आबू रोड। (सुधांशु कुमार सतीश) ब्रह्माकुमारीज संस्थान के शांतिवन परिसर में चार दिन से चल रहे राष्ट्रीय मीडिया महासम्मेलन का समापन हो गया। इसमें सात खुले सत्र एवं टॉक शो हुए। समापन पर सर्व सहमति से आठ सूत्रीय एजेंडा प्रस्ताव पारित किया गया। बेहतर विश्व के निर्माण के लिए प्रबुद्ध मीडिया विषय पर आयोजित सम्मेलन में भारत सहित विश्व के 14 देशों से पधारे पत्रकारों ने अपने विचार व्यक्त किए। सभी ने एक स्वर में कहा सबसे पहले मीडियाकर्मियों को आध्यात्मिक और नैतिक रूप से सशक्त बनना होगा।
उन्हें खुद को मूल्यनिष्ठ बनाकर समाज के सामने उदाहरण प्रस्तुत करना होगा, तभी दूसरों का और समाज का परिवर्तन संभव है। स्व परिवर्तन ही विश्व परिवर्तन का आधार है। समापन पर संबोधित करते हुए सागर से पधारे इंक मीडिया कॉलेज के डायरेक्टर डॉ. आशीष द्विवेदी ने कहा कि पहले हमें अपना घर साफ करने की जरूरत है। पत्रकारों को अपनी मानसिकता बदलने की जरूरत है। आज पत्रकारिता अपने पतन के स्वर्णिम काल की ओर जा रही है। उन्होंने अपने साथ लाए कई अखबारों की खबरों को दिखाते हुए कहा कि आज अखबारों में जिस तरह से खबरों को प्रस्तुत किया जा रहा है, इससे रिश्तों से विश्वास उठता जा रहा है। संबंधों में असुरक्षा की भावना बढ़ रही है। पत्रकारों की मानसिकता बन गई है कि नेगेटीविटी ही समाचार है। आज सबसे पहले मीडिया मालिकों की मानसिकता बदलने की जरूरत है। पूंजी का जैसा चरित्र होगा, जिसा प्रकार से प्रवाह होगा, उसका चरित्र (अखबार) भी वैसा ही होगा। पहले पत्रकारों को खुद का समाज बदलना होगा। रायपुर से पधारे संपादक मधुकर द्विवेदी ने कहा कि जो कलम सरीखे टूट गए पर झुके नहीं, ये दुनिया उनके आगे शीश झुकाती है, जो कलम किसी कीमत पर बेची नहीं गई, वह इतिहास रचाती है। उन्होंने कहा ब्रह्माकुमारीज संस्थान पिछले आठ दशक से समाज उत्थान का कार्य कर रही है। श्वेत वस्त्रधारिणी ये ब्रह्माकुमारी बहनें साक्षात् सरस्वती का अवतार हैं जो समाज में आध्यात्म की ज्योत जगा रही हैं। लोगों को बेहतर जीवन जीने की प्रेरणा दे रही हैं।
अहमदाबाद के पॉजीटिव मीडिया इंस्टीट्यूट के फाउंडर रमेश पी तन्ना ने महात्मा गांधी का उदाहरण देते हुए कहा कि गांधी जी की पत्रकारिता समाज कल्याण पर आधारित पत्रकारिता थी। जो लोगों के साथ जुड़ी हो वही सच्ची पत्रकारिता है। अखबार में पेजों की संख्या से नहीं बल्कि उसमें लिखा क्या गया है, इससे फर्क पड़ता है। बीके डेली ई-न्यूजपेपर की एडिटर बीके सुप्रिया ने अपना अनुभव बताते हुए कहा कि राजयोग मेडिटेशन वह चमत्कारिक शक्ति है जिससे हमारी आंतरिक शक्ति और ऊर्जा पुन: जागृत हो जाती है। साथ ही उन्होंने ब्रह्माकुमारी द्वारा निकाले जा रहे डेली ई-न्यूजपेपर के बारे में विस्तार से जानकारी दी। मीडिया विंग के उपाध्यक्ष बीके आत्मप्रकाश ने कहा कि जब हमारा जीवन में आध्यात्मिकता होगी, तभी मूल्य आएंगे। मूल्यनिष्ठ व्यक्ति से ही मूल्यनिष्ठ मीडिया बनेगा। एक-एक मीडियापर्सन बदलेगा तो आपको देखकर हजारों लोग बदल जाएंगे, क्योंकि आपके पास कलम की ताकत है। अपना जीवन खुशनुमा बनाएं। स्व परिवर्तन ही विश्व प्रिवर्तन का आधार है। द वल्र्ड रिनूवल के एसोसिएट एडिटर डॉ. बीके युधिष्ठिर ने कहा कि आध्यात्मिकता ही सर्व समस्याओं का हल है। इंडियन फेडरेशन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्टस (दिल्ली) से संबद्ध बिहार प्रेस मेंस यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष एवं वरीय पत्रकार एस एन श्याम ने कहा कि माउंट आबू में ब्रह्माकुमारी के अंतराष्ट्रीय मुख्यालय शांतिवन में आयोजित पांच दिवसीय मीडिया महासम्मेलन में विभिन्न वक्ताओं के संबोधन एवं संभाषण से मीडिया को एक नई दिशा देने का मार्ग प्रशस्त हुआ है ।
बेहतर विश्व के निर्माण के लिए प्रबुद्ध मीडिया विषय पर आयोजित इस मीडिया महासम्मेलन में श्री श्याम के नेतृत्व एवं यूनियन के महासचिव सुधांशु कुमार सतीश की अगुआई में बिहार, दिल्ली, इंदौर, इलाहाबाद से डेढ़ दर्जन से ज्यादा पत्रकारों ने भाग लिया । भाग लेने वालों वरीय पत्रकार महेश सिंह, चंद्रकांत पांडे, संजय तिवारी, अमित श्रीवास्तव, श्रीमती हेमलता उपाध्याय, भोला प्रसाद इत्यादि शामिल हुए ।(PB)