बिहार विधानसभा चुनाव में पांच चरणों का मतदान खत्म होने के बाद आए विभिन्न चैनलों के एग्जिट पोल में एनडीए और महागठबंधन के बीच कांटे की टक्कर नजर आ रही है। चार प्रमुख चैनलों के एग्जिट पोल के मुताबिक बिहार में अगली सरकार नीतीश कुमार की अगुवाई में ही बनेगी।
जबकि आजतक ने एनडीए को 120 सीटें दी हैं। वहीं न्यूज 24 चाणक्या ने एनडीए को 155 सीटें दी हैं। मालूम हो कि लोकसभा चुनाव और दिल्ली विधानसभा चुनावों में टूडेज चाणक्या के नतीजे सबसे सटीक रहे हैं।
इंडिया टीवी सी वोटर और आजतक सीसेरो के एग्जिट पोल की मानें तो बिहार में कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है। इंडिया टीवी के एग्जिट पोल के मुताबिक महागठबंधन की सरकार बिहार में बन सकती है, हालांकि स्पष्ट बहुमत पाना उनके लिए मुश्किल होगा, लेकिन सरकार बनाने के लिए जादुई आंकड़ा 122 के वे करीब होंगे।
एग्जिट पोल के मुताबिक बिहार में एनडीए 101 से 121 सीटों के बीच सिमट जाएगी। जबकि महागठबंधन को 112 से 132 के बीच सीटें मिल सकती हैं। वहीं अन्य दल 6 से 14 के बीच सीटें जीत सकते हैं। यानी सरकार बनाने में स्वतंत्र उम्मीदवार भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
आज तक चैनल पर प्रसारित इंडिया टुडे का एग्जिट पोल सबसे ज्यादा सीटें एनडीए को जरूर दे रहा है, पर वह सरकार बनाने के जादुई आंकड़े सी पीछे ही रह जाएगा। वहीं एक और चैनल न्यूज एक्स के एग्जिट पोल की मानें तो एनडीए अधिकतम 100 सीटें ही ला सकेगी। वहीं एबीपी न्यूज और नीलसन के एग्जिट पोल के मुताबिक महागठबंधन 130 सीटें लाकर सरकार बनाने में सक्षम होगा, वहीं एनडीए महज 108 सीटों पर ही सिमट कर रह जाएगी। इसी तरह न्यूज नेशन के एग्जिट पोल के मुताबिक महागठबंधन 122 सीटें ला सकता है जबकि एनडीए को 117 सीटें आ सकती हैं।
न्यूज 24 चाणक्या के एग्जिट पोल के मुताबिक बिहार में 51 फीसदी लोग बदलाव चाहते हैं। राज्य में भाजपा और सहयोगी दल 155 सीटें लाएंगे, जबकि जदयू और उसके सहयोगी दल महज 83 सीटों पर सिमट जाएंगे।
नेताओं के बयान जारी
एनडीए की सरकार बनेगी: अनंत
केंद्रीय मंत्री और बिहार भाजपा के चुनाव प्रभारी अनंत कुमार ने विधानसभा चुनाव के पांचों चरण के समापन पर दावा किया कि जनता ने भाजपा और एनडीए को हर चरण में लीड दिया है। हमें दो तिहाई बहुमत मिल रही है। उन्होंने कहा कि वोटरों ने निर्णायक बहुमत दिया है। महागठबंधन द्वारा उड़ाए गए अफवाह कि कांटे की टक्कर है और फोटो फिनिश है, को जनता ने नकार दिया।
180 से ज्यादा सीट जीतेंगे: मांझी
पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने 180 से ज्यादा सीट जीतने का दावा किया है। एग्जिट पोल रिपोर्ट आने के बाद गया के महकार स्थित घर पर उन्होंने कहा कि टूडेज चाणक्या के अलावा किसी ने भी एग्जिट पोल का आधार नहीं बताया गया है। टूडेज चाणक्या ने छह सवाल पूछे थे। इसमें जाति से भी जुड़े सवाल थे। मुस्लिम, कुर्मी और यादव को छोड़कर सभी का रुझान एनडीए की तरफ था।
महागठबंधन को 190 सीटें मिलेंगी: लालू
कई एग्जिट पोल में भले ही महागठबंधन को विरोधी एनडीए की तुलना में मामूली बढ़त मिलने का अनुमान लगाया गया हो, लेकिन राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद ने अपने गठबंधन को 190 सीटें मिलने का भरोसा जताया। उन्होंने कहा, हम 190 से कम सीटें नहीं जीतेंगे। लालू ने कहा, ये एग्जिट पोल शहरों में और एक कमरे में बैठकर तैयार किए गए हैं। लेकिन 190 सीटों का मेरा दावा चुनाव प्रचार के दौरान लोगों की नब्ज पढ़ने पर आधारित है। उन्होंने 190 सीटों की अपनी गणना को सही ठहराते हुए कहा, मेरे पास राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री है।
अभी कुछ नहीं, अब 8 नवंबर को ही बात करेंगे
– अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष
बिहार के लोगों ने खूब वोट किया। मैं जनता को भारी मतदान के लिए धन्यवाद करता हूं। लोकतंत्र की भावना और शक्ति की जीत हुई
– नीतीश कुमार, बिहार, सीएम
हर उम्र के लोगों ने दिया एनडीए को वोट
न्यूज 24 चाणक्या के एग्जिट पोल के मुताबिक हर उम्र के लोगों ने एनडीए की ओर ज्यादा रुझान दिखाया है। न सिर्फ युवा मतदाता बल्कि बुजुर्गों ने भाजपा और सहयोगी दलों के पक्ष में मतदान किया है। अगर 66 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों की बात करें तो 50 फीसदी से ज्यादा लोगों ने एनडीए में भरोसा जताया है।
न्यूज 24 चाणक्या के मुताबिक एनडीए को 46.16 फीसदी मत मिलने का अनुमान है जबकि महागठबंधन में शामिल दलों को 37.5 फीसदी मत ही मिलने का अनुमान है। इंडिया टीवी सीसेरो के एग्जिट पोल के मुताबिक एनडीए को 41 फीसदी वोट मिलने का अनुमान है जबकि महागठबंधन को 40 फीसदी वोट मिल सकता है।
न्यूज24 चाणक्या के एग्जिट पोल के मुताबिक बिहार की 51 फीसदी जनता बदलाव चाहती है जबकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कामकाज की बात करें तो सिर्फ 22 फीसदी लोग ही उनके कामकाज को अच्छा मानते हैं। 27 फीसदी ने कामकाज को औसत बताया है जबकि 41 फीसदी जनता कामकाज को खराब बता रही है।
किसके साथ गए मुस्लिम वोट
न्यूज 24 के एग्जिट पोल के मुताबिक 9 फीसदी मुस्लिम वोटर एनडीए के साथ रहे हैं जबकि 85 फीसदी मुस्लिम वोटरों ने जदयू-राजद कांग्रेस के साथ अपना भरोसा जताया है। सी वोटर के सर्वे के मुताबिक 8 फीसदी मुस्लिम वोटर एनडीए के साथ गए हैं जबकि 84 फीसदी वोटर महागठबंधन के साथ रहे हैं।
एग्जिट पोल के नतीजों से भाजपा को राहत
बिहार विधानसभा के एग्जिट पोल के मिले जुले नतीजों में न्यूज 24-टूडे चाणक्य के सबसे बेहतर माने जाने वाले अनुमानों में राजग सरकार की भविष्यवाणी से भाजपा नेता राहत में है। भाजपा इन संकेतों को काफी अहम मान रही हैं। उनके अपने अंदरूनी अनुमान भी इसी के आसपास हैं। दरअसल बीते कुछ चुनावों से चाणक्या के एग्जिट पोल में भावी सरकार के जो संकेत दिए गए थे, नतीजे उसी तरफ रहे थे। अब सबकी निगाहें असली नतीजों की तरफ हैं जो रविवार को आएंगे।
राहत के बावजूद भाजपा के प्रमुख नेता इन अनुमानों पर टिप्पणी करने से बच रहे हैं, लेकिन वे मान रहे हैं कि चाणक्या के अनुमान ही सही होंगे। इसकी एक वजह बीते लोकसभा चुनावों से लेकर अब तक हुए विधानसभा चुनावों में उसके अनुमान नतीजों के काफी करीब रहे थे। दिल्ली के विधानसभा चुनाव में भी उसने भाजपा की हार का अनुमान लगाया था और परिणाम उसी दिशा में रहे थे। दिल्ली की हार के बाद सहमी भाजपा अन्य एग्जिट पोल पर भी नजर रखे हैं, जिनमें वह पिछड़ रही है। हालांकि उसके अपने अनुमान भी जीत के हैं, लेकिन वह कोई जल्दबाजी नहीं दिखाना चाह रही है।
बिहार के चुनावों का छह प्रमुख एजेंसियों ने जो एग्जिट पोल किया था, उसमें टुडे चाणक्य ने एनडीए को 155 (+-11), महागठबंधन को 83 (+-9) और अन्य को पांच (+-3) सीटों की भविष्यवाणी की है। इस एजेंसी के अमूमन सही बैठने वाले एग्जिट पोल नतीजों के कारण पूरे एक माह से दबाब व तनाव में रहे भाजपा नेताओं के चेहरे पर सुकून आया है। हालांकि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने इस समय कोई टिप्पणी करने से इनकार करते हुए कहा है कि वे आठ नंवबर (नतीजों के दिन) ही बोलेंगे।
चाणक्या ने नतीजों के भाजपा के पक्ष में रहने के वाबजूद अन्य किसी एग्जिट पोल में भाजपा को बहुमत मिलते नहीं दिखा है, आजतक-सिसरो में वह सबसे बड़ा गठबंधन दिखाई दिया है और अन्य चार में वह महागठबंधन से पिछड़ी है। बिहार का चुनावी घमासान राज्य के जटिल सामाजिक व जातीय समीकरणों के चलते किसी के लिए भी आसान नहीं रहा।
एनडीए और महागठबंधन दोनों पक्षों ने सारे दांव खेले और उसमें आरोप प्रत्यारोपों के साथ भाषा ने भी शालीनता की सीमाएं पार कर ली थी। पांच चरणों के मतदान में पहले दौर से ही बने माहौल में भाजपा की चिंताएं बढ़ा दी थी। हालांकि भाजपा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत सभी प्रमुख नेताओं के धुंआधार प्रचार व जमीनी प्रबंधन को लेकर कोई कोर कसर नहीं छोड़ी।