड आता है , पर अखबार के मालिक उसे लागू ही नहीं करते हैं । तमाम धरना, प्रदर्शन होने के बाद भी नियम का कोई पालन नहीं होता है। पत्रकार वर्ग अपने आप को ठगा सा महसूस करते हैं।
उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर कोई अंकुश नहीं है । सोशल मीडिया में लोग काफी असभ्य भाषा का प्रयोग कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारों को अपने नैतिक कर्तव्यों के प्रति सजग रहने की सलाह दी।
श्री नेगी ने पत्रकारों को ना मिलने वाली सुविधाओं व सैलरी के विषय में विस्तृत रूप से प्रकाश डाला। सभा के अध्यक्ष , विजय शंकर चतुर्वेदी जी ने कहा कि हर जगह न्यायपालिका, कार्यपालिका व संसद में सब जगह पेंशन लागू है, पर पत्रकारों को पेंशन से वंचित रखा गया है। विभिन्न राज्यों से आए प्रतिनिधियों ने भी अपने अपने विचार रखे।