नई दिल्ली। राजस्थान के ऊर्जा एवं पीएचईडी मंत्री डॉक्टर बी डी कल्ला ने प्रदेश में पानी की विषम परिस्थितियों का हवाला देते हुए केंद्र सरकार से राजस्थान को पेयजल के लिए वित्तीय संसाधन उपलब्ध करवाने में प्राथमिकता देने की मांग रखी। उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा चलाए जा रहे “जल जीवन मिशन” के अंतर्गत राजस्थान में जल उपलब्ध करवाने के लक्ष्य को 55 लीटर प्रतिदिन प्रतिव्यक्ति की जगह 70 लीटर प्रतिदिन प्रतिव्यक्ति रखा जाने की मांग रखी।
डॉ. कल्ला सोमवार को नई दिल्ली के अशोक होटल में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत की अध्यक्षता में आयोजित जल जीवन मिशन पर विभिन्न राज्यों के जलदाय मंत्रियों के एक दिवसीय सम्मेलन में बोल रहे थे।उन्होंने राज्य के जल संसाधनों की उपलब्धता और आवश्यकता पर विस्तार से जानकारी देते हुए प्रदेश में पेयजल समस्या के स्थाई समाधान, राज्य में जल स्रोतों के संवर्धन व सतही जल स्रोतों को जोडऩे के लिए पूर्वी राजस्थान केनाल परियोजना एवं चंबल, ब्राह्मी बीसलपुर लिंक परियोजना के क्रियान्वयन के लिए अतिरिक्त बाह्य सहायता के रूप में 43 हजार करोड रुपए की विशेष सहायता उपलब्ध करवाने की मांग भी रखी।
डॉ. कल्ला ने जोधपुर बाड़मेर जिले के लिए आरजेएलसी तृतीय चरण परियोजना, अलवर के लिए चंबल अलवर डीएमआईसी ट्रांसमिशन परियोजना एवं झालावाड़ -बारां -कोटा के लिए परवन पेयजल परियोजना की क्रियान्विति के लिए 8172 करोड रुपए की विशेष सहायता उपलब्ध करवाने की बात भी कही, साथ ही पश्चिम राजस्थान में इंदिरा गांधी नहर, नर्मदा नहर आधारित परियोजनाओं के संवर्धन एवं विस्तार और बीसलपुर जयपुर परियोजना के दूसरे चरण द्वारा पेयजल उपलब्ध करवाने के उपायों के लिए भी केंद्र सरकार से विशेष सहयोग अपेक्षित बताया।
डॉ कल्ला ने केंद्रीय मंत्री से मांग रखी कि पिछले वर्षों में राज्य स्तरीय योजना स्वीकृति समिति द्वारा ग्रामीण जल प्रदाय परियोजनाओं को केंद्र एवं राज्य की साझेदारी में स्वीकृत किया गया। ये परियोजनाएं वर्तमान में प्रगतिरत है, जिनकी लागत पर केन्द्र सरकार के हिस्से का बकाया दायित्व 5073 करोड रूपए है इसे केंद्र सरकार जल्द से जल्द उपलब्ध करवाएं ताकि इन परियोजनाओं को समयबद्ध तरीके से पूर्ण किया जाकर लक्षित गांवों को समुचित पेयजल उपलब्ध करवाया जा सके।
पीएचईडी मंत्री ने बताया कि जल शक्ति मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार देशभर में खारेपानी से प्रभावित कुल ढाणियों और गांव में से अकेले राजस्थान में 92त्न स्थित है वही फ्लोराइड प्रभावित गांव ढाणियों में से 49 प्रतिशत वर्तमान में राजस्थान में स्थित है। इसके मद्देनजर जल जीवन मिशन के अंतर्गत आर.ओ. प्लांट लगाने की वित्तीय स्वीकृति दी जानी चाहिए । डॉ कल्ला ने प्रदेश में सौर ऊर्जा से संचालित नलकूप लगाने की वित्तीय स्वीकृति और पुराने डिफ्लोरिडेशन संयंत्र बदलने के लिए वित्तीय स्वीकृति की अनुमति देने की बात भी कही।
डां. कल्ला ने राज्य सरकार द्वारा पेयजल उपलब्ध करवाने के प्रयासों का जिक्र करते हुए कहा कि राज्य की नीति के अनुसार वर्तमान में 4000 से अधिक आबादी वाले मुख्य गांवों में घर-घर जल संबंधों के माध्यम से पेयजल उपलब्ध करवाने की योजनाएं बनाएं जाती है उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने 4000 से अधिक आबादी वाले शेष रहे 390 गांवों को घर-घर जल संबंधों के माध्यम से पेयजल उपलब्ध करवाने की योजनाएं बनाकर इनके क्रियान्वयन हेतु 2019-20 के बजट में घोषणा की है। डॉ. कल्ला ने कहा कि 15 वें वित्त आयोग से वित्तीय सहायता हेतु राज्य सरकार द्वारा तैयार किए गए प्रस्तावों में 3000 से अधिक आबादी वाले सभी गांवों को घर-घर जल संबंधों के माध्यम से पेयजल उपलब्ध करवाने की योजनाओं को सम्मिलित किया गया है जिसकी स्वीकृति के लिए केंद्र सरकार का सहयोग अपेक्षित है।
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार द्वारा पूर्व से चलाए जा रहे ‘राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम’ का पुनर्गठन करके इसको “जल जीवन मिशन” में मिला दिया गया है जिसके तहत केंद्र सरकार ने देश भर में पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए इसके उद्देश्यों को भी प्रभावी तरीके से परिभाषित किया है इस परिप्रेक्ष्य में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री की अध्यक्षता में यह प्रथम सम्मेलन दिल्ली के अशोक होटल में आयोजित किया गया जिसमें राजस्थान की ओर से डॉ. कल्ला के साथ प्रिंसिपल सेक्रेटरी, पीएचडी श्री संदीप वर्मा और चीफ इंजीनियर पीएचईडी (ग्रामीण) श्री सी.एम. चौहान भी उपस्थित थे।