ओम एक्सप्रेस न्यूज़, नई दिल्ली वशेष पल जो हमारे गौरवशाली इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया है! चन्द्रयान-2 के लांच से विज्ञान में नई ऊंचाइयां छूने के लिए हमारे वैज्ञानिकों की क्षमता और 130 करोड़ भारतीयों की प्रतिबद्धता प्रकट होती है। आज हर भारतीय गर्व महसूस कर रहा है! हृदय से भारतीय, भावना से भारतीय! हर भारतीय के लिये प्रसन्नता का विषय है कि चन्द्रयान-2 पूरी तरह से स्वदेशी मिशन है। चन्द्रमा के धरातल का विश्लेषण करने के लिए चन्द्रयान-2 में चन्द्रमा के संबंध में दूर संवेदन के लिए एक आर्बिटर तथा लैंडर – रोवर मॉड्यूल होगा। चन्द्रयान-2 इसलिए विशिष्ट है, क्योंकि यह चन्द्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र का अध्ययन और जांच करेगा, जहां अभी तक कोई खोज नहीं हुई थी। इस क्षेत्र से पहले नमूने भी कभी नहीं लिये गए।

इस मिशन से चन्द्रमा के बारे में नई जानकारियां मिलेंगी।चन्द्रयान-2 जैसे प्रयासों से हमारे प्रतिभाशाली युवाओं को विज्ञान, उच्च गुणवत्ता वाले अनुसंधान और नवाचार के प्रति प्रोत्साहन मिलेगा। चन्द्रयान को धन्यवाद, भारत के चन्द्र कार्यक्रम को बहुत बढ़ावा मिलेगा। चन्द्रमा के बारे में हमारे मौजूदा ज्ञान में बहुत वृद्धि होगी।”

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चंद्रयान -2 सफलता पूर्वक प्रक्षेपित

भारत के भूसमकालिक उपग्रह प्रक्षेपण यान (जीएसएलवी) एमकेढ्ढढ्ढढ्ढ-एम1 ने 3840 किलोग्राम भार वाले चन्द्रयान-2 अंतरिक्षयान को पृथ्वी की एक कक्षा में सफलतापूर्वक प्रक्षेपित कर दिया। यह अंतरिक्षयान इस समय धरती के निकटतम बिन्दु 169.7 किलोमीटर और धरती से दूरस्थ बिन्दु 45,475 किलोमीटर पर रहते हुए पृथ्वी के चारों ओर चक्कर लगा रहा है।

आज की उड़ान जीएसएलवी एमकेढ्ढढ्ढढ्ढ की प्रथम परिचालन उड़ान है। 20 घंटे तक चली उल्टी गिनती के बाद जीएसएलवी एमकेढ्ढढ्ढढ्ढ-एम1 यान ने आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र एसएचएआर (एसडीएससी एसएचएआर) में दूसरे लॉन्च पैड से निर्धारित समय परभारतीय समय के अनुसार दो बजकर 43 मिनट पर अपनी दो एस200 सॉलिड स्ट्रैप-ऑन मोटरों के इग्निशन के साथ शानदार ढंग से उड़ान भरी। उड़ान के बाद के सभी चरण निर्धारित क्रम में सम्पन्न किये गये।उड़ान भरने के लगभग 16 मिनट 14 सैकेंड के बाद यान ने चन्द्रयान-2 अंतरिक्ष यान को पृथ्वी की एक अंडाकार कक्षा में पहुंचा दिया।

अंतरिक्ष यान के प्रक्षेपण यान से पृथक होने के फौरन बाद अंतरिक्ष यान की सौर श्रृंखला यानी सोलर ऐरे स्वचालित रूप से तैनात हो गई और इसरो टेलिमिट्री, ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क (आईएसटीआरएसी), बेंगलूरू ने अंतरिक्ष यान का नियंत्रण सफलतापूर्वक ग्रहण कर लिया। इसरो के अध्यक्ष डॉ. के.सिवन ने इस चुनौतीपूर्ण मिशन में शामिल रही प्रक्षेपण यान और उपग्रह टीमों को बधाई दी। ”भारत में अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी के लिए आज एक ऐतिहासिक दिन है। मुझे यह घोषित करते हुए बेहद खुशी हो रही है कि जीएसएलवी एमकेढ्ढढ्ढढ्ढ-एम1 यान ने चन्द्रयान-2 को 6,000 किलोमीटर की एक कक्षा तक सफलतापूर्वक पहुंचा दिया, जो वांछित कक्षा से अधिक एवं बेहतर है।ÓÓ डॉ. सिवन ने कहा, ”आज चंद्रमा तक पहुंचने की भारत की ऐतिहासिक यात्रा तथा अब तक खोजे नहीं गये तथ्यों का पता लगाने के लिए वैज्ञानिक प्रयोग करने हेतु दक्षिणी ध्रुव के निकटवर्ती स्थान पर उतरने की शुरूआत है।

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15 जुलाई, 2019 को इसरो ने बड़ी कुशलता के साथ एक तकनीकी गड़बड़ी का पता लगा लिया था। टीम इसरो ने 24 घंटे के भीतर ही इस गड़बड़ी पर काम करके, उसको दुरूस्त कर सुधार दिया था। अगले डेढ़ दिन तक इस बात का पता लगाने के लिए आवश्यक परीक्षण किये गये कि सुधार उचित और सही दिशा में किये गये हैं अथवा नहीं। आज इसरो ने शानदार सफलता हासिल की।Ó आने वाले दिनों में, चन्द्रयान-2 के ऑनबोर्ड प्रणोदन प्रणाली का उपयोग करते हुए सिलसिलेवार ढंग से ऑर्बिट मॅनूवॅर्स किये जाएंगे। इससे अंतरिक्ष यान की कक्षा चरणों में ऊंची उठेगी और उसे एक लूनर ट्रांसफर ट्राजैक्ट्री में पहुंचाएगी। इस कदम से अंतरिक्ष यान चंद्रमा के निकट यात्रा कर सकेगा।
चंद्रयान-2 भारत का चांद पर दूसरा मिशन है। इसमें पूरी तरह से स्वदेशी ऑर्बिटर, लैंडर (विक्रम) और रोवर (प्रज्ञान) का इस्तेमाल किया गया है। रोवर प्रज्ञान विक्रम लैंडर के अंदर स्थित है।
चंद्रयान-2 मिशन का उद्देश्य महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी को विकसित करना और इसका प्रदर्शन करना है। इसमें चांद मिशन क्षमता, चांद पर सॉफ्ट-लैंडिंग और चांद की सतह पर चलना शामिल हैं। विज्ञान के संबंध में यह मिशन चांद के बारे में हमारे ज्ञान को बढ़ाएगा। चांद की भौगोलिक स्थिति, खनिज, सतह की रासायनिक संरचना, ताप-भौगोलिक गुण तथा परिमण्डल के अध्ययन से चांद की उत्पत्ति और विकास की समझ बेहतर होगी।
पृथ्वी कक्षा छोडऩे और चांद के प्रभाव वाले क्षेत्र में प्रवेश करने के बाद चंद्रयान-2 की प्रणोदन प्रणाली प्रज्ज्वलित होगी ताकि यान की गति को कम किया जा सके। इससे यह चांद की प्राथमिक कक्षा में प्रवेश करने में सक्षम होगा। इसके बाद कई तकनीकी कार्य होंगे और चांद की सतह से 100 किलोमीटर ऊपर चंद्रयान-2 की वृत्ताकार कक्षा स्थापित हो जाएगी। इसके बाद लैंडर, ऑर्बिटर से अलग हो जाएगा और 100 कि.मी. & 30 कि.मी. की कक्षा में प्रवेश कर जाएगा। कई जटिल तकनीकी प्रक्रियाओं के बाद लैंडर 07 सितंबर, 2019 को चांद के दक्षिण ध्रुव की सतह पर क्षेत्र में सॉफ्ट-लैंड करेगा।
चंद्रयान-2 मिशन के लिए का दिन महत्वपूर्ण है लगभग 7500 दर्शकों ने श्रीहरिकोटा की दर्शक दीर्घा से लॉन्च को लाइव देखा।

सुचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने 50 के कामकाज का रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत किया……
केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने पत्रकारों से बातचीत की और सरकार के प्रथम 50 दिनों के कामकाज का रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत किया। श्री जावड़ेकर ने कहा कि सरकार अपने दूसरे कार्यकाल में पुरजोर तरीके से कार्य कर रही है और ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वासÓ के लक्ष्य को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। सबके लिए सुधार, कल्याण और न्याय का संकल्प सरकार के लिए प्रेरक शक्ति रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार मुख्य रूप से किसानों, सैनिकों, युवाओं, श्रमिकों, व्यापारियों, अनुसंधान कार्यों, पड़ोसी देशों के साथ संबंधों पर ध्यान देने के साथ-साथ निवेश, आधारभूत विकास, भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई और सामाजिक न्याय पर भी ध्यान केन्द्रित कर रही है। सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने सरकार के कई निर्णयों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि सभी किसानों को अब 6,000 रूपये दिये जायेंगे। कई फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य को दोगुना किया गया है, जो कुछ मामलों में 2014 की दरों की तुलना में तिगुना भी हो गया है। उन्होंने कहा कि किसानों को प्रशिक्षित करने के लिए 10,000 किसान उत्पादक संगठन बनाये जा रहे हैं। श्रम कानून में परिवर्तन होने से मजदूरी और श्रम सुरक्षा द्वारा अनौपचारिक क्षेत्र के 40 करोड़ कामगारों को लाभ मिलेगा। व्यापारियों को पहली बार पेंशन दिया जा रहा है।जावड़ेकर ने कर्मचारियों और नियोक्ताओं, दोनों के लिए ईएसआई अंशदान दरों में कटौती के बारे में भी चर्चा की।
जावड़ेकर ने देश में निवेश बढ़ाने के उद्देश्य से उठाये गये कदमों के बारे में चर्चा की। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक बैंकों में पूंजी बढ़ाने के लिए 70,000 करोड़ रूपये दिये गये हैं। भारत 5 ट्रिलियन डॉलर वाली अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है। उन्होंने कहा कि र्स्टाटअप उद्योगों के लिए जल्द ही एक अलग टीवी चैनल शुरू किया जायेगा। केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के अधिकारियों के लिए गैर-कार्यात्मक वित्तीय उन्नयन प्रदान किया गया है। जावड़ेकर ने कहा कि अगले पांच वर्षों में आधारभूत सुविधाओं के विकास के लिए 100 लाख करोड़ रूपये का निवेश किया जायेगा। उन्होंने कहा कि सरकार जल से जुड़ी समस्याओं के व्यापक समाधान के लिए अभियान के रूप में काम कर रही है, अलग से जल शक्ति मंत्रालय का गठन इसी महत्व को उजागर करता है।

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