पुष्कर अनिल सर विधानसभा में गावो में अब चुनावी रंगत परवान चढऩे लगी है ।कस्बे में भी दोनो पार्टियों के कार्यलय उद्घाटन के साथ बैठकों का दौर शुरू हो चुका है ।वही आम आदमी पार्टी सहित निर्दलीय भी प्रचार में अपनी पूरी ताकत झौक रहे है ।भाजपा के प्रत्याशी सुरेशसिंह रावत ने गावो में सघन जनसंपर्क कर अपने लिए वोट मांगे ।इस दौरान रावत ने सभी गावो में बैठके ली ।सभी गावो में रावत का जोरदार स्वागत किया ।वही कांग्रेस की नसीम अख्तर इंसाफ ने कानस गाव सहित गाबो में सघन जनसंपर्क किया ।अख़्तर ने कानस गाव में आज का जनसंपर्क शुरू किया ।नसीम अख्तर ने कानस के बाद देवनगर आसन कुर्डिया खोरी कँवलाई कड़ेल तिलोरा डुंगरिया कला डुंगरिया खुर्द कोठी बांसेली डेर चावण्डिया में सघन जनसंपर्क कर अपने लिए वोट मांगे ।इस दौरान सभी गावो में उनका जोरदार स्वागत किया गया । इस दौरान बिरामसिंह रावत,पूर्व प्रधान कानाराम ,मांगीलाल,दिल्ली से आये शिवपालसिंह गुर्जर,जीवराज गुर्जर,छीतरमल टेपण,असलम पठान सहित अनेक नेता साथ रहे ।
घर घर गांव गांव में किया जा रहा है उम्मीदवारों द्वारा जनसंपर्क
पुष्कर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस की प्रत्याशी नसीम अख्तर इंसाफ गांव में व्यापक जनसंपर्क करने में जुट रखी है बड़ी संख्या में कांग्रेस पदाधिकारियों कार्यकर्ताओं के समर्थन के साथ जमकर प्रचार प्रसार कर रहे हैं इस कारण लोगों का व्यापक समर्थन मिल रहा है चुनाव दौरे में गांवो में ग्रामीण कांग्रेस प्रत्याशी नसीम अख्तर इंसाफ का ढोल धमाकों के साथ अगवानी कर भावभीनी स्वागत कर रहे हैं तो वही भाजपा के उम्मीदवार सुरेश सिंह रावत भी जनसंपर्क में पीछे नहीं हैं वह भी युद्ध स्तर पर गांव गांव में जाकर जनसंपर्क कर रहे हैं दोनों ही उम्मीदवारों का ग्रामीण क्षेत्रों में भव्य स्वागत भी किया जा रहा है पुष्कर शहर में हालांकि अभी तक चुनावी रंगत नजर नहीं आ रही है लेकिन गांव में चुनावी रंगत देखने को मिल रही है हालांकि दोनों ही उम्मीदवारों ने पुष्कर शहर में अपने कार्यालय खोल लिए है लेकिन कस्बे के अंदर ऐसा कोई माहौल नजर नहीं आ रहा बस कुछ लोग अपने अपने कयास लगाकर चर्चा कर रहे हैं कौन सा उम्मीदवार जीतेगा हालांकि दोनों ही उम्मीदवार अपनी जीत का दावा कर रहे हैं।
मतदाताओं की खामोशी बनी नेताओ के लिए पहेली
पुष्कर धार्मिकनागरी पुष्कर के नाम से बने लगभग 210 गावो के पुष्कर विधानसभा क्षेत्र में भले ही भाजपा और कांग्रेस के नेता जीत के लिए पसीना बहा रहे हो लेकिन अभी तक पुष्कर कस्बे सहित पूरे विधानसभा क्षेत्र में ना तो दोनो पार्टियों का प्रचार परवान चढ़ा है और ना ही मतदाताओं ने अपनी खामोशी तोड़ी है ।मतदाताओं की खामोशी नेताओं के लिए ऐसी पहेली बन गयी है जिसने चिंता की लकीरें भी बढऩे लगी है ।पहले मतदाता सार्वजनिक चौराहों और चौपालों पर अपने विचारों का खुलकर आदान प्रदान करते थे ।वोट मांगने वाले नेताओं को सामने ही अपनी नाराजगी और सहमति प्रकट कर देते थे । समाज और संगठनों की तरफ से खुले समर्थन की घोषणाएं हो जाती थी ।नुकड़ सभाओं,बडे नेताओ की सभाओं,जनसंपर्क अभियान में जो कुछ दिखता था उससे मतदाताओं के रुख का पता चल जाता था लेकिन अब हालात बिल्कुल बदल चुके है ।मतदाता खुद को पार्टियों के प्रचार अभियान से दूर रखने लगा है ।केवल सोशल मीडिया पर ही अपने विचार रखता है ।मतदाताओं की तो छोड़ो कार्यकेताओ के पास भी नेताओ के साथ गाव गाव घूमने का समय नही है ।पहले की तरह गावो और जातियों के अनुसार किसी एक के पक्ष में माहौल की बात नही है ।भाजपा के सुरेशसिंह रावत को अपनी स्वजाति मतों को लेकर आशका बनी हुई है तो कांग्रेस की नसीम अख्तर इंसाफ को भी अल्पसंख्यक समुदाय को लेकर चिंता बनी हुई है ।दोनो ही नेताओ को कई जगह अपनी ताकत से ही चुनोउती मिल रही है ।कमोबेश यही हालत दूसरे सामजो और गावो में भी देखा जा रहा है ।नेताओ में भितरघात को लेकर इतना डर है कि हर किसी पर दूसरी नजर से निगाहे रखी जा रही है ।पहले चुनावो में गाव के गाव और जातीया ना केवल खुलकर मतदान करते थे जबकि समर्थन की हौड़ में जाति विशेष के गावो में विरोधियो की टेबल तक नही लगती थी ।इन बदलावो से नेताओ के लिए मतदाताओं के मूड को भांपने बहुत मुश्किल हो गया है ।ऐसे में केवल जनसभाएं या रोड शो से ही हवा का मूड पता लग सकता है लेकिन पुष्कर में अभी तक भाजपा और कांग्रेस की और से ना तो किसी बड़े नेता की सभा का कार्यक्रम है।अभी तक सभी उम्मीदवार केवल अपने स्तर पर ही मतदाताओं के घर घर जाकर और छोटी छोटी सभाए कर मतदाताओं की मनुहार में लगे है । और ना ही कोई रोड शो ।मतदाताओं की खामोशी और प्रचार अभियान में शीतलता से फिलहाल उम्मीदवारों को उम्मीद के भरोसे ही रहना पड़ेगा ।
पुष्कर विधानसभा क्षेत्र मे जातिगत समीकरण हावी रावत और मुसलमान वोटर अधिक
पुष्कर । पुष्कर विधानसभा सीट पर हर बार की तरह इस बार भी जातिगत समीकरण हावी नजर आ रहे हैं। पुष्कर विधानसभा क्षेत्र में रावत और मुसलमान वोटर सबसे अधिक हैं जिसके कारण दोनों ही पार्टियां रावत या मुसलमान उम्मीदवार उतारकर वोटरों को लुभाने का कार्ड खेलती है।
पुष्कर विधानसभा सीट से 2008 में कांग्रेस की नसीम अख्तर इंसाफ ने जीत हासिल की थी और शिक्षा राज्य मंत्री का अहम पद भी मिला। इसके बाद 2013 के चुनाव में मोदी लहर ऐसी चली कि नसीम अख्तर को भाजपा के नए चेहरे सुरेश सिंह रावत ने 41 हजार 290 वोटों से करारी शिकस्त दी। पुष्कर में करीब 30 से 35 हजार रावत और लगभग इतने ही अल्पसंख्यक मतदाता हैं। इनके अलावा करीब 30 हजार एससीए करीब 21 हजार जाटए करीब 15 हजार गुर्जर और इतने ही राजपूत हैं। वहीं करीब 14 हजार ब्राह्मणए 8 हजार वैश्य, 9 हजार माली मतदाता हैं। अन्य जातियों के मतों की संख्या करीब 35 हजार है। परंपरागत वोटों की बात करें तो रावत, राजपूत, वैश्य, ब्राह्मणों सहित भाजपा का कुल वोट बैंक करीब एक लाख का आंकड़ा छूता है।
कांग्रेस के परंपरागत वोटों की बात करें तो मुस्लिम, एससी, जाट, माली, गुर्जरों को मिलाएं तो यह आंकड़ा 1 लाख 20 हजार को पार करता है। पुष्कर सीट कांग्रेस का गढ़ रही है। सन् 1957 से 2013 तक 13 विधानसभा चुनाव हुए हैं। इनमें से 8 बार कांग्रेस के विधायक चुने गए हैं।
भाजपा चार बार सीट पर जीत दर्ज कर सकी है, 1977 के चुनाव में इस सीट से जनता पार्टी के चिरंजीलाल ने जीत दर्ज कराई थी। यहां कुल वोटर 2 लाख 25 हजार 699 जिसमें पुरुष 1 लाख 15 हजार 991 वहीं महिलाएं 1 लाख 9 हजार 673 है।
पुष्कर विधानसभा क्षेत्र में निर्दलीय का नहीं है वजूद
पुष्कर विधानसभा क्षेत्र में इस बार निर्दलीय उम्मीदवारों का कोई वजूद नहीं नजर आ रहा है इस बार भाजपा के सुरेश रावत और कांग्रेस के नसीम अख्तर के बीच सीधी टक्कर देखने को मिल रही है और दोनों ही युद्ध स्तर पर अपने चुनाव प्रचार में लग रखे हैं हालांकि पुष्कर विधानसभा क्षेत्र से आप और लोकतांत्रिक पार्टी के अलावा निर्दलीय उम्मीदवार खड़े हो रखे हैं लेकिन उनका कहीं भी वजूद नजर नहीं आ रहा है और नहीं ऐसा कोई प्रचार-प्रसार जिससे दोनों ही उम्मीदवार को उन से नुकसान पहुंच सके भाजपा और कांग्रेस में इस बार सीधी टक्कर होने के कारण यहां का चुनाव रोचक देखने को मिल रहा है जनता इस बार चुप होने के कारण कोई भी नहीं बता पा रहा है कि कौन सा प्रत्याशी जीतेगा जनता की खामोशी दोनों ही पार्टियों के लिए चिंताजनक बन रखी है हालांकि दोनों ही पार्टी के कार्यकर्ता अपने-अपने उम्मीदवारों की जीत के दावे कर रहे हैं लेकिन आम जनता अभी तक अपने पत्ते नहीं खोल रही है और चुप्पी साध रखी अजमेर जिले में इस बार पुष्कर विधानसभा क्षेत्र की सीट पर सभी की नजर नजर टिकी हुई है क्योंकि इस बार दोनों ही उम्मीदवारों के बीच घमासान और सीधी टक्कर देखने को मिल रही है क्योंकि नसीम अख्तर इंसाफ पूर्व में यहां से चुनाव जीतकर शिक्षा मंत्री का पद हासिल किया तो वहीं गत चुनाव में सुरेश सिंह रावत ने नसीम अख्तर को हराकर संसदीय सचिव बने लेकिन नसीम अख्तर सुरेश रावत से हार जाने के बाद भी 5 वर्षों तक पुष्कर विधानसभा को नहीं छोड़ा तथा लोकसभा उपचुनाव में कांग्रेस ने पुष्कर विधानसभा क्षेत्र से नो हजार से अधिक मतो की बढ़त ली थी और वही नसीम अख्तर क्षेत्र में लगातार जनता से संपर्क बनाए रखा जिसके चलते इस बार चुनाव रोचक नजर आ रहा है।
सहारा इंडिया बैंक में फिर उपभोक्ताओं ने किया हंगामा
तीर्थ नगरी पुष्कर में आज फर सांड बाबा मंदिर के पीछे स्थित सहारा इंडियाबेनक में बकायादारों ने जमकर बोला हल्ला सहारा इंडिया की पुष्कर शाखा में हंगामा उपभोक्ताओ ने कई बार अपने जमा कराए पैसे की मांग कर रहे है 4 महीने से नही जमा पैसों का भुगतान नही करने से उपभोक्ताओ को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है आज पैसा नही मिलने पर उपभोक्ताओं का सब्र का बांध टूट गया और जमकर हंगामा किया तो वही बैंक के कर्मचारी मुंह छिपाते नजर आए और इधर उधर भागते।(PB)