बाडमेर। राजू चारण। राजस्थान में नए जिलों के गठन की मांग काफी दिनों से चल रही है लेकिन प्रदेश सरकार इस पर निर्णय लेने से बच रही है। इसका एक कारण ये भी माना जा रहा है कि बड़े खर्चे के डर से इस मामले पर सरकार निर्णय लेने से कतरा रही है। ऐसा अनुमान है कि एक जिला बनाने पर 1000 करोड़ का खर्चा आएगा। चुनावी साल में सरकार की इस मामले में निर्णय लेने की क्षमता कमजोर होने के पीछे सबसे बड़ा कारण नए जिलों के गठन से सरकार पर पडऩे वाला आर्थिक भार है। नए जिलों के गठन की घोषणा में सबसे बड़ी बाधा आर्थिक भार होता है।


राजस्थान सरकार की स्थिति आर्थिक रूप से कमजोर
राजस्थान सरकार की स्थिति आर्थिक रूप से बहुत अच्छी नहीं है और राज्यकर्मियों को सातवें वेतनमान का लाभ देने के बाद आर्थिक हालात और अधिक खराब हो गए हैं। ऐसे में नए जिलों की घोषणा से सरकार पर आर्थिक भार और बढ़ जाएगा। लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि सरकार ये रिस्क नहीं उठा सकती।
एक जिले पर पड़ेगा 1 हजार करोड़ का आर्थिक भार
प्रदेश सरकार पर एक जिले के गठन पर करीब एक हजार करोड़ रुपए का आर्थिक भार पड़ेगा, क्योंकि जिले में नए सिरे से प्रशासनिक व्यवस्था तैयार करनी होती है। नई प्रशासनिक व्यवस्था तैयार करने और उसके अनुसार कर्मचारी तैनात करने पर आने वाला यह खर्च न्यूतम है, जबकि यह राशि और भी बढ़ सकती है।
5 हजार करोड़ रुपए का बढ़ सकता है आर्थिक भार प्रदेश में परमेशचंद्र कमेटी की रिपोर्ट के तहत कम से कम पांच नए जिलों के गठन की सिफारिश की जानी बताया जा रहा है। मतलब यदि पांच नए जिलों के गठन को हरी झंडी दी गई तो कम से कम पांच हजार करोड़ रुपये का कम से कम आर्थिक भार आएगा, लेकिन सरकार का मौजूदा खजाना इसकी इजाजत नहीं देता।


…सरकार ले सकती है यह निर्णय हालांकि, चुनावी साल में सरकार का खजाना नए जिलों के गठन को इजाजत दे दे, क्योंकि नए जिलों के गठन की घोषणा सरकार पर आर्थिक रूप से भार डालेगी। बावजूद इसके चुनावी साल में वोटों की फसल काटने के लिए प्रदेश सरकार अपनी सरकारी खजाने को नजरअंदाज करते हुए यह निर्णय ले सकती है।
पांच जिलों की लिस्ट सूत्रों की मानें तो जयपुर से शाहपुरा, अजमेर से ब्यावर, अलवर से बहरोड़, नागौर से डीडवाना और बाड़मेर से बालोतरा का जिले में गठन होने की प्रबल संभावना है। आपको बता दें कि बीजेपी ने सत्ता में आते ही इन नए जिलों के गठन को लेकर एक रिटायर्ड आईएएस परमेश चंद की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया था। इस मामले में कमेटी ने राज्य सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी। जिसके बाद अब सरकार ने 5 नए जिलों के गठन की घोषणा की है।