बीकानेर। महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय, बीकानेर का चतुर्थ दीक्षान्त समारोह बुधवार को कुलपति प्रो. भगीरथ सिंह की अध्यक्षता में आयोजित हुआ। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रमुख शिक्षाविद् एवं साहित्यकार प्रो. नन्दकिशोर आचार्य ने दीक्षान्त उद्बोधन दिया। अतिथियों द्वारा परीक्षा 2017 के 51 अभ्यर्थियों को स्वर्ण पदक, 01 कुलाधिपति पदक, 01 जनवरी, 2017 से 31 दिसम्बर, 2017 की अवधि में शोध कार्य सम्पन्न कर चुके 70 अभ्यर्थियों को पीएच.डी. की उपाधि प्रदान की गई। स्नातक वाणिज्य में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थी को भारतीय कम्पनी सचिव संस्थान, नई दिल्ली के सहयोग से आई.एस.आई सिग्नेचर अवार्ड प्रदान किया गया।

दीक्षान्त समारोह को सम्बोधित करते हुए उच्च शिक्षा राज्य मंत्री भंवर सिंह भाटी ने कहा कि दीक्षा के साथ आप सभी विद्यार्थी समाज के उच्च स्थान पर विराजित होने वाले हैं। इस घड़ी में आप उन सभी का स्मरण करें, जिनके कारण आप यहां तक पहुँचे हैं और उनके लिए भी कुछ पल जीने का प्रयास करें। मुझे विश्वास है कि तब आपका जीवन बहुत धन्य हो जाएगा। उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त करने वाले विद्यार्थी परिवार, समाज और राष्ट्र में नवीन चेतना पुंज के रूप में प्रकाशित होंगे।


भाटी ने कहा कि शिक्षा वह उपकरण है जो जीवन, समाज और राष्ट्र में सभी असंभव स्थितियों में संभावना का बीजारोपण करती है। उन्नति का प्रथम सोपान शिक्षा है। इससे ही हमारे लोकतंत्र और भारतीय संस्कृति की रक्षा संभव है। उन्होंने विश्वविद्यालय में संचालित विभिन्न शैक्षणिक गतिविधियों एवं विकास कार्यो की भूरी-भूरी प्रशंसा करते हुए आशा व्यक्त की कि आने वाले समय में यह विश्वविद्यालय देश का सिरमौर विश्वविद्यालय में से एक विश्वविद्यालय होगा। राज्य सरकार इस विश्वविद्यालय के विकास में कोई कोर-कसर नही छोड़ेगी।

आने वाले समय में शीघ्र ही परिणाम देखने को मिलेगें। उन्होंने राज्य सरकार द्वारा पेश किये गए बजट में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में लिए गये निर्णयों को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि राज्य सरकार ने पहली बार एक साथ इतने महाविद्यालय ऐसी जगहों पर खोले हैं जहाँ पर अत्यन्त पिछड़ा क्षेत्र होने के कारण विद्यार्थी विशेषकर बालिका शिक्षा प्राप्त करने में वंचित रह रही थी।

कार्यक्रम में दीक्षान्त भाषण देते हुए प्रमुख शिक्षाविद् एवं वरिष्ठ साहित्यकार प्रोफेसर नन्द किशोर आचार्य ने दीक्षान्त समारोह की महत्त्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज के दिन विद्यार्थी दीक्षा प्राप्त कर एक नये जीवन की शुरूआत करता है। उन्होंने कहा कि दीक्षा प्राप्त करने का तात्पर्य केवल मात्र उपाधि प्राप्त कर लेना मात्र नहीं है अपितु ज्ञान अर्जन के साथ व्यक्ति अपने जीवन को समाज व राष्ट्र के प्रति समर्पित करता है। प्रो आचार्य ने कहा कि सरकारों को उच्च शिक्षा पर चिन्तन करते हुए उच्च शिक्षण संस्थानों के विकास में अपना योगदान देना चाहिए, जिससे इन संस्थाओं से निकलने वाले विद्यार्थी समाज व राष्ट्र की सेवा में अपनी हिस्सेदारी सुनिश्चित कर सके। उन्होंने ने महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय के विकास हेतु उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी के योगदान पर चर्चा करते हुए कहा कि उन्हें इस विश्वविद्यालय के विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाना चाहिए।


कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विश्वविद्यालय कुलपति प्रो भगीरथ सिंह ने कुलाधिपति एवं राज्यपाल श्री कल्याण सिंह के संदेश का वाचन किया। प्रो. सिंह ने कहा कि अंधकार से प्रकाश अर्थात् ज्ञान की ओर ले जाने का कार्य शिक्षा द्वारा ही संभव है। प्रो. सिंह ने विद्यार्थियों का आव्हान किया कि इस घड़ी में आप उन सभी को स्मरण करें, जिनके कारण आप यहां तक पहुँचे हैं। उनके लिए भी जीवन में कुछ विशिष्ट करने का प्रयास करें। कुलपति ने विश्वविद्यालय के विकास के बारे में विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि यह विश्वविद्यालय राज्य का सबसे पहला विश्वविद्यालय है जिसने रिकार्ड समय में परीक्षा परिणाम जारी कर पूरे राज्य में अपना अव्वल स्थान प्राप्त किया है। वर्तमान में विश्वविद्यालय में मात्र पांच शैक्षणिक विभाग कार्यरत है। उन्होंने उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी से आग्रह किया कि विश्वविद्यालय के विकास के लिए ओर अधिक विभागों की स्थापना की जावें जिससे इस क्षेत्र के विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा हेतु अन्यत्र नहीं जाना पड़े।

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कार्यक्रम के प्रारम्भ में कुलसचिव राजेन्द्र सिंह डूडी ने विश्वविद्यालय प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए विश्वविद्यालय में संचालित शैक्षणिक, शोध एवं विकास कार्यो पर प्रकाश डाला। समारोह में अतिथियों एवं प्रकाशन विभाग के प्रभारी उमेश शर्मा एवं दीक्षान्त प्रभारी डॉ बि_ल बिस्सा द्वारा दीक्षान्त समारोह पर प्रकाशित संवेत स्मारिका का विमोचन किया गया। समारोह में विश्वविद्यालय के प्रबन्ध बोर्ड, विद्या परिषद् के सदस्य, सम्बद्धता प्राप्त महाविद्यालयों के प्राचार्य एवं शिक्षकगण, वेटरनरी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विष्णु शर्मा सहित विद्यार्थियों के परिजन उपस्थित रहे। समारोह का संचालन डॉ मेघना शर्मा ने किया। समारोह का समापन शोभायात्रा के साथ सम्पन्न हुआ।

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