बीकानेर । प्रथम अंतराष्ट्रीय योग दिवस को यादगार बनाने के मकसद से आज नई दिल्ली में योग दिवस के अवसर पर आयोजित होने वाले एक कार्यक्रम के दौरान भारत सरकार द्वारा विज्ञान भवन में योग और प्राणायाम के आसान को दर्शानेवाली तस्वीर के साथ छपे इस स्मारक सिक्के का अनावरण होगा ।
सिक्को और करेंसी नोटो के संग्रहकर्ता बीकानेर के सुधीर लुणावत ने बताया कि भारत सरकार की मुम्बई टकसाल द्वारा निर्मित इस 2 सिक्को के सेट में 100 रूपए और 10रूपए का सिक्का हैं।
50% चाँदी के मिश्रण से बना ये 100 रुपये का सिक्का प्रचलन में नही आयेगा जबकि इसी विषय पर जारी 10 रुपये का सिक्का बाजारो में प्रचलन के लिये भी आयेगा सुधीर लुणावत ने बताया कि भारत सरकार कई विशेष अवसरों पर स्मारक सिक्के जारी करती रहती है लेकिन ऐसा पहली बार हैं जब सिक्का जारी होने वाले दिन मुम्बई टकसाल के काउंटर द्वारा आयोजन स्थल पर ये सिक्का बिक्री के लिये भी उपलब्ध रहेगा इन दो सिक्कों के सेट की कीमत 3400 रुपए प्रति सेट होगी ।
योग ही आरोग्य तथा सम्पूर्ण स्वास्थ्य की कुंजी-बी.के.कमल
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय, के क्षेत्रीय केन्द्र सार्दुल गंज में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर शनिवार को दो दिवसीय ’’राजयोग द्वारा स्वस्थ एवं सुखी समाज’’ विषयक कार्य कार्यक्रम शुरू हुआ। योग दिवस पर रविवार को सुबह साढ़े छह बजे से साढ़े सात बजे रेलवे मैदान में तथा शाम को सार्दुल गंज केन्द्र में शाम साढ़े छह से साढ़े सात बजे तक ध्यानाभ्यास होगा।
शनिवार को क्षेत्रीय केन्द्र में पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्व विद्यालय के कुलपति डॉ.ए.के.गहलोत, रामपुरिया कॉलेज की प्राचार्या डॉ.शुक्ला बाला पुरोहित, प्रमुख उद्योगपति श्रीमती सुशीला अग्रवाल, योगाचार्य सुभाष शर्मा के आतिथ्य में योगाभ्यास, प्रवचन तथा ध्यान का आयोजन हुआ।
परमात्मा की स्मृति से शुरू हुए कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डॉ.गहलोत ने कहा कि योग, धर्म व आध्यात्म के कारण भारत अनादि काल से विश्व में आध्यात्म गुरु के रूप में प्रतिष्ठित रहा है। भारत शुरू से ही पूरे विश्व को योग एवं आध्यात्म की शिक्षा देता रहा है। संयुक्त राष्ट्र संघ ने 21 जून को अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस घोषित कर भारत की प्राचीन योग व आध्यात्म की परम्परा को संसार में प्रतिष्ठित करने व सभी धर्म व सम्प्रदाय के लोगों को स्वस्थ और निरोगी रखने का मार्ग प्रश्स्त किया है।
रामपुरिया महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ.शुक्ला बाला पुरोहित ने कहा कि विश्व में महिलाओं द्वारा संचालित सबसे बड़ी आध्यात्म संस्था प्रजापिता ब्रह्माकुमारी विश्व विद्यालय शांति व आध्यात्म का प्रमुख केन्द्र रहा है। संस्थान ध्यान व योग के माध्यम से लोगों की मानसिक शांति, आध्यात्मिक उन्नति के लिए कार्य कर रही है। योग शारीरिक व मानसिक स्वाथ्य का उत्तम माध्यम है।
मुख्य वक्ता प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की क्षेत्रीय केन्द्र संचालिका बी.के. कमल ने कहा कि संसार में अनेक प्रकार के योग और शारीरिक प्राणायाम की मुद्राएं प्रचलित हैं जो हमारे शरीर को स्वस्थ और निरोगी रखने में अत्यन्त सहायक है। ध्यानाभ्यास के लिए विभिन्न धर्म, सम्प्रदाय और समुदाय में अलग-अलग प्रतिमानों को ध्यान केन्द्रित करने के लिए उपयोग में लिया जाता है।
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा प्रतिष्ठित राजयोग सर्वश्रेष्ठ ध्यानाभ्यास है, जिसका अभ्यास करने में किसी प्रकार की कठिन शारीरिक मुद्राओं से नहीं गुजरना पड़ता है। राजयोग आत्मा का परमात्मा से मिलन की श्रेष्ठतम विधि है। राजयोग के अभ्यास से मन में सकारात्मक परिवर्तन, दिव्य गुणों, विविध कलाओं व विशेषताओं का विकास होता है। राजयोग अंतर आत्मा की सुषुप्त शक्तियों को जागृत कर कर्मों में कुशलता, व्यवहार में सौम्यता और विश्व बंघुत्व की भावनाओं को तीव्र गति से बढ़ाता है।
उन्होंने कहा कि योग ही आरोग्य तथा सम्पूर्ण स्वास्थ्य की कुंजी है। यू.एन.ओ. की शाखा डब्ल्यू एच.ओ. के अनुसार जो व्यक्ति सामाजिक, मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक रूप से स्वस्थ है उसी को सम्पूर्ण रूप से स्वस्थ माना जा सकता है। शारीरिक योगा से हम उत्तम स्वस्थ को व कुछ हद तक व मानसिक स्वास्थ्य को प्राप्त कर सकते है। परन्तु ध्यान से हम शारीरिक, मानसिक सामाजिक व आध्यात्मिक स्वास्थ्य को प्राप्त कर सकते है। बी.के.कमल ने ध्यान का अभ्यास करवाया। उन्होंने बताया कि ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के देश विदेश में संचालित केन्द्रों में प्रत्येक माह के तीसरे रविवार को शाम साढ़े छह से साढ़े सात बजे तक योग दिवस के तहत योगाभ्यास किया जाता है।
उपस्थित लोगों को योगाचार्य सुभाष शर्मा ने आधे घंटें तक विभिन्न तरह के योगाभ्यास करवाया। सेवानिवृत शिक्षा विभाग के अधिकारी सुरजा राम राजपुरोहित ने योग दिवस व संस्थान की गतिविधियों से अवगत करवाया। कार्यक्रम में विभिन्न विभाग के अधिकारी, प्रजापिता ब्रह्माकुमारी विश्व विद्यालय में आने वाले अनुयायी व आम लोगों ने हिस्सा लिया।