एमजीएसयू के सेंटर फॉर वीमेन्स स्टडीज़ की पदाधिकारियों ने शुक्रवार को पूगल रोड़ स्थित राजकीय आदर्श उच्च माध्यमिक विद्यालय की बच्चियों के बीच जाकर उन्हें स्वास्थ और सुरक्षा के प्रति जागरूक करने की कड़ी में एक कार्यशाला का आयोजन किया ।
समारोह की अध्यक्ष सेंटर फॉर वीमेन्स स्टडीज़ की डायरेक्टर डॉ मेघना ने अपने उद्बोधन में स्वरचित कविता “हां! स्त्री हूँ मैं!” के वाचन के साथ छात्राओं से कहा कि स्त्री होने पर गर्व करो ग्लानि नहीं। उन्होंने कहा कि सौंदर्य औरत का गुण है किंतु यदि सोशल मीडिया या अन्य किसी माध्यम से पुरूष आपके सौंदर्य को लेकर भद्दी टिप्पणी या तंज कसता है तो महिलाओं को वहीं सोशल मीडिया पर ही उसका सार्वजनिक प्रतिकार करना चाहिए और अपनी असहमति जताने में किसी प्रकार की कोताही नहीं बरतनी चाहिए ।
मुख्य अतिथि दिव्य आयु ट्रस्ट की अध्यक्ष आयुर्वेदाचार्य डॉ. प्रीती गुप्ता ने मासिक चक्र से संबंधित वैज्ञानिक कारण व सुरक्षित माहवारी के साधनों के साथ साथ संबंधित बीमारियों पर विस्तार से चर्चा करते हुए घरेलू नुस्खों की बात भी मंच से कही। सेंटर की पदाधिकारियों द्वारा डॉ. प्रीती गुप्ता का सम्मान भी किया गया।
मुख्य वक्ता महारानी सुदर्शन राजकीय महाविद्यालय के इग्नू सेल की प्रभारी डॉ शशि वर्मा सोनी ने बच्चियों का ध्यान गुड टच बैड टच की ओर आकर्षित करते हुए घर या बाहर के किसी भी पुरूष की छुअन की अच्छी और बुरी मंशाओं को अपने सिक्सथ सेंस की मदद से पहचानने की समझ और उसका पुरज़ोर प्रतिरोध करने की आवश्यकता का आह्वान मंच से किया। इससे पूर्व दीप प्रज्वलित कर सरस्वती वंदना के साथ अतिथियों का औपचारिक स्वागत भाषण शाला की प्राचार्या योगिता व्यास द्वारा दिया गया ।
विशिष्ट अतिथि की भूमिका में बोलते हुए एमजीएसयू के सेक्शुअल हैरेसमेंट सेल की समन्वयक डॉ. सीमा शर्मा ने छोटी छोटी कहानियों के माध्यम से बच्चियों को भावी परिवारों की आधारशिला रखने से पूर्व हर दिशा में जागरूकता विकसित करने को सबसे महत्वपूर्ण बिंदु बताया।
कार्यक्रम का संयोजन करते हुए अंग्रेज़ी विषय के प्राध्यापक अनिल व्यास ने आज की नारी को सशक्त और जागरूक होने की पहल में ऐसे आयोजनों के महत्व पर प्रकाश डाला। सेंटर की ओर से उपस्थित सभी बालिकाओं को सेनैटरी पैड्स भी वितरित किए गए साथ ही दिव्य आयु ट्रस्ट की तरफ से सभी को स्वाइन फ्लू से बचाव हेतु काढ़ा पिलाया गया। स्नात्तकोत्तर नर्सिंग की छात्रा कोमल ओझा ने अपने अनुभवों के आधार पर सभी बालिकाओं को किसी भी परिस्थिति में हिम्मत न हारने व खुदपर गर्व करने का संदेश दिया। अंत में मंच से औपचारिक धन्यवाद शाला की प्राध्यापिका ज्योति सेतिया ने ज्ञापित किया।