

जयपुर।जिन जिलों में कोरोना के पॉजिटिव केसेज बढ़ रहे हैं, वहां जिला कलेक्टर आवश्यकता अनुसार सीमित क्षेत्र में लॉकडाउन, रात्रि कर्फ्यू, कन्टेनमेंट सहित अन्य पाबंदियां लगा सकते हैं। लॉकडाउन खुलने के बाद लोगों में कोरोना के प्रति सतर्कता में कमी आई है। साथ ही आर्थिक एवं सामाजिक गतिविधियों, परिवहन एवं अन्य आवागमन के दौरान लापरवाही के कारण तेजी से मामले बढ़े हैं। ऐसे में कोरोना संबंधी प्रोटोकॉल की सख्ती से पालना ज़रूरी है।
निवास पर कोरोना संक्रमण की स्थिति की समीक्षा की। लोग हैल्थ प्रोटोकॉल की पालना में किसी तरह की लापरवाही नहीं बरतें। लॉकडाउन की तरह ही पूरी गम्भीरता के साथ मास्क लगाने, सोशल डिस्टेंसिंग, सार्वजनिक स्थानों पर नहीं थूंकने सहित अन्य सावधानियों का पालन करें, क्योंकि विश्व स्वास्थ्य संगठन एवं विशेषज्ञों के अनुमान के अनुसार आने वाले समय में कोरोना की स्थिति और विकट हो सकती है।


आर्थिक गतिविधियों का संचालन आवश्यक है, लेकिन वहां हैल्थ प्रोटोकॉल की पालना सुनिश्चित कराई जाए। कार्य स्थलों एवं कार्यालयों का नियमित निरीक्षण करवाया जाए। साथ ही यह भी ध्यान रखा जाए कि किसी भी स्थान पर भीड़भाड़ नहीं हो। लोग बेवजह घरों से नहीं निकलें। होम क्वारेंटीन में रह रहा कोई व्यक्ति नियमों का उल्लंघन करे तो उसे संस्थागत क्वारेंटीन में भेजा जाए।
बैठक में बताया गया कि बेसहारा एवं जरूरतमंद लोगों के लिए किए जा रहे दूसरे सर्वे में अब तक 3 लाख 23 हजार 162 परिवारों के करीब 13 लाख 76 हजार परिवारों ने पंजीयन करवाया है। यह सर्वे 15 अगस्त तक चलेगा। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री अखिल अरोरा ने बताया कि अलवर, बाड़मेर, बीकानेर, कोटा, पाली आदि शहरों में रात्रिकालीन कर्फ्यू एवं सीमित क्षेत्र में कंटेनमेंट किया गया है।


