जिला कलेक्टर ने महारानी सुदर्शन महाविद्यालय से किया शुभारम्भ
बीकानेर। राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस पर गुरुवार को जिलेभर में सरकारी-निजी विद्यालयों, महाविद्यालयों, मदरसों और आंगनवाड़ी केन्द्रों में बच्चों को कृमि नाशक दवा एल्बेंडाजोल खिलाई गई। 1 से 2 वर्ष आयु के बच्चों को 400 मिलीग्राम की आधी गोली चम्मच में पीस कर और 2 से 19 वर्ष तक के बच्चों-किशोरों को पूरी एक गोली पीसकर-चबाकर खाने को दी गई।
जिला मुख्यालय से लेकर खण्ड मुख्यालयों में आयोजित कार्यक्रमों में जनप्रतिनिधियों व प्रशासन ने बढ़-चढ़कर भाग लिया और बच्चों को गोली खाने को प्रेरित किया। जिले में 1,988 सरकारी, 1,399 निजी स्कूल, 1,327 आंगनवाड़ी केन्द्रों, 80 कॉलेज में लगभग 9 लाख बच्चों को डीवर्मिंग गोली खिलाने का लक्ष्य निर्धारित है। जिला कलेक्टर कुमार पाल गौतम ने राजकीय महारानी सुदर्शन कन्या महाविद्यालय में आयोजित जिला स्तरीय कार्यक्रम में खुद एल्बेंडाजोल गोली खाकर और मौके पर ही 200 से अधिक छात्राओं को खिला कर अभियान का उद्घाटन किया।
उन्होंने गोली के फायदे बताने के साथ ही छात्राओं को स्वच्छता से स्वास्थ्य का सन्देश देते हुए कहा कि यदि पूरा समाज व स्वयं बच्चें स्वच्छता को जीवन के सबसे जरूरी कार्य की तरह अपना लें तो निश्चय ही पेट के कीड़े जैसी समस्या हमेशा के लिए विलुप्त हो जाएगी। विशिष्ट अतिथि प्रशिक्षु आईएएस अभिषेक सुराणा ने कहा कि कुपोषण से बचाव के लिए सभी बच्चों-किशोरों को ये गोली जरूर खानी चाहिए। छात्राओं को उपहार स्वरुप डॉक्यूमेंट जिप फोल्डर वितरित किए गए। सीएमएचओ डॉ. देवेन्द्र चैधरी ने छात्राओं को बताया कि ये पेट के कीड़े आहार से पोषक तत्व अवशोषित कर लेते हैं जिससे बच्चों में कुपोषण-एनीमिया की समस्या हो जाती है।
]शरीर में कृमि संक्रमण से शरीर और दिमाग का सम्पूर्ण विकास नही होता और हमेशा थकावट लगती रहती है। इसलिए ध्यान रहे कि एक भी छात्रा गोली खाने से ना छूटे। कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डिप्टी सीएमएचओ डॉ योगेन्द्र तनेजा ने बताया कि सामान्य बीमार बच्चों को भी दवा दी जा सकती है हाँ मिर्गी के दौरे आने वाले बच्चों को ये दवाई नहीं खिलाई जायेगी। खाली पेट दवा नहीं लेनी चाहिए इसलिए सभी छात्राओं को फल व बिस्किट भी वितरित किए गए। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के निर्देशानुसार बच्चों को खिलाने से पहले अध्यापकगण स्वयं ये गोली खाएंगे। यदि कोई शिक्षिका गर्भवती है और गर्भ काल की प्रथम तिमाही चल रही है तो वो दवा ना ले।
डीटीओ डॉ सी.एस. मोदी व ने कृमि संक्रमण के कारण बताए और सुझाव दिए कि कृमि संकमण से बचाव के लिये खुली जगह में शौच नहीं करना चाहिए, खाने से पहले और शौच के बाद साबुन से हाथ धोना चाहिए और फलों और सब्जियों को खाने पहले पानी से अच्छी तरह धोना चाहिए । नाखून साफ व छोटे रहें, साफ पानी पिएँ, खाना ढक कर रखें और नंगे पाँव बाहर ना खेलें, जूते पहन कर रखें। डॉ. नवल किशोर गुप्ता ने पोषण, स्वास्थ्य व स्वच्छता विषय पर व्याख्यान दिया व हाथ धोने के सही तरीके का प्रदर्शन किया उप प्राचार्या डॉ. पुष्पा चैहान ने स्वास्थ्य को करियर में सफलता की प्रथम कड़ी बताते हुए इसे सर्वोच्च प्राथमिकता देने हेतु प्रेरित किया। कार्यक्रम का संचालन जिला आई.ई.सी. समन्वयक मालकोश आचार्य ने व समारोह का प्रबंधन राष्ट्रीय सेवा योजना की छात्राओं ने किया। इस अवसर पर व्याख्याता डॉ मीनाक्षी भार्गव, अंजलि शर्मा, श्रद्धा व सीमा ओझा, स्वास्थ्य विभाग से डीपीएम सुशील कुमार, एनयूएचएम सलाहकार नेहा शेखावत, डीएसी रेणु बिस्सा, डॉ मनुश्री सिंह, एएसओ नवनीत आचार्य व भंवर सिंह देवड़ा आदि उपस्थित रहे।
मॉपअप दिवस 19 अगस्त को
गुरुवार को किसी भी कारणवश जो बच्चे दवा खाने से वंचित रह गए उनके लिए 19 अगस्त को मॉप अप दिवस मनाया जाएगा। इस दिन छूटे हुए बच्चों-किशोरों को सरकारी-निजी विद्यालयों, महाविद्यालयों, मदरसों और आंगनवाड़ी केन्द्रों में एलबेंडाजोल गोली खिलाई जायेगी। सभी संस्थान अपनी ड्यू लिस्ट अनुसार शत प्रतिशत उपलब्धि की रिपोर्ट मॉप अप दिवस के बाद ही भिजवाएंगे।