ब्रह्माकुमारी ई.वि. में महाशिवरात्रि महापर्व
बीकानेर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के क्षेत्रीय केन्द्र सार्दुल गंज में तीन दिवसीय महाशिवरात्रि महापर्व का मुख्य समारोह सोमवार को मनाया गया। समारोह के तहत शिव ध्वज लहराया गया तथा आध्यात्मिक ज्ञान चर्चा की गई। महोत्सव में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया तथा शिव के मंत्रों का जाप व स्तुति की तथा आध्यात्मिक ज्ञान का श्रवण किया। केन्द्र की प्रभारी बी.के.कमल ने आध्यात्मिक ज्ञान चर्चा में कहा कि सभी देवों के भी देव है महादेव, परमात्मा शिव। परमात्मा शिव का मुख्य कार्य अधर्म का नाश और सतधर्म की स्थापना है।
शिवरात्रि अजन्मा का जन्मोत्सव है। परमात्मा शिव का अवतरण हमें संदेश देता है, कि हम नैष्टिक पवित्रता और शुद्धता का पालन करें और शिव के अर्पण होकर संसार की ज्ञान से सेवा करें। विकारों रूपी विष से नाता तोड़कर परमात्मा शिव से अपना नाता जोड़े। अंधकार को समाप्त कर प्रकाश फैलाने का यादगार है शिवरात्रि पर्व। बी.के.कमल ने सभी श्रद्धालुओं को सत्यता, पवित्रता, धैर्यता, मर्धुरता और नम्रता को जीवन धारण करने के लिए दृढ़ संकल्प करवाते हुए कहा कि शिव का वास्तविक अर्थ है कल्याणकारी, लिंग का अर्थ है प्रतिमा अथवा चिन्ह। इसलिए शिवलिंग का अर्थ हुआ कल्याणकारी परमपिता परमात्मा की प्रतिमा। उन्होंने कहा कि प्राचीन काल में शिवलिंग हीरे से भी बनाएं जाते थे, जो कि प्राकृतिक रूप से प्रकाशवान होते थे।
सोमनाथ के मंदिर में सर्व प्रथम संसार के सर्वोत्तम हीरे कोहिनूर से बने शिवलिंग की स्थापना हुई थी। विभिन्न धर्मों में भी परमात्मा शिव को इसी अंगुष्ठाकार, मंडलाकार व निराकर रूप में मान्यता दी गई है। पूजा, पाठ, प्रार्थना, स्तुति व वंदना अथवा अन्य पवित्र अवसरों पर ज्योति स्वरूप परमात्मा की स्मृति में देवालयों में दीपक अथवा ज्योति प्रज्जवलित की जाती है। भारत में विश्व के 12 प्रसिद्ध मठों को भी ज्योर्तिलिंगम मठ कहा जाता है। तीन दिवसीय महोत्सव के तहत मंगलवार को रानीसर बास स्थित सेवाकेन्द्र में सुबह आठ बजे शिवरात्रि महोत्सव मनाया जाएगा।