अनिल सर अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त पुष्कर मेले के समापन के बाद ही अब पुष्कर में आज से दूसरा मेला शुरू हो गया है जी हां आज से पुष्कर में चुनाव प्रचार का अभियान दोनों पार्टीयो ने शुरू कर दिया है पुष्कर मेले में दोनों पार्टियां शांत रही लेकिन जैसे ही मेला समाप्त हुआ दोनों पार्टियों के उम्मीदवारों और कार्यकर्ताओं ने चुनाव प्रचार अभियान शुरू कर दिया है आज जहां कांग्रेस ने अपने चुनावी कार्यालय का उद्घाटन किया तो वहीं भाजपा प्रत्याशी सुरेश सिंह रावत ने जनसंपर्क कर मतदाताओं से अधिक से अधिक भाजपा को वोट देने की अपील की है।
तीर्थ नगरी में पानी की किल्लत फिर शुरू
तीर्थ नगरी पुष्कर में अब वापस पीने के पानी की समस्या का लोगों को सामना करना पड़ रहा है तथा लोगों को पीने के पानी के लिए दर-दर की ठोकरें खानी पड़ रही है कई इलाकों में मेला समाप्ति के बाद पानी नहीं आने से काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है तथा पीने के पानी के लिए मोहताज होना पड़ रहा है यही नहीं पुष्कर के बाजारों में लगी प्याऊओ में भी पानी नहीं होने से यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है पुष्कर में कई इलाकों में पानी नहीं आने से लोगों को पीने के पानी के लिए दर-दर की ठोकरें खानी पड़ रही है तथा महंगे दाम से पानी के टैंकर मंगवाने पड़ रहे हैं।
वरिष्ठ पत्रकार सीताराम पण्डित की कलम से
पुष्कर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की पुष्कर यात्रा के बाद उनके गौत्र को लेकर फिर से चर्चा तेज हो गयी है ।कल उनकी यात्रा के बाद जोर शोर से प्रचारित किया जा रहा है कि पुष्कर में आकर उन्होंने अपनी गौत्र दत्तात्रेय बता ही दी ।ऐसे में सवाल उठता है कि यदि राहुल गांधी को अपना गौत्र पता था तो इतने दिन क्यो नही बताये ।सरेराह ने जब राहुल गांधी की पूजा के वीडियो को बारीकी से देखा तो उसमें साफ नजर आ रहा है कि राहुल गांधी को यह भी नही पता था कि दत्तात्रेय क्या होता है ।जब संकल्प के दौरान नाम और गौत्र बोलने का नंबर आया तो पीछे से आवाज आई दत्तात्रेय लेकिन कोई कुछ समझ नही पाया फिर आवाज आई आपका गौत्र दत्तात्रेय फिर भी असमंजस बना रहा जब उन्हें बताया गया दत्तात्रेय गौत्र होता है फिर उन्होंने बोला गौत्र दत्तात्रेय ।ऐसे में साफ है कि राहुल गांधी को बिल्कुल पता नही था कि उनका गौत्र क्या है बल्कि उन्होंने पंडितों के कहने पर ही अपना गौत्र बोला था ।वैसे पंडितों का कहना है कि गौत्र पैतृक वंश की होती है और इसके अनुसार दत्तात्रेय गौत्र ब्राह्मणों या क्षत्रियों में ही होता है जबकि गांधी बनियो में आता है ।ऐसे में किसी भी सूरत में पैतृक वंश के अनुसार राहुल गांधी का गौत्र दतात्रेय नही हो सकता । बहरहाल गौत्र को लेकर भाजपा की और से राहुल गांधी को लगातार घेरा जा रहा था ।यही कारण था कि उन्होंने पंडितो के कहने पर ही अपने गौत्र का उच्चारण कर लिया ।
राहुल ने दिए बदली रणनीति के संकेत
पुष्कर देश मे सत्ता का सेमीफाइनल माने जाने वाले 5 राज्यो के विधानसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस दोनो ही हर उस हथियार को अपने बेड़े में शामिल करने के लिए तैयार है जिससे 2018 के साथ 2019 का फाइनल भी जीता जा सके । कांग्रेस ने भी अपनी परंपरागत रणनीति में बदलाव करते हुए सॉफ्ट हिंदुत्व की नीति से अपनाकर भाजपा को उसी की मान में जाकर मात देने की ठान ली है । वेसे तो कांग्रेस ने सबसे पहले गुजरात मे ही अपनी इस नई रणनीति का प्रयोग किया था और काफी हद तक सफल भी रहा बाद में इसी प्रयोग को कर्नाटक में भी आगे बढ़ाया ।सफलता के कारण अब इसमें कोई शंका नही की यह प्रयोग इन चुनावों के साथ अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों में भी जारी रहेगा । यही कारण है कि कांग्रेस ने को अब उन शब्दों या संकेतो से भी कोई परहेज नही है जिन्हें पहले वह साम्प्रदायिकता का प्रतीक मानती थी । कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष और स्टार प्रचारक राहुल गांधी ने अपनी पुष्कर यात्रा के दौरान ना केवल पूरे मनोयोग से सरोवर की पूजा अर्चना ओर जगत पिता ब्रह्मा की आरती उतारी बल्कि उन्होंने कुछ और भी ऐसे संकेत दिए जो कांग्रेस की बदली रणनीति की तरफ इशारा करते है । राहुल गांधी ने अपने पुश्तेनी पुरोहित की बही में जो संस्मरण लिखा उसकी शुरुआत जय हिंद ओर वन्देमातरम से की । यह वन्देमातरम वही शब्द है जिस पर कभी कांग्रेस को ऐतराज हुआ करता था ।वही ब्रह्मा मंदिर के प्रवासी सन्त प्रज्ञान पूरी ने ब्रह्मा मंदिर में राहुल गांधी के सिर पर जब सनातन धर्म के प्रतीक के रूप में भगवा सिरपेच बांधा तो राहुल गांधी की खुशी देखते ही बनती थी ।प्रज्ञानपुरी ने कहा कि उनकी राहुल गांधी से राम मंदिर को लेकर गुप्त चर्चा भी हुई है जिसमे उन्होंने मंदिर निर्माण को लेकर सकारात्मक संकेत दिए । हालाकि प्रज्ञानपुरी ने यह नही बताया कि दोनों के बीच क्या बात हुई है बहरहाल राहुल गांधी की पुष्कर यात्रा से उन्होंने कई सियासी सन्देश देने और साधने के प्रयास किये है । यह तो समय ही बताएगा की राहुल गांधी अपने लक्ष्य के कितना करीब पहुंच पाये है ।
इंदिरा गांधी जिनका करती थी इंतजार
पुष्कर विधानसभा चुनावों के बावजूद कांग्रेस में वरिष्ठों की अनदेखी और अंदरूनी खींचतान थमने के बजाय और बढ़ती जा रही है ।कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की पुष्कर यात्रा के बाद एक बार फिर वही सवाल खड़े हो गए है कि क्या पुष्कर में कांग्रेस के अंदर चल बरसो से चल रही गुटबाजी जारी रहेगी या फिर कस्बे में संगठन के फिर से अच्छे दिन आएंगे ।एक समय था जब पुष्कर काँग्रेस संगठन की तूती पूरे देश मे पार्टी के आला नेताओ तक बोलती थी ।यह वह समय था जब राहुल गांधी की दादी और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पुष्कर आयी थी ।उस समय पूर्व पालिकाध्यक्ष के पिता स्वर्गीय पुष्करनारायन शर्मा अपने खास समर्थको के साथ गउ घाट पर इंदिरा गांधी का स्वागत करना चाहते थे लेकिन उनकी सुरक्षा में तैनात अधिकारियो ने जब केवल कुछ लोगो के साथ मिलने की अनुमति दी ।इस पर शर्मा नाराज होकर घर चले गए ।जब पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी गउ घाट पर आई तो उन्होंने वहा पर अपने स्वागत के लिए कोई भी पार्टी का कार्यकर्ता नही दिखा इस पर वे बहुत गुस्सा हुई ।तब खुद पूर्व मुख्यमंत्री शिवचरण माथुर घर जाकर नाराज शर्मा को मनाकर लाये ।इसी तरह राहुल गांधी के पिता राजीव गांधी ने शर्मा को अपने साथ खुली जीप में बैठाया ।शर्मा के कहने पर ही राजीव गांधी गऊ घाट से पहले से उनके साथ ही चल पड़े ।कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी की यात्रा के दौरान शर्मा और उनके परिवार को पूरी तवज्जो मिली ।राहुल गांधी की कल पुष्कर यात्रा के दौरान पूर्व पालिकाध्यक्ष दामोदर शर्मा को बड़ी मुश्किल से पास दिए गए और फिर पास होने के बावजूद लिस्ट में नाम नही होने के कारण राहुल गांधी के पास नही जाने दिया गया ।अब इसे केवल सुरक्षा एजिंसीयो की मिसहेंडलिंग तो नही माना जा सकता ।साफ है लगातार हार के बावजूद कांग्रेस संगठन में अब भी सब कुछ ठीक नही चल रहा ।यही कारण रहा कि कई वरिष्ठ नेताओं को भी राहुल से मिलने का मौका नही मिला ।
राहुल गांधी की यात्रा नसीम अख्तर के लिए बनी सिर दर्द
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की पुष्कर यात्रा नसीम अख्तर के लिए अब सिर दर्द साबित हो रही है कल स्थानीय लोगो के साथ साथ पास नही बनने और राहुल गांधी के स्वागत नही करवाने से कार्यकर्ताओं में जबरदस्त नाराजगी उत्त्पन हो रखी है तथा पुष्कर में अब काँग्रेस में गुटबाजी होने से नसीम के लिए चुनाव में मुश्किलें पैदा कर दी है एक गुट के पास नहीं बनने से चुनाव में देख लेने की धमकी दे डाली जिसके चलते नसीम अख्तर को इनको मनाना एक चुनोती हो गई है । कल पुष्कर में राहुल गांधी के आगमन पर जंहा स्थानीय दुकानदारों श्रदालुओ पुरोहितों ओर आमजन को सुरक्षा के नाम पर काफी परेशान करने से जमकर आक्रोश उत्त्पन हो रखा है तो वही कई ऐसे कांग्रेसी कार्यकर्ताओं के पास नहीं बने जो पार्टी के वरिष्ठ होने के साथ साथ कांग्रेस से पार्षद का चुनाव भी लड़ चुके है कल हेलीपेड पर इतनी विकट हो गई कि कांग्रेसी कार्यकर्ता पास के लिए अपने से वरिष्ठ नेताओं को जमकर खरी खोटी सुनाकर निकल गए तो कई कार्यकर्ताओ को समझा बुझाकर दूसरे कार्यकर्ताओ के पास देने पड़े कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने बताया कि नसीम अख्तर और उनके पति इंसाफ अली ने उन कार्यकर्ताओं के पास बनाएं जो उनके आगे पीछे डोलते रहते हैं और उनकी चापलूसी गुलामी करते रहते हैं हमने जब पास की मांग की तो उन्होंने हमारा कोई पास नहीं बनाया यही नहीं कई वरिष्ठ कांग्रेसी कार्यकर्ता नाराज होकर राहुल गांधी के स्वागत के लिए भी नहीं गए कई कार्यकर्ताओं ने दबी आवाज में का कि हमारे साथ छल कपट किया गया तथा पास के लिए 2 दिनों तक मीठी गोली देते रहे हमारा पास नहीं आया यही नही हमे पास के लिए दर-दर की ठोकरें खानी पड़ी उन्होंने बताया कि पास उन लोगों के बना दिए जो कभी पार्टी में कोई बैठक और कार्यो में आए तक नहीं और कभी चुनाव प्रचार में भी नहीं आए उन्होंने बताया कि पास उन लोगों के बने जो गुलामी चापलूसी और आगे पीछे डोलते रहते हैं तथा कई वरिष्ठ कार्यकर्ताओं के भी पास नहीं बनने के कारण पुष्कर में कांग्रेसी कार्यकर्ताओं में काफी नाराजगी देखने को मिल रही है जिसके चलते चुनाव में अब नसीम अख्तर के लिए नई मुसीबत खड़ी हो गई है सबसे पहले अब अपनों से निपटने के लिए चुनौती हो गई है तथा अब अपने ही नसीम अख्तर को बगावत के तेवर दिखाने लग गए हैं इसके चलते अब नसीम अख्तर के लिए राहुल गांधी की यात्रा सिरदर्द साबित हो गई है इसका खामियाजा शायद अब चुनाव में भुगतना पड़ सकता है।
पुष्कर मेले में दिल्ली से आए दुकानदारों ने चोरी के शक में अपने नौकरों के साथ की जमकर मारपीट
पुलिस कर रही है मामले की जांच. कपालेश्वर महादेव मंदिर के पास पुष्कर मेले में महालक्ष्मी मेगा ट्रेड फेयर में दिल्ली से आए अस्थाई दुकानदारों ने पुष्कर मेले उनके साथ भरतपुर से साथ मे मजदूरी करने आए चार लड़कों के साथ आज पेसो को लेकर झगड़ा हो गया वही प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया की चोरी के मामले को लेकर शक के दायरे में दुकानदारों ने चारों लड़कों को एक टेंट में ले गए और नंगा कर कर बुरी तरह से डंडों से मारपीट की और जब लोगों ने छुड़ाए तो उनके साथ भी हाथापाई करने लग गए मामले की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और चारों लड़कों को और मारपीट करने वाले दुकानदारों को थाने ले गई प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि दुकानदारों वह गार्डो ने चारों लड़कों को नंगा करके एक टेंट में ले जाकर डंडों से बुरी तरह से मारपीट की उनकी की चीखे ओर आवाज सुनकर जब हम छुड़ाने गए तो हमारे साथ भी धक्का-मुक्की करने लगे लड़कों को इतनी बुरी तरह से मारपीट करते देखकर लोगों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी मामले की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और पुलिस के पहुंचने से पूर्व दोनों गार्ड और कुछ लोग मारपीट करने वाले गायब हो गए जबकि दो युवक मारपीट करने वाले पुलिस के हत्थे चढ़ गए पुलिस दोनों युवकों वह मारपीट के शिकार हुए चारों लड़कों को थाने ले गई है और मामले की जांच कर रही है।
पुष्कर मेला क्षेत्र से सिमटने लगी अस्थाई दुकाने
अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त पुष्कर मेले के समापन के बाद गत तीन-चार दिनों से मेला क्षेत्र में लोगों की काफी भीड़ देखने को मिल रही थी तो वहीं अब धीरे-धीरे भीड़ कम होने के साथ ही अस्थाई दुकानदारो ने भी धीरे धीरे अपनी दुकानें सिमटने में लग गए हैं जिसके चलते अब मेला क्षेत्र में रौनक कम होती जा रही है तो वहीं पशुओं के जाने से रेतीले धोरे भी सुनसान नजर आ रहे हैं पुष्कर मेले में लगे महालक्ष्मी मेगा ट्रेड फेयर और उद्योग क्राफ्ट मेले पी आज सिमट गए हैं मेले समाप्ति के बाद पुष्कर सहित आस पास के ग्रामीणों ने जमकर खरीदी की तो सर्कस और झूलों का लुफ्त उठाया।
पुष्कर में सफाई व्यवस्था आने लगी पटरी पर
अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त पुष्कर मेले के समापन के बाद चारों तरफ फैल रही गंदगी को नगर पालिका ने अपने अभियान चलाकर युद्ध स्तर पर सफाई दुरस्त करने का कार्य करवा रही है तथा धीरे-धीरे पुष्कर की सफाई व्यवस्था पटरी पर आने लग गई है चार-पांच दिनों से पुष्कर में युद्ध स्तर पर सफाई अभियान चल रहा है तथा जंहा गंदगी के ढेर लग रखें वहां से तुरंत प्रभाव से जेसीबी मशीन और ट्रैक्टर की सहायता से हटाया जा रहा है ईओ विकास कुमावत ने बताया कि पुष्कर मेले के दौरान हुई व्यापक गंदगी को हटाने के लिए नगर पालिका ने युद्ध स्तर पर सफाई अभियान चला रखा है तथा अब धीरे-धीरे पुष्कर की सफाई व्यवस्था पटरी पर आने लग गई है।(PB)