Pandey Ji Ki Rapchik Duniya Book Launch

डॉ ललित के व्यंग्यों में मध्यमवर्गीय समाज की चिंताएं मुखरित होती हैं: आफरीदी

OmExpress News / New Delhi / मुख्यमंत्री ओएसडी एवं वरिष्ठ व्यंग्यकार फारूक आफरीदी ने कहा कि एक व्यंग्यकार के नाते डॉ. लालित्य ललित सृजन के प्रति संकल्पबद्ध हैं। वे अपने नियमित लेखन से पाठकों से रूबरू करते हैं जो व्यंग्य के प्रति उनके जज्बे को दर्शाता है। नियमित लेखन एक साधना है, यह एक रियाज है जिससे लेखन समृद्ध होता है। (Pandey Ji Ki Rapchik Duniya launched)
इंडिया नेटबुक्स से सद्य प्रकाशित व्यंग्य संग्रह ‘पाण्डेय जी की रापचिक दुनिया‘ उनका 26वां व्यंग्य संग्रह है जो अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है। इस संग्रह में उन्होंने मध्यमवर्गीय जीवन की दुविधाओं, दुःख-सुःख और जीवन संघर्ष को पूरी संवेदना के साथ प्रस्तुत किया है। इनमें मानवीयता और करुणा की झलक आती है।

ओ एस डी आफरीदी प्रेस क्लब ऑफ इंडिया, नई दिल्ली के सभागार में डाॅ. लालित्य ललित के नए व्यंग्य संग्रह  ‘पाण्डेय जी की रापचिक दुनिया‘ के लोकार्पण अवसर पर बोल रहे थे।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए सुप्रसिद्ध नाट्यलेखक और संस्मरणकार प्रताप सहगल ने कहा कि नियमित लिखने से रचनाओं में कसावट और परिपक्वता आती है। लेखक वह बड़ा होता है जिसे पाठक बार-बार पढ़े और जिसके नए अर्थ निकलते हों। ललित को अब उपन्यास जैसी बड़ी रचना लिखना चाहिए। वे परंपराओं के प्रति तो सजग हैं, रूढ़ियों को खंडित करें, और मूल्य आधारित सृजन करें। लेखक ने समय-समय पर खतरे भी उठाए हैं।

व्यंग्य यात्रा के संपादक डॉ प्रेम जनमेजय ने बतौर मुख्य अतिथि कहा कि ललित आलोचनाओं से घबराते नहीं हैं और उनका जवाब वे अपनी लेखनी से देते हैं। इनके द्वारा गढ़े पात्रों का अपना एक संसार है। इतने लंबे समय तक पात्रों को साथ लेकर चलना आसान बात नहीं है। वे अपने लेखन में निरन्तर नया रच रहे हैं। उन्होंने गद्य में पद्य का प्रयोग किया जो उनकी विशिष्ठता है।

हम अभी कोरोना की दूसरी लहर से निपटे हैं उस दौरान भी मेरा लेखन चलता रहा: डाॅ. लालित्य ललित

लेखक डाॅ. लालित्य ललित ने कहा कि हम अभी कोरोना की दूसरी लहर से निपटे हैं और बड़े लंबे अरसे बाद हम सब यहां एकत्रित हैं। उस दौरान भी मेरा लेखन चलता रहा। इन सब का श्रेय और इन सबकी प्रेरणा हमारे अपने गुरुजनों से मिलती है जिनमें आज हमारे बीच प्रताप सहगल और डॉक्टर प्रेम जनमेजय उपस्थित हैं और इन सबके साथ मेरे परिवार का भी पूर्ण सहयोग रहता है।

इस अवसर पर व्यंग्यकार प्रभात गोस्वामी, सुनीता सानू और एसआईईआरटी से सम्बद्ध रमेश कुमार ने भी अपने विचार व्यक्त किए।इण्डिया नेटबुक्स के महानिदेशक और वरिष्ठ साहित्यकार डॉ संजीव कुमार ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि वे पाठकों तक सुरुचिपूर्ण साहित्य पहुंचाने के साथ साहित्य संवर्धन के लिए प्रतिबद्ध हैं। वे लेखकों के प्रोत्साहन के लिए साहित्य पुरस्कार योजनाओं में भी सदैव भागीदार बने रहेंगे। हाल ही उन्होंने पांच पुरस्कार घोषित किए हैं।

कार्यक्रम में राजेश्वरी मंडोरा, डाॅ. मनोरमा कुमार, कामिनी मिश्रा, सोनी लक्ष्मी राव एवं विनय कुमार की भी विशेष उपस्थिति रही। कार्यक्रम अत्यंत सफल रहा। लोकसभा के संपादक एवं कवि रणविजय राव ने कार्यक्रम का संचालन किया।