मुकेश पूनिया
बीकानेर। शंाति और सुकुन वाला बीकानेर जिला इन दिनों अपराधों का गढ बना गया है। लगातार बढ रहे संगीन अपराधों के कारण आमजन खौफ पैदा हो गया है। इससे पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं, पुलिस की सुस्तीस से आपराधिक लोगों के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं।
कई मामले तो ऐसे हैं जिनकी परतें पुलिस खोल नहीं पाई और लोग अब भूल भी चुके हैं। जानकारी में रहे कि जिले में पिछले छह महिनों में फायरिंग,लूटपाट,हमलेबाजी,नकबजनी,बलात्कार गैंगरेप की वारदाते बढी है। संगीन अपराधिक वारदातों रोकथाम में पुलिस की नाकामी से खाकी पर सवाल खड़े कर रही है। हालात यह है कि कानून व्यवस्था कमजोर नजर रही है।
रात गहराते ही शहर में गुण्डा तत्वों का तांडव शुरू हो जाता है,पियक्कड़ बैखोफ होकर घूमते है,शातिर चोर शहर की व्यस्ततम और प्रमख सड़कों स्थित दुकानों-प्रतिष्ठानों में चोरी की वारदातों को अंजाम दे रहे है। दुपहिया वाहन तो पलक झपकतें ही गायब हो रहे है। हथियार तस्करों ने फिर सक्रियता दिखानी शुरू कर दी है। क्रिकेट बुकियों और हवाला कारोबारियों ने बीकानेर को अपना गढ बना लिया है। सूदखोरों की धमकियों से आहत होकर लोग खुदकुशी करने को मजबूर है,दुष्कर्म पीडि़ताएं इंसाफ के लिये इधर उधर भटकने को मजबूर है। फिर भी पुलिस गंभीर नजर नहीं आ रही है।
सीएम दे चुके है सख्ती की हिदायत
जानकारी में रहे कि सीएम अशोक गहलोत भी पुलिस को सख्त लहजे में हिदायत दे चुके है कि आमजन में विश्वास के लिये पुलिस को सख्ती दिखानी चाहिए। मगर बीकानेर पुलिस का रवैया ढीला ही दिखा रहा है।