बीकानेर सार समाचार : रविवार, 30 दिसंबर 2018 - OmExpress

स्व. भवानी भाई गोपाल कृष्ण गोखले जैसे नेता थे : डॉ. आचार्य

OmExpress News / Bikaner / वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. नंदकिशोर आचार्य ने कहा कि अहंकार के दौर में विनम्रता के साथ राजनीति करने वाले लोग अधिक लोकप्रिय होते हैं, स्व. भवानीशंकर शर्मा में यह अद्भुत गुण था जिसकी वजह से वे सर्वप्रिय और सर्वमान्य शख्सियत बन सके। Bikaner News

डॉ. आचार्य रविवार को पूर्व महापौर एवं पूर्व पत्रकार भवानीशंकर शर्मा की प्रथम पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित संस्मरण संगोष्ठी में अध्यक्षता कर रहे थे।

जर्नलिस्ट एसोसिएशन ऑफ राजस्थान (जार) की जिला इकाई की ओर से उनकी स्मृति में सूचना केंद्र सभागार में आयोजित संगोष्ठी में डॉ. आचार्य ने कहा कि भवानी भाई गोपाल कृष्ण गोखले जैसे नेता थे जो आक्रामक राजनीतिज्ञ नहीं करते थे। उन्हें कभी गुस्सा नहीं आता था लेकिन मेरा मानना है कि सहज व्यक्ति को भी सात्विक गुस्सा जरूर करना चाहिए।

अपने संस्मरण सुनाते हुए डॉ. आचार्य ने कहा- ‘मेरा झुकाव शुरू से समाजवादी विचारों की तरफ था और आपातकाल के दौर में स्व. जयप्रकाश नारायण के अखबार में लिखे मेरे लेखों से सरकार की भौंहे टेढ़ी हो गई थी और मेरी गिरफ्तारी की तैयारी की जा रही थी। उस समय भवानी भाई और शुभू पटवा ने मेरे बारे में सरकार में बनी भ्रांति को दूर कर गिरफ्तारी को टलवाया था। Bikaner News

विशिष्ट अतिथि नगर निगम महापौर नारायण चौपड़ा ने कहा भवानी शंकर शर्मा के साथ वैचारिक तालमेल नहीं होने के बावजूद मेरी उनके प्रति श्रद्धा रही। उनकी शहर में प्रतिमा लगाने और मार्ग के नामकरण के प्रस्ताव पर नगर निगम आगे आकर सहयोग करेगा।

 

संगोष्ठी के विशिष्ट वक्ता वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. मदन केवलिया ने अपने संस्मरण में बताया कि पांच दशक पूर्व मेरे बड़े भाई पीटीआई संवाददाता पुरुषोत्तम केवलिया जब बीकानेर से बाहर जाते थे तो अपने समाचार भेजने के लिए भवानी भाई को अधिकृत कर जाते थे, यह विश्वास का सबसे बड़ा उदाहरण था। उन्होंने भवानी भाई के लिए शेर सुनाया – हमारे बाद इस महफिल में अफसाने बयां होंगे, बहारें हमको ढूंढेगी, न जाने हम कहां होंगे’। Bikaner News

उद्यमी कन्हैयालाल बोथरा ने कहा कि मैंने अपने जीवन में उनके जैसा फक्कड़ राजनीतिज्ञ नहीं देखा जो बहुत महत्वपूर्ण पदों पर रहते हुए भी खाली जेब रहे। उन्होंने सहज स्वभाव से हजारों लोगों को अपना बनाया। वरिष्ठ सर्जन डॉ. तनवीर मालावत ने कहा भवानी भाई हर व्यक्ति के लिए भाई बने रहे, वे राजनीति में कभी भाईजी और भाईसाहब नहीं बने।

इससे पहले जार के जिलाध्यक्ष शिवचरण शर्मा ने स्वागत करते हुए कहा कि भवानी शंकर शर्मा हर पत्रकार के संकट के समय साथ खड़े रहते थे, इससे हम सबका हौसला बना रहता था।

इस मौके पर जार के प्रदेश उपाध्यक्ष श्याम शर्मा ने उनके नाम से लोकसेवा पुरस्कार हर वर्ष दिए जाने की घोषणा की। इस पर उनके नाम से फाउंडेशन में कई लोगों आर्थिक सहयोग देने की हाथोहाथ सहमति दे दी।

अपने अपने संस्मरण सुनाने वालों में जिला कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष हीरालाल हर्ष, अरविंद मिढ्‌ढ़ा, पृथ्वीराज रत्नू, प्रो. ओम कुवेरा, एडवोकेट सुरेंद्र शर्मा, साहित्यकार कमल रंगा, कासिम बीकानेरी, आत्माराम भाटी, पूर्व पार्षद उम्मेद सिंह राजपुरोहित, कांग्रेस नेता खूमराज पंवार, प्रेमरतन जोशी ‘पट्‌टू’, पार्षद हजारी देवड़ा, भाजपा नेता वंदे मातरम मंच के विजय कोचर, कमल किशोर पारीक, आरके शर्मा, पत्रकारो में सुरेश बोड़ा, टीआर उपाध्याय, हरफूल सैनी आदि शामिल रहे। कार्यक्रम का खूबसूरती से संचालन करते हुए ज्योति प्रकाश रंगा ने अपने और अपने परिवार से जुड़े संस्मरण सुनाए।

इस मौके पर उच्च शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) की ओर से उनके प्रतिनिधि नंदकुमार छींपा ने भी पुष्प अर्पित किए। कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार दीपचंद सांखला, पत्रकार रमेश महर्षि, दलीप भाटी, हनुमान चारण, सूचना एवं जनसंपर्क उपनिदेशक विकास हर्ष, जनसंपर्क अधिकारी झुंझुनूं शरद केवलिया, पत्रकार मोहन लाल राजपुरोहित, अभिषेक शर्मा, यूआईटी के पूर्व लेखा अधिकारी किसन सेवग, युवा नेता रोहित गहलोत, अग्रवाल जिला सम्मेलन की युवा इकाई के अध्यक्ष हनुमान अग्रवाल, एडवोकेट नवाब अली, एडवोकेट राजेंद्र शिमला, राजेंद्र भार्गव, राजस्थान शाकद्वीपीय ब्राह्मण युवा मंच के मनोज शर्मा, विनोद शर्मा, आयुष शर्मा, गोपाल शर्मा आदि साक्षी रहे।

अपनाघर आश्रम में मनाई भवानी भाई की प्रथम पुण्यतिथि – Bikaner News

अपना घर आश्रम के अध्यक्ष द्वारकाप्रसाद पचीसिया ने बताया कि आज अपनाघर आश्रम में पूर्व महापोर भवानीशंकर शर्मा की प्रथम पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में अपनाघर आश्रम में आवास कर रहे प्रभुजी एवं कर्मचारियों के साथ 2 मिनट का मोन रखकर मनाई गयी | साथ ही प्रभु आवासियों को खाना खिलाया गया | अपनाघर आश्रम के सचिव अशोक मूंधड़ा ने भवानी भाई की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व के बारे में बताया |

इस अवसर पर द्वारकाप्रसाद पचीसिया, अशोक मूंधड़ा, जुगल राठी, महेश कोठारी, निर्मल पारख, राजाराम सारडा, दिलीप रंगा. आश्रम प्रभारी रमेश राठी, मेडिकल विभाग के राजू शर्मा, मोनू गहलोत, झंवरलाल सुथार, किशन एवं सेवासाथी उपस्थित हुए | Bikaner News

राष्ट्रीय कवि चौपाल की 184 वीं कड़ी आयोजित – Bikaner News

दर्द था कागज पर बिकता रहा… मैं बैचेन था रात भर लिखता रहा… बेटे-बेटी सोना है तो बेटी होने पर क्यों रोना है… राष्टंीय कवि चोपाल की 184 वीं कड़ी जब्बार बीकाणवी की अध्यक्षता में, सरदार अली परिहार के मुख्य अतिथि में तथा नेमचंद गहलोत के विशिष्ट आतिथ्य में आज का विशिष्ट काव्य समारोह समपन्न हुआ संस्था सचिव तुलसीराम मोदी ने बताया की कार्यक्रम का शुभारम्भ श्रीमती कृष्णा वर्मा जी- हे शारदे मां… हे शारदे मां अज्ञानता से हमें तार दे मां… सरस्वती वन्दना की, प्रकाश जी वर्मा- अच्छे कर्म करो, सोच बदलो… अच्छे दिनों लाना है.

सामयिक अच्छी रचना सुनाई…, सिराजूदिन- दीप आशाओं खुशियों के जलाये नया… कल से नया वर्ष गीता गाए नया…, मनोहर चावला- कोई रो कर दिल बहलाता है कोई हंस कर दर्द छुपाता है। बी.एल नवीन- टुटे हुए ख्वाबों ने हमको सिखाया है… दिल ने जिसे पाया था… आंखो ने गवाया है। श्रीमती सरोज जी भाटी- मंदिर देखा, मस्जीद देखा, गुरूद्वारा देखा, हिन्दुस्थान का पावन तीर्थस्थल देखा.., श्रीमती कृष्णा वर्मा- ‘‘बहु और बेटी‘‘ यों फर्क किया जाता है बहु और बेटी दोनों भाग्य विद्याता है। डाॅ. तुलसीराम जी मोदी- मिनखां पणो बैमोत मरे.. डांगर लोग भी बसे…।

फजल मोहम्मद- सारे जहां का दर्द लिया है कभी कभी… हंस हंस के आसुओं को पीया है कभी कभी। लीलाधर जी सोनी- पी. एम मोदी जी थाने चुनीया.. हे लगा में धनी आस…। राजकुमार ग्रोवर- 2018 की अंतिम कविता… पेश है कवि चैपाल में.. .। हनुमंत गौड़- वो गिन रहा था खुद पर जुल्मांे सितम का हिसाब व्यक्त आएगा वो तुझसे हिसाब मागेंगा. .। हममे तुममे फर्क बस यही है, तुम हाल पूछते हो तो काम होता है। वरिष्ठ कवि किशन नाथ ‘‘खरपतवार’’- ‘‘सड़क‘‘ तु काली करूप, कामण गारी,, थार मरीया अनेक, साणा पसाडे रिया मालक राखी टेक…। वली मोहम्मद गौरी- इतनी मिली खुशी जहां को उधार दो..। पुछीयें ना हमे क्या मिला प्यार में… मिल गया जिन्दगी का मजा प्यार में…। मैराजुदीन- दर्द था कागज पर बिकता रहा मैं बेचैन था रात भर लिखता रहा..। कैलाश टाक- कुछ बातें मुझे बार बार खटकती, जवानी में साली आंखें क्यों मटकती है… ।

मोहम्मद शकिल- आज तुम्हे शैर सुनाओं शंकर के गुनगान है.., जो आए जो मांगे देने का विधान?अजीत राज- सायली ‘‘बेटी‘‘ तुम रोनक हो.. मेरी जीवन की सदैव। विपल्व व्यास- विदाई और स्वागत के उल्लास में उलझन उलझी जिंदगी करती है तुम्हारा स्वागत.. मधुरिमा- मैं इसलिए आई गत को विदाई देने नये साल का स्वागत करने…। अनिल- आपा धापी.. छीना-झपटी… मारी-मारी चारों ओर… भागे हमें डब्ल्यू कल्चर कान फोड़ता तिखा शोर…

डाॅ. महेश चुघ- हकीकत की मूरत हो तुम, कोई रात का ख्वाब नहीं.. निकलती हो पास से मेरे पर.. नयनों को विश्वास नहीं… शानू कच्छावा- देख के तुझ को चांद का होश खो जाता है../ तुम अगर साथ देने का वादा करो… सरदार अली पड़िहार- जिन्दगी को जीता चल.. खुशियां जोली भरता चल… अतिथि जब्बार बीकाणवी- आज के कार्यक्रम की समीक्षा की तथा स्तरीय कविताओं का जिक्र किया। संस्थापक कवि नेमचंद गहलोत ने- अरे ओ दिवानो.. अरे ओ नादानों… समय को पहचानों समय ही सोना है समय ही चांदी है।

संस्था अध्यक्ष रामेश्वर ‘‘साधक’’ बाड़मेरा ने- साहित्य वृन्द से निवेदन किया कि आपकी रचना मुद्रित हो या न हो लेकिन लेखन वृति जीवित रखें लेखन स्वतः राह प्रशस्त करेगा तथा धन्यवाद ज्ञापित किया 40 कविवृन्द के सान्निध्य में आयोजित इस काव्य धर्म सभा में रामेश्वर महेचा, श्रीगोपाल स्वर्णकार, अखतर हुसैन, परशुराम भाटी, नथु आदि श्रोतागण भी उपस्थित थे। मंच संचालन कैलाश टाक ने किया।