भारतीय जनता पार्टी, राजस्थान का प्रतिनिधिमण्डल आपका ध्यान प्रदेश में विगत जनवरी 2019 से आज अगस्त, 2019 तक पिछले 8 महिनों में घटित विभिन्न श्रेणियों के अपराधों की ओर आकृष्ट करना चाहता है, ऐसा लगता है प्रदेश में कानून का राज समाप्त हो गया है, अपराधी बेखौफ घूम रहे है, आमजन में भय व्याप्त है, एक श्रृंखलाबद्ध एवं सुनियोजित तरीके से अपराधों में निरन्तर वृद्धि हो रही है। कानून व्यवस्था के नाम पर प्रदेश में घोर अराजकता की स्थिति है, यह प्रतिनिधिमंडल आपका ध्यान प्रदेश में अनुसूचित जाति वर्ग के साथ हुए अत्याचारों की ओर आकृष्ट करना चाहता है कि अपराध के निरन्तर बढ़ते आंकडों में सर्वाधिक अपराधों एवं उत्पीडऩ का शिकार अनुसूचित जाति वर्ग हुआ है। जहां एक ओर मौजूदा राज्य सरकार के गठन के बाद दिसम्बर 2018 के बाद राज्य में अनुसूचित जाति के प्रति अपराधों का ग्राफ तेजी से बढ़ा है और जून, 2019 तक अनुसूचित जाति के लगभग 3121 मामले संगीन अपराधों के दर्ज/घटित हुए हैं।
इसी क्रम में निवेदन है कि, अनुसूचित जाति के लोग सर्वाधिक अपराधों के शिकार हुए हैं 15 दिसम्बर, 2018 को अलवर में दलित दुल्हे को घोड़ी से उतारने और बरातियों से मारपीट से प्रारम्भ हुई घटनाएं मई 2019 में थानागाजी गैंगरेप जिसकी गूंज शर्मनाक तरीके से पूरे भारत में हुई और राजस्थान को शर्मसार होना पड़ा। इसी तरह 16 जुलाई 2019 को अलवर में टपूकड़ा क्षेत्र में एक दलित युवक हरीश जाटव की उमरशेद ठेकेदार व उसके साथियों ने हत्या कर दी। स्थानीय पुलिस ने इस प्रकरण में कोई कार्यवाही नहीं की। एक महिने तक अपराधी खुलेआम घुमते रहें।
अपराधियों ने मृतक हरीश जाटव के पिता रतीराम जाटव को मुकदमा वापस लेने के लिए प्रताडि़त किया। स्थानीय पुलिस ने पीडि़त परिवार को कोई संरक्षण व सुरक्षा प्रदान नहीं की। मृतक हरीश जाटव के पिता रतीराम जाटव ने पुलिस व अपराधियों के आंतक से त्रस्त होकर स्वतंत्रता दिवस के दिन 15 अगस्त को जहर खाकर आत्महत्या कर ली। दोनों प्रकरणों में अभी तक पुलिस ने कोई कार्यवाही नहीं की है। इस तरह की घटनाऐं पूरे राज्य में लगातार दलितों एवं महिलाओं के साथ हो रही है।
यह सिलसिला यहीं तक रूका नहीं है और आज अगस्त तक दुष्कर्म, हत्या, लूटपाट, बारात पर हमला, अपहरण जैसे लगभग सैंकड़ों मामले सामने आए हैं जिनका सिलसिलेवार विवरण संलग्न है। एक रिपोर्ट के मुताबिक जून माह 2019 तक लगभग 3121 मामले प्रकाश में आए हैं जिनमें 36 हत्याएं, 9 गंभीर चोटें, 274 बलात्कार, 7 गंभीर क्षति, 2735 भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत अन्य मामले, अनुसूचित जाति – अनुसूचित जनजाति एक्ट के 60 मामले सामने आए हैं। जून 2019 तक कुल दर्ज 3121 मामलों में 1490 मामलों में अनुसंधान पेंडिंग है अर्थात 47.74 प्रतिशत लम्बित होना तथा यह अत्यंत शर्मानाक है कि अनुसूचित जाति की महिलाओं के प्रति जून 2019 तक बलात्कार की 274 घटनायें हुई जिनमें अभी भी 133 घटनायें 1/448.54 प्रतिशत लम्बित है1/2 और अपराधियों का कानून की पकड़ से बाहर होना राज्य सरकार की नाकामी एवं अनुसूचित जाति के खिलाफ हुए अपराधों के प्रति सरकार की संवेदनहीनता का निकृष्ट उदाहरण है।
धरने में नंदकिशोर सोलंकी पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष भारतीय जनता पार्टी, बिहारीलाल बिश्नोई देहात अध्यक्ष विधायक नोखा, सुमित गोदारा विधायक लूणकरणसर, विश्वनाथ मेघवाल, महापौर नारायण चोपड़ा, सत्यप्रकाश आचार्य जिला अध्यक्ष बीकानेर, मोहन सुराणा, पाबू दान सिंह, एडवोकेट मुमताज भाटी, विजय आचार्य, मधुरिमा सिंह महिला मोर्चा अध्यक्ष, सलीम जोइया सहित अनेक भाजपाई उपस्थित रहे।