नई दिल्ली पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने आज राज्यसभा के उपचुनाव के लिए कांग्रेस उम्मीदवार के रुप में अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। सिंह ने विधानसभा में निर्वाचन अधिकारी के समक्ष अपना नामांकन पत्र भरा। उन्होंने नामांकन पत्र के चार सेट दाखिल किये। इस अवसर पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट, कांग्रेस प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे, चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा, शिक्षा राज्य मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा सहित अन्य कई मंत्री तथा सरकारी मुख्य सचेतक महेश जोशी एवं उपसचेतक महेन्द्र चौधरी मौजूद थे।
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) एवं निर्दलीय विधायकों ने भी सिंह का समर्थन किया है। इस मौके पर विधायक राजेन्द्र सिंह गुढ़ा, लाखन सिंह सहित अन्य बसपा विधायकों ने पूर्व प्रधानमंत्री से मुलाकात भी की। इससे पहले सिंह के जयपुर पहुंचने पर हवाई अड्डे पर गहलोत, पायलट तथा अन्य कांग्रेस नेताओं ने उनका स्वागत किया। मनमोहन सिंह का राज्यसभा का कार्यकाल गत 14 जून को समाप्त हो गया था। कांग्रेस ने उन्हें इस बार राजस्थान से राज्यसभा के लिए अपना उम्मीदवार बनाया। वह वर्ष 1991 से अब तक पांच बार राज्यसभा के लिए चुने जा चुके है। उन्होंने एक बार लोकसभा चुनाव भी लड़ा लेकिन सफल नहीं हुए।
सिंह ने वर्ष 1999 में दक्षिण दिल्ली से लोकसभा चुनाव लड़ा लेकिन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) प्रत्याशी विजय कुमार मल्होत्रा के सामने चुनाव हार गये। प्रसिद्ध अर्थशास्त्री एवं दो बार देश के प्रधानमंत्री रहे मनमोहन सिंह पहली बार राजस्थान से राज्यसभा चुनाव लड़ रहे है। उन्होंने इससे पहले असम से राज्यसभा के चुनाव लड़े। राजस्थान में भाजपा के मदनलाल सैनी के निधन के बाद राज्यसभा सीट खाली हुई थी। इसके बाद इस पर उपचुनाव कराया जा रहा है, जिस पर भाजपा की तरफ से कोई उम्मीदवार खड़ा किया जाता है तो 26 अगस्त को चुनाव होगा।
उपचुनाव के लिए 14 अगस्त तक नामांकन किया जा सकेगा जबकि 19 अगस्त नाम वापसी की आखिरी तारीख है। इस चुनाव में कांग्रेस के पास अपने सौ विधायकों एवं एक राष्ट्रीय लोकदल के अलावा 12 निर्दलीय, छह बहुजन समाज पार्टी (बसपा) भारतीय आदिवासी पार्टी (बीटीपी) का भी समर्थन बताया जा रहा है। ऐसे में सिंह को राजस्थान से राज्यसभा भेजने में कोई अड़चन नहीं आती नजर आ रही है। भाजपा के पास फिलहाल 72 विधायक हैं। चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने मीडिया से कहा कि मनमोहन सिंह का इस चुनाव में चुना जाना निश्चित है लेकिन उनके जैसी शख्सियत को निर्विरोध राज्यसभा में भेजने में भाजपा को मदद करनी चाहिए।