पोकरण में आशापुरा माता जी के लगाया छप्पन भोग, प्रदेश में सुख,शान्ति एवं खुशहाली की प्रार्थना
OmExpress News / बीकानेर / श्री आशापुरा सेवा समिति ट्रस्ट (पोकरण), बीकानेर की ओर से भादवा मेला अवसर पर नवमी को माॅ आशापुरा माता जी के छप्पन भोग का प्रसाद लगाया गया। Bikaner News 8 September
इस अवसर पर ऊर्जा एवं जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री डाॅ.बी.डी.कल्ला, उच्च शिक्षा राज्यमंत्री भंवर सिंह भाटी, नगर पालिका पोकरण अध्यक्ष आंनदी लाल गुचिया, ई.ओ. नगर पालिका सुनील बोड़ा, ज्योतिषविद् अशोक थानवी, समाजसेवी कन्हैया लाल कल्ला, जय किशन आचार्य, अशोक मोदी सहित अनेक अतिथियों ने माॅं की पूजा अर्चना कर छप्पन भोग के दर्शन किए।
इस अवसर पर ट्रस्ट के पदाधिकारी राजेश बिस्सा ’गजानन्द’, गोपाल दास, गिरिराज बिस्सा एवं संयोजक राजकुमार बिस्सा द्वारा शाॅल,साफा, स्मृति चिन्ह एवं श्रीफल प्रदान कर अतिथिययों का सम्मान किया गया। ऊर्जा मंत्री डाॅ.कल्ला ने कहा कि मां आशापुरा के दरबार में आने वाले प्रत्येक श्रद्धालू की मनोकामना पूर्ण होती है। उन्होंने प्रदेश में सुख-शान्ति एवं खुशहाली की मां आशापुरा से प्रार्थना की।
उच्च शिक्षा राज्यमंत्री भंवर सिंह भाटी ने कहा कि मां के दरबार में सम्पूर्ण देश से ही नहीं,अपितु विदेशों से भक्त आकर मनोकामना करते है ओर वो पूर्ण होती है। मां के भक्तों में भी मां के प्रति अटूट आस्था व श्रद्धा है। ट्रस्ट अध्यक्ष राजेश बिस्सा ने स्वागत,सचिव जयकिशन आचार्य ने ट्रस्ट गतिविधियों पर प्रकाश डाला। कोषाघ्यक्ष गिरिराज बिस्सा ने सभी का आभार व्यक्त किया। Bikaner News 8 September
सुजानदेसर गांव में बही शब्दों की सरिता
बाबा रामदेव डाली बाई भंडारा सेवा समिति की तरफ से आयोजित कवि-सम्मेलन के मुख्य अतिथि राम झरोखा कैलाश धाम के महां मंडलेश्वर श्री श्री १०८ महा त्यागी सरजूदास महाराज ने कहा शब्द ब्रह्म होता है | शब्दों की साधना करना बेहद कठिन कार्य है जो इसका गणित समझ लेता है वह भव सागर से पार हो जाता है |
अध्यक्षता करते हुए संस्था के अध्यक्ष मंगतूराम गहलोत ने बताया कि गत दस वर्षों से संस्था सभी के सहयोग से बाबा रामदेव मेले के अवसर पर भंडारा आयोजित करती है इस बार साहित्यिक आयोजन के तहत कवि-सम्मेलन रखा गया जिसमें पूरा गांव सुनने को उमड पडा, इसे सफल बनाया अत: मैं कविजनों का आभारी हूं जिन्होंने एक से बढ़कर एक गीत-गजल और कवितायेँ सुनाकर कार्यक्रम को नई पहचान दिलाई |
विशिष्ठ अतिथि रोजगार मार्गदर्शक डॉ.अजय जोशी ने कहा कि साहित्य एक ऐसी समदरसी विधा है जो आपसी मेल-मुलाक़ात और भाईचारे को बढ़ावा देती है | बाबे की आरती के बाद कवि सम्मेलन की शुरुआत मनीषा आर्य सोनी ने सरस्वती वन्दना से की | Bikaner News 8 September
कैलाश टोक, डॉ.कृष्णा आचार्य, मीनाक्षी स्वर्णकार, राजाराम स्वर्णकार, लीलाधर सोनी, नेमचंद गहलोत और संजय आचार्य “वरुण” ने एक से बढ़कर एक बढ़िया गीतों, गजलों की प्रस्तुति देकर मेले के माहौल को साहित्यिक बना दिया | कार्यक्रम का संचालन बाबूलाल छंगाणी ने किया | संस्था की तरफ से बाबा रामदेव के भजन लिखने वाले गीतकार पन्नालाल बारुपाल “प्रेमी” का सम्मान किया गया | आभार गोपजी वर्मा ने ज्ञापित किया |
तपस्या आत्मशोधन का प्रमुख मार्ग-प्रवर्तिनी साध्वीश्री शशि प्रभा श्रावक जयचंद लाल बैद के शोभायात्रा के बाद किया तपस्या का पारणा
जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ के गच्छाधिपति आचार्यश्री जिन मणि प्रभ सूरिश्वरजी म.सा. की आज्ञानुवर्ती प्रवर्तिनी वरिष्ठ साध्वीश्री शशि प्रभा म.सा.के सान्निध्य में रविवार को 15 दिन की तपस्या करने वाले हिसार निवासी बीकानेर मूल के जयचंद लाल बैद व स्थानीय श्राविका श्रीमती मंजू पारख ने देव मंदिरों में जुलूस के साथ लड्डू चढाकर, देव, गुरु व धर्म की वंदना कर पारणा किया। Bikaner News 8 September
श्रावक जयचंद लाल बैद बग्गी पर सवार थे, उनके आगे बैंड पार्टी नवंकार महामंत्र की धुन बजा रहीं थी। श्रावक तपस्वी अमर रहे के नारे लगा रहे थे । वहीं महिलाएं मंगल गीत गा रही थीं। बैदों के चौक के भगवान महावीरजी मंदिर, नाहटा चौक के भगवान आदिश्वर मंदिर, भुजिया बाजार के चिंतामणिजी मंदिर, रांगड़ी चौक के सुगनजी महाराज के भगवान अजीत नाथ व क्षमाकल्याणजी मंदिर, ढढ्ढों के चौक में शांति गुरुदेव के मंदिर में चैत्य परिपाटी के तहत दर्शन किए तथा लड्डू चढ़ाएं। तपस्वियों ने ढढ्ढा चौक में साध्वीश्री शशि प्रभा म.सा. से आशीर्वाद लिया तथा महामांगलिक पाठ सुना।
साध्वीश्री ने तपस्वियों को आशीर्वचन में कहा कि तपस्या, जैन धर्म में आत्म शोधन का प्रमुख मार्ग है। देव व गुरु की कृपा, उच्च मनोबल तथा पुण्योदय से ही 15-15 दिन तक बिना किसी आहार के केवल सीमित जल पर रहकर आत्म व परमात्म चिंतन किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जप, स्वाध्याय, ध्यान, देव-दर्शन, समताभाव रखने से तपस्या का फल अधिक मिलता है। तपस्या करने वालों, करवाने वालों व अनुमोदना करने वालों को भी पुण्य मिलता है। हमें अधिकाधिक तपस्या की अनुमोदना करते हुए तपस्वियों के आत्मबल को बढ़ाने में सहभागी बनना चाहिए ।
साध्वी सौम्यगुणा ने ढढ्ढा कोटड़ी में तपस्या की अनुमोदना करते हुए कहा कि किसी से ईर्ष्या व द्वेष नहीं रखना चाहिए। ईर्ष्या व द्वेष से कर्मबंधन होता है, वहीं श्रावक-श्राविकाओं की तपस्या, भक्ति, जप-तप की साधना, आराधना की अनुमोदना करने से पुण्योदय होता है तथा कर्मबंधन कटते हैं।
कपल शिविर- के दूसरे दिन साध्वश्री श्रमणी प्रज्ञा ने निर्थक पाप कर्मों से बचने के सीधे व मूल्यवान 14 उपाए बताएं। उन्होंने कहा कि सचित, द्रव्य, विगय, वाणह, तंबोल, वस्त्र कुसुम, वाहन, शयन, विलेपन, ब्रह्मचर्य, दिशा, स्नान और भक्तपान नियमों की पालना सचेष्टता से करें। अपरिग्रह व त्याग की वृति, समता भाव को अपनाएं। Bikaner News 8 September