बीकानेर । श्री संगीत भारती द्वारा टाऊन हॉल में हार्मोनी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें प्रख्यात गायिका डॉ. संगीता आर्य ने गीतों गज़लों और सूफियाना संगीत के सुरों से मंत्र मुग्ध कर दिया। मुक्ति संस्थान एवं सांझी विरासत के सहयोग से आयोजित देर रात तक चले कार्यक्रम में डॉ. संगीता आर्य ने अपनी गायकी के विविध रूपों से श्रोताओं को रूबरू करवाया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के उपाध्यक्ष एवं साहित्य अकादमी राजस्थानी भाषा परामर्श मंडल के संयोजक डॉ. अर्जुनदेव चारण थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता सदस्य मधु आचार्य ने की। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि पूर्व महापौर भवानी शंकर शर्मा, प्रमुख उद्योगपति शिवरतन अग्रवाल ‘फन्ना बाबू’, सेवानिवृत्त आईएएस एन राम थे। कार्यक्रम में प्रमुख शासन सचिव एवं स्काउट गाइड के चीफ स्टेट कमिश्नर श्री निरंजन आर्य भी उपस्थित थे। कार्यक्रम में डॉ. संगीता आर्य ने ‘फूल है चांद है’ (गज़ल), ‘सलोना सा सजन है’ (गज़ल) तथा ‘मोरे सैयांतो है परदेसÓ (सूफी गायन) तथा ‘मोहे अपने ही रंग में; (सूफी गायन) मधुर अंदाज में पेश किया। डॉ. आर्य ने शास्त्रीय संगीत में निबद्ध प्रसिद्ध रचनाएं भी सुनाई। कार्यक्रम में मुंबई के संगीतकार तरूण पंवार ने भी प्रसिद्ध शास्त्रीय रचनाओं से समां बांध दिया। कार्यक्रम में ऑर्गन पर अशफाक हुसैन, हारमोनियम पर जगदीश चौहान, गिटार पर संजय माथुर, ऑक्टोपेड पर मोहम्मद अजहरूद्दीन, तबले पर सावन डांगी तथा ढोलक पर धनंजय डांगी ने संगत की। इस अवसर पर डॉ. संगीता आर्य को संगीत मनीषी डॉ. जयचन्द्र शर्मा अवार्ड से नवाजा गया।
कार्यक्रम में व्यंग्यकार बुलाकी शर्मा ने अतिथियों का स्वागत किया। संयोजक अशफाक कादरी ने संगीत मनीषी डॉ. जयचंद्र शर्मा अवार्ड की जानकारी दी। मुक्ति संस्थान के राजेन्द्र जोशी ने धन्यवाद ज्ञापित किया। संचालन कु. मंदाकिनी जोशी ने किया।