बीकानेर। विरासत संवर्द्धन संस्थान के तत्वावधान में श्री संगीत कला केंद्र द्वारा गंगाशहर में करनानी मोहल्ला में संगीत सभा का आयोजन किया गया जिसमें संस्था के कलाकारों ने शास्त्रीय रागों पर आधारित लोक भजनों, गीतों, गज़़लों और मांड गायन से श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि वरिष्ठ पत्रकार ब्रजमोहन रामावत थे। मुख्य वक्ता लेखक अशफ़ाक़ क़ादरी ने नई पीढ़ी में भारतीय संगीत के संस्कार अपनाने का आव्हान किया। विशिष्ट अतिथि फि़ल्मकार मंज़ूर अली चंदवानी ने मनोयोग और धैर्य से संगीत की तालीम हासिल करने पर बल दिया। कार्यक्रम में लोकगायिका श्रीमती राजकुमारी मारू, लोक नृत्यांगना राजभारती शर्मा, तबलावादक मोहनलाल मारु, नवल श्रीमाली सहित गणमान्य शामिल थे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता डालचंद सेवग ने की। कार्यक्रम का आरम्भ प. पुखराज शर्मा ने सरस्वती वंदना से किया। शर्मा ने राजस्थानी मांड गीत “पंखियो” से भाव विभोर कर दिया। युवा गायक सोमेश जावा ने राग अहीर भैरव, कशिश आचार्य ने राग पूरिया धनाश्री, बजरंग जोशी ने छोटा ख्याल, मुकेश चांवरिया ने खमाज सुनाकर नये रंग भरे। उर्मिला शर्मा ने मांड राग में मीरा का भजन, मधु तिवारी ने घाटी रो नगारो, मानसी तिवारी ने मूमल लोकगीत प्रस्तुत किये। कार्यक्रम में बाल कलाकार अंशु शर्मा, ओम प्रकाश पंचारिया, किरण सेन, सुनीता स्वामी, सरोज कुमारी, कमल सुथार, शाकिर हुसेन ने भी प्रभावी रचनाएं सुनाई। जाकिर हुसैन ने सुमधुर सधे स्वरों में गज़़ल तथा दानिश अली ने हारमोनियम वादन किया। कलाकारों के साथ तबले पर उस्ताद गुलाम हुसेन, पेड पर सआदत हुसेन ने संगत की। संचालन नूतन सुराणा ने किया।(PB)