भारत की परंपरा और पूजा पद्धति की प्रसिद्धि पूरे विश्व में है! यही वजह है कि पूरे संसार से लोग यहां की आस्था और संस्कृति के प्रति बरबस खिंचे चले आते हैं. ताजा मामला राजस्थान के बुटाटी धाम स्थित चुतरदासजी महाराज मंदिर का है, जहां एक अमेरिकी महिला पिछले कई दिनों से यहां पर मंदिर की परिक्रमा कर रही है. खास बात यह है कि यह महिला जब इस धाम पर आई थी तो अपने पैरों पर मुश्किल से खड़ी हो रही थी. लेकिन यहां आने के पांचवे दिन ही वह अब न सिर्फ खड़ी हो रही है बल्कि अच्छी तरह से चल भी रही है. इस महिला का नाम जेनिफर क्राफ्ट है. एक्सीडेंट के बाद वह लकवा से ग्रसित हो गई जेनिफर का कहना है कि एक एक्सीडेंट के बाद वह लकवा से ग्रसित हो गई थी. उसे चलने में काफी परेशानी हो रही थी.

ऐसे में वो काफी चिंतित रहने लगी. एक दिन उसने सोशल मीडिया के द्वारा बुटाटी धाम के बारे में सुना. इसके बाद वह भारत के लिए रवाना हो गई. यहां आने पर जेनिफर ने पांच दिन की प्ररिक्रमा की. इसके बाद उसके पैर सही हो गए और अब वह अपने पैरों पर खड़ी हो रही है. मंदिर में ठहरकर अब परिक्रमा लगा रही है अपने पैरों पर खड़ी होने के बाद जेनिफर की पहली प्रतिक्रिया थी “इटस मेरिकल”. अमेरिकन लेडी जेनिफर क्राफ्ट ने कहा कि आई एम फिलिंग सो बेटर एण्ड होप बी गुड एण्ड नाऊ आई केन स्टैंड ऑन फुट.

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आशुतोष शर्मा के साथ साइकिल पर बुटाटी धाम के चुतरदासजी महाराज मंदिर लाई गई जेनिफर मन्दिर में ठहरकर अब परिक्रमा लगा रही है. अब वह हल्का सहारा लेकर पैरों पर चलकर परिक्रमा करने लगी है. जेनिफर क्राफ्ट रविवार शाम को बुटाटी धाम पहुंची थी. उसने बताया कि साल 2014 में एक बाइक एक्सीडेंट में रीढ की हड्डी में चोट लगने से उनका कमर से नीचे का हिस्सा लकवाग्रस्त हो गया था. सोशल मीडिया से जानकारी मिलने के बाद पिछले कई महिनों से वह बुटाटी धाम आने की कोशिश कर रही थी!

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कुचेरा. उसे भरोसा था कि यहां कुछ अच्छा हो सकता है। यहां उसकी जिन्दगी को नई दिशा मिल सकती है। आस्था व श्रद्धा उसे सात समंदर दूर बुटाटी में खींच लाई। संत चतुरदास के प्रति आस्था व श्रद्धा रंग लाई और वह पांच दिन पहले यहां पहुंची और अब पांच साल बाद पैरों पर खड़ी हुई है। अमेरिकन लेडी जेनिफर क्राफ्ट , अमेरिका को जिन्दगी का सबसे बड़ा चमत्कार संत चतुरदास महाराज मन्दिर में परिक्रमा से मिला। क्राफ्ट चतुरदास धाम के आशीर्वाद व हजारों लोगों की दुआओं के चलते अपने पैरों पर खड़ी हो गयी। वो कहती है, इट्स ए मिरेकल, आई एम फिलिंग सो बेटर एण्ड होप बी गुड एण्ड नाऊ आई केन स्टैंड ऑन फुट।

पांच दिन में पैरों पर खड़ी हुई जेनिफर
यहां पति आशुतोष शर्मा के साथ साईकिल पर यहां लाई गई जेनिफर मन्दिर बुटाटी धाम नागौर में ठहरकर परिक्रमा लगा रही है और अब वह हल्के सहारे से पैरों पर चलकर परिक्रमा लगाने लगी है। पाइरिलाइसिस रोग जिसे आम बोलचाल में लकवा कहते हैं, के मात्र सात परिक्रमा से प्राकृतिक उपचार के लिए देश ही नहीं अपितु विश्वभर में विख्यात हो रहे क्षेत्र के बुटाटी धाम स्थित संत चतुरदास महाराज मन्दिर में परिक्रमा लगाने के लिए अमरिका से जेनिफर क्राफ्ट रविवार शाम बुटाटी धाम पहुंची थी। 2014 में एक बाइक एक्सीडेंट में रीढ की हड्डी में चोट लगने से उनका कमर से नीचे का हिस्सा लकवाग्रस्त हो गया था। सोशल मीडिया व मीडिया से जानकारी मिलने के बाद पिछले कई महिनों से उसने बुटाटी आने की रट लगा रखी थी।

बताया कि यह बाबा का चमत्कार ही है कि वह अब पैरों पर खङी हो सकती है। भौतिक सुख सुविधाओं के कारण धनाढ्य लोग जहां होटलों व रेस्टोरेंट में ठहरते हैं वहीं विदेशी जेनिफर बुटाटी धाम मन्दिर ड्ढह्वह्लड्डह्लद्ब स्रद्धड्डद्व द्वड्डठ्ठस्रद्बह्म् परिसर में ही स्थित कमरे में ठहरी है। एसी व अन्य सुविधाओं से दूर उस कमरे में पंखा लगा हुआ है और वह भीषण गर्मी में भी बिना किसी परेशानी के उसमें सात दिन ठहरकर परिक्रमा लगाएंगी। उन्होंने बताया कि जिस पोजिटिव एनर्जी के लिए वे यहां आए हैं, वह इस परिसर में ही मिल सकती है, बाकी सुविधाएं तो हर जगह मिल ही जाएगी।

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सबके बीच बैठकर दर्शन
भीषण गर्मी के बावजूद जेनिफर बिना किसी दिखावे के सभी जातरुओं व लकवा पीडि़तों के बीच बैठकर मन्दिर की आरती के दर्शन करती है तथा सबके साथ परिक्रमा लगाती है। मन्दिर में अमेरिकन जातरू के ठहरे होने की बात सुन आस पास के गांवों से लोग उनसे मिलने आ रहे हैं और उन्हें जल्दी ठीक होने की दुआएं भी दे रहे हैं। बतौर आशुतोष शर्मा, हजारों लोगों की दुआओं व संत चतुरदास महाराज के आशीर्वाद से ही यह चमत्कार सम्भव हो सका है। ग्रामीण महिलाएं तो जेनिफर के सिर पर हाथ फैरकर दुआएं मांग रही है।