COVID-19 के व्यापक संक्रमण की आशंका के चलते विश्वविद्यालय परीक्षा स्थगित करने की मांग
राजस्थान विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय शिक्षक संघ (राष्ट्रीय) ने राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री से विश्वविद्यालय परीक्षा के कारण कोरोना वायरस के व्यापक संक्रमण की आशंका व्यक्त करते हुए परीक्षाएं स्थगित करने की मांग की है।
इस संबंध में जानकारी देते हुए संगठन अध्यक्ष डॉ दिग्विजय सिंह शेखावत ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा शैक्षणिक कार्य स्थगित रखते हुए विश्वविद्यालय परीक्षाओं को यथावत् ज़ारी रखने के निर्देश दिए गए हैं । राज्य और केंद्र सरकार द्वारा ज़ारी एडवाइजरी के अनुसार भीड़-भाड़ वाली जगहों पर नहीं जाने , 50 से अधिक लोगों का एक साथ इकट्ठा नहीं होने , बस-ट्रेन की यात्राओं से बचने तथा संक्रमित व्यक्ति से 1 मीटर से अधिक दूरी बनाए, यथासंभव घर पर रहने और घर से ही कार्य करने की सलाह दी है। विश्वविद्यालयी परीक्षा में एडवाइजरी का पालन करना बिल्कुल संभव नहीं लग रहा है और इसलिए इस महामारी के शिक्षकों और विद्यार्थियों में फैलने का अंदेशा उत्पन्न हो गया है। राज्य की महाविद्यालय शिक्षा में कई भवनों में कमरों का आकार बहुत छोटा है तथा परीक्षार्थियों की संख्या बहुत अधिक (हजारों में) है ऐसी स्थिति में तीन घंटे तक लगातार एक ही कक्ष में मौजूद विद्यार्थियों एवं शिक्षकों में एक दूसरे से संक्रमण के ख़तरे से इनकार नहीं किया जा सकता।
संगठन के महामंत्री डॉ नारायण लाल गुप्ता ने बताया कि विश्वविद्यालयी परीक्षा में आस-पास के गांवों और तहसीलों से रोज़ सैकड़ों की संख्या में विद्यार्थी बसों व ट्रेनों द्वारा आते हैं इससे ना सिर्फ उनको संक्रमण की आशंका है बल्कि बड़ी संख्या में विद्यार्थियों और शिक्षकों के मध्य उनके माध्यम से संक्रमण फैल सकता है। परीक्षार्थी का प्रवेश पत्र चेक करते समय, उत्तर पुस्तिका में हस्ताक्षर करते समय, उपस्थिति पत्रक में हस्ताक्षर करवाते समय और फ्लाइंग एवं वीक्षक द्वारा किसी नकल की संभावना के कारण उनकी तलाशी लेते समय राज्य और केंद्र सरकार की एडवाइजरी का निरंतर उल्लंघन हो रहा है इस कारण संक्रमण की संभावना बहुत बढ़ गई है।
सरकार का यह निर्देश कि मात्र शैक्षणिक गतिविधियों को स्थगित किया जाता है, समझ से परे है ! क्योंकि जो कोरोना वायरस क्लास रूम में पढ़ाते समय एक-दूसरे को प्रभावित कर सकता है, वह परीक्षा कक्ष में और परीक्षा केंद्र में आते-जाते समय संक्रमित क्यों नहीं कर सकता? परीक्षा केंद्र में एक साथ प्रवेश करते समय, बाहर निकलते समय और तीन घंटे निरंतर एक कक्षा-कक्ष में रहते हुए इसके संक्रमण का डर बल्कि ज़्यादा है।
इस तरह की गंभीर लापरवाही परीक्षार्थियों और शिक्षकों के लिए और व्यापक स्तर पर समाज के लिए बड़ा संकट का कारण बन सकती है क्योंकि महाविद्यालय में आने-जाने के बाद पुनः सबको समाज में ही मिलना-जुलना होता है। यदि ऐसी स्थिति में संक्रमण फैलता है तो इसकी जिम्मेदारी किसकी होगी? इन तथ्यों के मद्देनजर राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री से रुक्टा (राष्ट्रीय) द्वारा मांग की गई है कि स्थिति की गंभीरता को देखते हुए विश्वविद्यालय परीक्षाओं को तुरंत प्रभाव से स्थगित कर उच्च शिक्षा संस्थानों में अवकाश घोषित करने के निर्देश जारी किए जाएं।