बीकानेर। कहते है ना पूत के पांव पालने में ही दिख जाते है यही कहावत सार्थक रूप से चरितार्थ कर रही है बीकानेर की होनहार तनुश्री झंवर। दयानंद पब्लिक स्कूल के कक्षा आठवीं में पढऩे वाली चैदह वर्षीय तनुश्री पिछले छ: साल से कर रही ताईक्वांडो और कराटे की कष्टप्रद साधना। इन छ: वर्षो में लगभग तीन दर्जन से अधिक प्रतियोगितायें खेल चुकी झंवर ताईक्वांडों में ब्लैक बैल्ट के साथ साथ कराटे में ब्राउन-पर्पल बैल्ट की योग्यता अर्जित कर चुकी है। पिछले कुछ दिनों से सूरतगढ़ में चल रही राज्यस्तरीय ताईक्वांडो प्रतियोगिता में गोल्ड मैडल अर्जित कर नेशनल के लिये क्वालिफाई करने वाली तनुश्री का सुखसागर अर्पाटमेंट निवासियों ने भावभीना स्वागत किया। स्वत: स्फूर्त, स्व-प्रेरित इस कार्यक्रम में वहां के निवासियों का उत्साह देखते ही बन रहा था।
कोई मालायें ले आया तो कोई मिठाई। कोई इस बालिका को गोद में उठा रहा था तो कोई उसके साथ सेल्फी लेकर खुद को गौरान्वित महसूस कर रहा था। हर निवासी को गर्व हो रहा था अपने सोसायटी की बेटी पर, नाज कर रहा था बीकानेर की बेटी पर। सही मायनों में बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओं के नारे को सार्थक करने परिजन, जिनकी लगन मेहनत भी काम आयी। तनुश्री से जब पूछा गया इस सफलता का श्रेय किसे देती हो तो तपाक से बोली मेरे परिवार को खास कर दादा मनोहरलाल झंवर को। जिनके मोटिवेशन से मिला आज यह मुकाम। अगला श्रेय मेरी मम्मी राधिका झंवर को जो मुझे लेकर जाती है हर प्रतियोगिता में अपना सर्वस्व देती है मुझे। वाकई शुक्रगुजार है यह बच्ची अपने परिवारजनों की, गले से लगा रही है अपने सगे-संबंधियों को।
साथ ही विदित रहे तनुश्री ने अब तक तीन गोल्ड, पांच सिल्वर, तीन ब्रोन्ज मैडल सहित तकरीबन बीस अलग अलग सर्टिफिकेट्स भी अर्जित किये है। झंवर ने लगभग पांच बार नेशनल, ग्यारह बार स्टेट, सोलह बार जिला स्तरीय, एक बार अंतराष्ट्रीय व अन्य कई प्रतियोगितायें खेली है। खेल के साथ साथ पढ़ाई में होनहार और ड्राईंग में विशेष रूचि रखने वाली तनुश्री हर बेटी के लिये एक मिशाल कायम कर रही है।(PB)