जयपुर। कर्नाटक में शनिवार को भाजपा की सरकार गिरने के बाद कांग्रेस को बड़ी सफलता हाथ लगी है। अब कांग्रेस जेडीएस के साथ मिलकर सरकार बनाएगी। इसमें संगठन महासचिव अशोक गहलोत ने बड़ी भूमिका निभाई है। इसके बाद गहलोत की अगली परीक्षा अपने गढ़ यानी राजस्थान को जीतना होगा।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद शनिवार शाम कर्नाटक विधानसभा में हुए फ्लोर टेस्ट के बाद भाजपा के बीएस येदियुरप्पा ने इस्तीफा दे दिया। इसके साथ ही कांग्रेस पार्टी की बड़ी जीत हुई। अब कर्नाटक में कांग्रेस जेडीएस के साथ मिलकर सरकार का गठन करेगी। जेडीएस के नेता एचडी कुमार स्वामी बुधवार को मु्ख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। बीते चार दिन हुए इस पूरे राजनैतिक घटनाक्रम में कांग्रेस की ओर से संगठन महासचिव अशोक गहलोत ने बड़ी भूमिका निभाई है।


गहलोत ने कांग्रेस-जेडीएस के विधायकों को टूटने नहीं दिया। इसके लिए अशोक गहलोत समेत पार्टी के शीर्ष नेताओं ने फ्लोर टेस्ट से पहले कांग्रेस के सभी विधायकों को हैदराबाद भेज दिया था। इसी के परिणामस्वरूप कांग्रेस कर्नाटक में अपना दांव खेलने में सफल हुई। कांग्रेस की इस सफलता के बाद पार्टी में गहलोत का कद और भी बढ़ गया है।

अपने घर में जीतना गहलोत की असली परीक्षा
अब इस साल के अंत में राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और मिजोरम इन चार राज्यों में चुनाव होने हैं। पहले तीन राज्यों में वर्तमान में भाजपा की सरकार है जबकि मिजोरम में कांग्रेस की। कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस को सफलता दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाले नेता अशोक गहलोत की अगली परीक्षा खुद के घर में जीतना है। अशोक गहलोत को पार्टी द्वारा संगठन महासचिव के पद पर आसीन करने के बाद उनकी जिम्मेदारियां और बढ़ गई। राहुल गांधी समेत पार्टी के अन्य शीर्ष नेता भी गहलोत से काफी उम्मीद लगाए हुए हैं। कर्नाटक में सफलता हासिल करने के बाद गहलोत का पार्टी में कद और भी बढ़ गया है। अब गहलोत के सामने अगली चुनौती अपने घर यानी राजस्थान में कांग्रेस को जीत दिलानी है।


हालांकि साल के अंत तक राजस्थान के साथ-साथ तीन अन्य राज्यों में भी चुनाव होने हैं। लेकिन अशोक गहलोत की प्रमुख जिम्मेदारी राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनाने पर होगी। हालांकि उनकी यह राह इतनी आसान नहीं है। गहलोत को खुद की पार्टी के अंदर चल रही गुटबाज़ी और अंत:कलह से ऊपर उठना होगा।