जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को राज्य विधानसभा में 2019-20 के लिए 2 लाख 32 हजार 944 करोड़ एक लाख रुपये का बजट पेश किया। इसमें 27 हजार 14 करोड़ 97 लाख रुपये का राजस्व घाटा तथा 32 हजार 678 करोड़ 34 लाख रुपये का राजकोषीय घाटा है। बजट में किसानों और युवाओं पर फोकस रखा गया।
सीएम ने विभिन्न सरकारी विभागों में 75 हजार पदों पर भर्तियों की घोषणा के साथ ही किसानों के लिए 1000 करोड़ रुपये का किसान कल्याण कोष बनाने की बात भी कही। इसी तरह ग्राम पंचायत स्तर पर नंदी गाय आश्रयों की स्थापना, राजस्थान से पाकिस्तान जाने वाले पानी को रोकने के लिए योजना बनाने की घोषणा भी की गई है। दिल्ली की तर्ज पर मोहल्ला व गली जनता क्लीनिक खोले जाने, मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना में 104 प्रकार की दवाइयां सरकारी अस्पतालों में फ्री वितरित करने, नवजात बालिकाओं को “इंदिरा प्रियदर्शिनी बेबीकिट” दिए जाने का प्रावधान भी बजट में किया गया है। बजट में जयपुर की चारदीवारी में मेट्रो ट्रेन का दूसरा चरण शुरू करने का भी प्रावधान किया गया है।
बजट की प्रमुख घोषणाएं- मुख्यमंत्री के रूप में तीसरे कार्यकाल के पहले बजट में गहलोत ने राजीव गांधी जल संचय योजना शुरू करने की भी घोषणा। इसके तहत गांवों में मास्टर प्लान बनाए जाएंगे। वृद्धावस्था, विधवा और निशक्त पेंशन बढ़ाने की घोषणा की गई है। पेंशन में वृद्धि से 62 लाख पेंशनधारियों को लाभ मिलेगा। “उन्नत कृषि ज्ञान धारा कार्यक्रम” के तहत दो करोड़ रुपये खर्च कर किसानों को उन्नत कृषि तकनीक के बारे में जानकारी दी जाएगी। प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए जीरो बजट नेचुरल फार्मिंग को प्रोत्साहित करने की बात बजट में कही गई है। इस खेती में पारंपरिक तरीके, कम सिंचाई व प्राकृतिक खाद का उपयोग होता है। योजना बांसवाड़ा, टोंक व सिरोही जिलों में होगी। यहां की 36 ग्राम पंचायतें के 20 हजार किसान को इसमें शामिल किया जाएगा। इस पर 10 करोड़ रुपये खर्च होंगे। बजट में ऊर्जा विभाग के लिए कुल 30 हजार 170 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
बिजली उत्पादन की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए 10 वर्षीय कार्ययोजना बनाने की बात कही गई है। नवीन सौर ऊर्जा व पवन ऊर्जा नीति लाने की घोषणा के साथ ही एक हजार 426 मेगावाट क्षमता की पवन ऊर्जा व चार हजार मेगावॉट क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना की जाएगी। किसानों को कुसुम योजना के तहत चरणबद्ध रूप से सोलर पंप सेट उपलब्ध कराने,किसानों को बिना व्यवधान अच्छी गुणवत्ता की बिजली उपलब्ध कराने के लिए आगामी चार साल में कृषि कनेक्शन के लिए प्रथक फीडर की स्थापना के लिए पांच हजार 200 करोड़ रुपये की योजना प्रारंभ की जाएगी।
डामर सड़क से वंचित एक हजार नौ गांवों को जन घोषणा पत्र के अनुसार आगामी चार वर्षों में एक हजार करोड़ का व्यय कर सड़कों से जोड़ा जाना प्रस्तावित है। सीएम राजस्थान जल क्षेत्र आजीविका सुधार परियोजना में 13 जिलों में 29 सिंचाई उप परियोजनाओं के लिए 262 करोड़ 40 लाख व 211 बड़े बाधों के जीर्णोद्धार के लिए बांध पुनर्वास व सुधार परियोजना का के तहत 965 करोड़ रुपये खर्च करने की बात कही है।