बीकानेर। चैन्नई की सुप्रसिद्ध कलाकार तथा तमिलनाडू का कला शिरोमणी सम्मान से सम्मानित भरतनाट्यम की कलाकार सुश्री कृपा व श्रद्धा व्यास ने सोमवार को सूचना केन्द्र के पाठकों से रूबरू हुई तथा भरत नाट्यम नृत्य की संक्षिप्त प्रस्तुति के साथ मतदाता जागरूकता का संदेश दिया वहीं इस प्राचीन कला के बारे में बताया। बालिकाओं को सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग के उप निदेशक विकास हर्ष, लेखाकार हेमंत व्यास व वरिष्ठ छायाकार चन्द्र जोशी ने स्मृति चिन्ह से सम्मानित किया।

विधान सभा चुनाव 2018 में पहली बार मतदान करने को आतुर सुश्री कृपा व्यास ने बताया कि लोकतंत्र में चुनाव महत्वपूर्ण होता है। युवाओं को चुनाव में अधिकाधिक भागीदारी निभानी चाहिए । उन्होंने बताया कि राजस्थान विशेषकर बीकानेर का खान-पान, लोगों की आत्मीयता व सम्मान की भावना उन्हें अच्छी लगी। पांच शताब्दी से अधिक प्राचीन इस शहर में आगामी माह में होने वाले लोकतंत्र के उत्सव ÓÓचुनावÓÓ में युवा सद्भाव शांति, उत्साह के साथ भागीदारी निभाएं। विशेषकर युवतियों व महिलाओं को चुनाव में अपने मताधिकार का उपयोग अवश्य करना चाहिए। दोनों बालिकाओं ने सूचना केन्द्र की पाठकों से प्रश्नोत्तरी करते हुए बताया कि भरत नाट्यम् दक्षिण भारत की शास्त्रीय नृत्य शैली है। यह भरत मुनि के नाट्य शास्त्र (जो ईसा से 400 वर्ष पूर्व) पर आधारित है। यह अभिनय व नृत्य व भक्तिमय रचना प्रमुख हाती है। नृत्य में भाव, ताल और राग तीनों की प्रस्तुति होती है।

नृत्य में भाव भंगिमाओं, पद् व हस्त मुद्राओं, नयनों आदि के माध्यम से विभिन्न रसों को साक्षात् किया जाता है। इन्हीं बालिकाओं ने रविवार को धरणीधर रंगमंच पर अपने कार्यक्रम की प्रस्तुति दी थी। प्रज्ञालय संस्थान व राजस्थानी युवा लेखक संघ की ओर से आयोजित कार्यक्रम में बालिकाओं व उनकी माता जयश्री उर्फ मंगला का भी सम्मान किया गया। राजस्थानी, हिन्दी, तमिल, फ्रेच, अंग्रेजी भाषाओं की जानकार इन बालिकाओं की प्रस्तुति की अनेक गणमान्य लोगों ने सराहना की तथा आशीर्वाद दिया।(PB)