बीकानेर । बार उच्च न्यायालय के आदेशानुसार चुनाव नियम 2013 के तहत करवाए गए चुनाव में बार अध्यक्ष पद पर किशन लाल सांखला निर्वाचित हुए। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वन्द्वी नवाब अली को 393 मतों से पराजित किया। इसी प्रकार उपाध्यक्ष के पद के लिए अवनीश हर्ष विजयी हुए उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वन्द्वी चतुर्भुज सारस्वत को 113 मतों से हराया। महासचिव पद पर गिरिराज सिंह भाटी 418 मत मिले निर्वाचित हुए। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वन्द्वी फुलचंद चौधरी को 98 मत से पराजित किया। बसंत कुमार व्यास को 237, पवन कुमार सारण 80 , पारसमल बिश्नोई को 151 मत मिले
निर्वाचन अधिकारी बच्छराज कोठारी ने बताया कि कोषाध्यक्ष के पद के लिए कु विजय लक्ष्मी व्यास सर्वाधिक 833 मत लेकर विजयी रहीं। मनोज कुमार सुरोलिया को 454 मतों से हराया। इसी प्रकार संयुक्त सचिव के पद के लिए सबसे ज्यादा छह प्रत्याशियों में मुकाबला हुआ जिनमें चंद्रकांत शर्मा विजयी रहे। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वन्द्वी मुकुंद नारायण हर्ष को 53 मतों से हराया। मनीष कुमार व्यास को 171, सुखाराम मेघवाल 234, आनन्द सिंह बुन्देला 109, लूनकरण शर्मा को 140 मत मिले। पुस्तकालय सचिव के पद के लिए नवनीत नारायण व्यास निर्वाचित घोषित किए गए। उन्होंने अपने िनकटतम प्रतिद्वन्द्वी कमल कांत शुक्ला को 374 वोट से पराजित किया। कुन्तेश खटोल को 161, सुनील कुमार गहलोत 119, मनीष स्वामी को 110 मत प्राप्त हुए।
खारिज हुए : पदअध्यक्ष 9, उपाध्यक्ष 15 महासचिव 20 संयुक्त सचिव 25 कोषाध्यक्ष 14 पुस्तकालय सचिव 80
कुल मत 1463
मतदान किया – 1226
वकीलों के कल्याण और विकास के लिए होगा कार्य
नवनिर्वाचित बार एसोसिएशन के अध्यक्ष किशन लाल सांखला ने सभी वकीलों को साथ लेकर चलने, वकीलों के कल्याण और विकास के लिए कार्य करने का संकल्प दोहराया है। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट बैंच की बीकानेर में स्थपना के आंदोलन में राज्य सरकार और उच्च न्यायालय से संपर्क कर बैंच की मांग के संबंध में आंदोलन को सुदृढ़ रूप से मुकाम तक पहुंचाया जाएगा। वकीलों के लिए कॉलोनी और पुराने न्यायालय परिसर में वकीलों के बैठने की व्यवस्था एवं पक्षकारान के लिए बैठने के लिए समुचित शेड बनवाए जाएंगे। न्यायालयों में रिक्त पदों को भरवाने के लिए हाईकोर्ट से संपर्क किया जाएगा। रेवेंयू बोर्ड की सिंगल बैंच को स्थायी करने एवं डबल बैंच सर्विस ट्रिब्यूनल बैंच खोले जाने की मांग की जाएगी। राज्य आयोग की बैंच को स्थायी करवाने के प्रयास किए जाएंगे।