बीकानेर। अपनी मांगो को लेकर कलक्टरी में बेमियादी धरना दिये बैठे भुजिया श्रमिकों ने बड़ा निर्णय लेते हुए शुक्रवार से भुजिया बनाने का काम ठप्प करने का ऐलान कर दिया है। भुजियां श्रमिकों के इस निर्णय से बीकानेर में भुजिया नमकीन उद्यमियों में खलबली सी मच गई है। यहां कलक्टरी में पिछले तीन दिनों से मजदूरी पुनरीक्षा की मांग को लेकर आन्दोलन कर रहे भुजिया श्रमिकों ने गुरूवार को सामूहिक रूप से निर्णय लिया किया कि रात तक हमारी मांगों पर विचार नहीं हुआ। तो शुक्रवार से जिले के समस्त भुजिया निर्माण श्रमिक काम काज बंद कर हड़ताल पर चले जायेंगे। इसके तहत भुजिया श्रमिक किसी भी सूरत में भुजिया नहीं बनायेंगे।
जिलाध्यक्ष विजय सिंह राठौड़ ने बताया कि गुरूवार को तीसरे दिन भी धरना जारी रहा। धरना स्थल पर जिले के भुजिया श्रमिकों की बैठक हुई,जिसमें यह निर्णय लिया गया। उन्होंने बताया कि तीन दिनों से भरी तपन में धरने पर बैठे श्रमिकों की मांग नहीं सुन नियोजक हठधर्मिता का परिचय दे रहे है। जिसके चलते भुजिया श्रमिकों के सामने आर्थिक संकट पैदा हो गया है। दिन भर मजदूरी कर अपना घर चलाने वाले श्रमिकों को यहां धरना देना पड़ रहा है और नियोजक अपनी मनमानी पर अड़े है।
बैठक को श्रमिक नेता गौरीशंकर व्यास ने संबोधित करते हुए कहा कि भुजिया नियोजकों ने डेढ़ वर्ष पूर्व भुजिया श्रमिकों को बेवकूफ बनाकर हड़ताल खत्म करवा दी और तय समझौते की अनुपालना नहीं की। जो सरासर गलत है। महामंत्री भुजिया श्रमिकों ने मजदूरी पुनरीक्षा करने और पीएफ तथा ईएसआई के प्रावधान करने की बात कही थी। किन्तु इतना लंबा समय बीत जाने के बाद भी भुजिया नियोजक मांगों को नहीं मान रहे है। इस अवसर पर उग्रसेन, देवीसिंह, गोपसिंह, गिरधारीलाल, कानीराम, पप्पूराम ओर नरसीराम शामिल थे।