नई दिल्ली। प्रख्यात कवि अशोक वाजपेयी ने कहा है कि रचनाकार का काम अपने समय और अपने अंधेरों की शिनाख्त करना है। यह काम हम जितनी शक्ति से दूसरों के प्रति करेंगे उतना ही शक्ति हमारे लिए भी जरूरी है। बीकानेर की कवियित्री डॉ. मेघना शर्मा की पहली काव्य कृति ‘मां होती हूं जब’ के लोकार्पण समारोह की अध्यक्षता करते हुए वाजपेयी ने यह कहा।
दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल एनैक्सी में यह आयोजन लिखावट संस्थान की ओर से हुआ। इस कृति का प्रकाशन सूर्य प्रकाशन मंदिर,बीकानेर ने किया है। वाजपेयी ने कहा कि पहले कविता संग्रह का प्रकाशन एक साथ जन्म और मृत्यु दोनों है। जरूरत इस बात की है कि हम अपने रचनाक्रम के प्रति सच्चाई रखे। कार्यक्रम का बीज व्यक्तव्य देते हुए बीकानेर के वरिष्ठ रंगकर्मी पत्रकार, साहित्यकार मधु आचार्य ‘आशावादी’ ने मेघना शर्मा की कविताओं को संवेदना और यथार्थ का दस्तावेज बताते हुए आज के समय की महत्वपूर्ण कृति बताया। दिल्ली के कवि तथा लिखावट संस्थान के संयोजक मथिलेश ने कहा कि मेघना शर्मा की कविताओं में नारी विमर्श के अलावा भी कई पड़ाव है। बीकानेर के कवि ,युवा पत्रकार हरीश बी. शर्मा ने काव्य संग्रह की कविताओं को रूढिय़ा तोड़ती, नियति से अहसहमत कविताएं बताया। कवयित्री शशी शर्मा ने मेघना शर्मा की काव्य यात्रा की जानकारी देते हुए उन्हें एक संघर्षरत कवयित्री बताया मेघना शर्मा ने इस मौके पर अपनी रचनाओं का पाठ किया तथा सृजन के क्षणों की अनुभूतियां साझा की। संचालन ज्योतिष जोशी ने किया।